पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३५

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चतुवेदाकाप | अनुशिष्टि (स्त्री. ) विचारपूर्वक कर्तव्या- कर्तव्य का निरूपण करना | अनुशीलन, (न.) चालोचन | बार बार देखना विशेष रूप से अध्ययन | अनुशोचन, ( न. ) शोक | अनुभवः, ( पं. ) गुरुपरम्परा से उच्चारण "द्वारा जो केवल सुनी जाय। वेद । अनुषङ्गः (पुं.) दया करुणा एकत्र का दूसरे अर्थ में थन्वय करना । श्रीसता न्याय नु (स्त्री) सरस्वती । इसक प्रत्येक पाद में अनुष्ठानम् ( न. ) किया करना । प्रा छन्द विशेष | कार होते हैं । का प्रारम्भ अनुष्ठितः, (त्रि.) किया हुआ | सम्पादित | अनुष्ठाः, (त्रि.) अलस। मन्द | शीतल || अनुष्ठावल्लिका, (ली. ) नीली दूध । अनुसंस्था, (स्त्री) अनुमरण | अनुजञ्चरन्, (त्रि.) याना जाना करनेवाला । अनुसन्धानम्, ( न. ) अन्वेषण | खोज | पता लगाना | ढूंढ़ना । अनुसमुद्रम्, ( श्र.) समुद्र के समीप | अनुसरण (न.) अनुवर्तन | अनुसार, ) पहले के अनुरूप अनु- सरण अनुक्रम | अनुसारी, (त्रि.) अनुसार चलने वाला | अनुस्मृतः, (त्रि. ) सेवित | चाराधित | उपासित । अनुस्मृतिः, ( श्री. ध्यान अनुरमरख । अनुस्यूतम्, (त्रि.) अथित | मिला हुआ | निरन्तर संसक्त | खूप मिला हुआ । अनुस्वारः, (पुं.) स्वर के ग्राश्रय से उच्चा- रण किया जानेवाला । अनुह, (न. ) धनुकरण । अनुहारः, (पुं.) अनुकार | समानताकरगा | दूसरे के समान रूप भाषा शादि वा आविष्कार करना । अन 1 अनुकः, ( पं. ) पूर्वजन्म बीता हुआ जन्म | ( न. ) कुल । शील | अनुचानः, ( पं. ) साद पढ़ने वाला | वेदों का अर्थ करनेवाला ( 1ि. ) विनय युद्ध सविनय | [अनुचनमानी (मैं) का ज्ञाता समझने वाला कोदा अनूढः, (त्रि.) अविवाहित | द्वारा | अनूभू (त्रि.) न कहने योग्य | गुरु आदि . का नाम । अनूनः, (त्रि.) श्रद्दीन | भरा | अनृपः, (पं. ) महिष | शकुर (वि.) जलप्रायदेश अधिक जलवाला देश | जिस देश के चारों धार जल हो । अनूपनम, (न. ) श्रदरख। श्री। (त्रि. ) जल में उत्पन्न होनेवाला । अनुरुः, ( पुं. ) श्रम नामक सूर्य का सारथि | यह विनता का ज्येष्ठ पुत्र था। इसके ऊरु आदि नहीं थे। अनुकसारथिः, (पुं. ) सूर्य अनुचः, (पुं.) बालक जिसने दो का अभ्यास नहीं किया है. अनु: त्रि.) शठ कुटिल दुष्टाशय । अनृणी (नि.) ऋगामुक्त ऋगारहित । अनृतम्, (न. ) असत्य बिना देखे हुए भूठ कहना | सत्य कथन | अनेक, (त्रि. ) एक से अधिक बहुत अनेकधा, (अ.) अनेक प्रकार | बहुत तरह | अनेक (पुं. ) हाथी वृक्ष करूपम् (त्रि.) जिसक अनेक रूप हो । अन्त:, (.)नियत अनिश्चित | जो एक रूप न हो । जिसके विषय में कुछ निश्रित नहीं कहा जा सके। अन्तवादी (नि.) है या नहीं। जाँ यह निश्चित नहीं बतला सके। बौद्ध । जैन विशेष सात पदार्थों को माननेवाले नास्तिक विशेष |