पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३१९

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वात चतुर्वेदकोष । ३२३ वातरायण, ( पुं. ) उन्मत्त | पागल | निकम्मा मनुष्य । काण्ड । श्रारा। सरल का पेड़ । चातल, (त्रि.) तूफानी । वायु उत्पन्न करने वाला । (पुं. ) वात | रोग भेद | वातव्याधि, (पुं.) बाई की बीमारी । वातार, (पुं.) बादाम । फलदार पेड़ | वातापि, ( पुं. ), दैत्य विशेष जो अगस्त्य द्वारा मारा गया था। वाटिस, वात्सी, · वातापिसूदन, (पुं. ) अगस्त्य मुनि । वातामोद, (स्त्री. ) कस्तूरी वातायन, ( न. ) झरोखा । खिड़की । ( पुं. ) घोड़ा । वातायु, ( पुं. ) हिरन । वातारि, (पुं. ) एरण्ड का पेड़ | शतमूली । शेफालिका | यवानी । भाङ्ग । स्तुही । विडङ्ग । शूरण जन्तु का लाख । वाति, ( पुं. ) वायु | हवा । वातिक, (पुं.) बाई की बीमारी । वातीय, ( न. ) काँजी । चातुल, (त्रि.) वात उत्पन्न करने वाला । उन्मत्त । ( पुं. ) अन्धड़ वा का भँवर । घातूल, (त्रि.) देखो वातुल । वात्या, (स्त्री.) तूफान । वात्सक, ( न. ) बछड़ों का समूह | वात्सल्य, (न.) स्नेह जो अपने से छोटों- जैसे पुत्रादि, में होता है । ( स्त्री. ) ब्राह्मण के औरस से - उत्पन्न शुद्रा के गर्भ से उत्पन्न लड़की । वात्स्य, (पुं.) वत्स की सन्तान | वात्स्यायन, (पुं.) काम सूत्र के रचयिता | न्यायसूत्र के एक टीकाकार । वाद, (पुं.) बातचीत | वर्णन | वाद विवाद | तर्कना । न्याय का पारिभाषिक शब्द विशेष | ब्रम्वन, (न. ) बाजे का शब्द । चादर, (न. ) सूती कपड़ा । वाम वादूरायण, ( पुं. ) वेदव्यास वादाम ( बादाम:), ( न. ) फल विशेष । वादित्र, (न. ) मृदङ्ग आदि बाजा । वादिन, (पुं.) बोलने वाला । वक्ता | वादी | विवाद कर्त्ता । वाद्य, (न. ) हर प्रकार का बाजा। बाधू, (क्रि. ). बिगाड़ना । खिजाना | कष्ट देना । विवश करना | वाघ, (पुं. ) टूट | रोक । रुकावट | विघ्न | धाधुक्य, } ( न. ) विवाह । वाधूक्य, वाधीणस, (पुं.) गेंड़ा। वान, ( त्रि. ) सूखा । बनैला । ( न. ) सूखे फल । वानप्रस्थ, (पुं. ) तीसरा आश्रम | वानर, (पुं.) बन्दर | वानरेन्द्र, (पुं. ) सुग्रीव । बाली । वानस्पत्य, (पुं.) आम का पेड़ | वानायु, ( पुं.) अरब देश .. वानायुज, ( पुं. ) अरवी घोड़े। वानीर, (पुं. ) एक प्रकार के बेत । - वानीरक, (पुं. ) मूञ्ज । वान्त, (त्रि. ) उगला हुआ | वाप, (पुं. ) चुनाव | मुण्डन । बीज आदि का 1 लगाना | बड़ा कूप बापि, ((स्त्री.) बाँवली । - जिनमें जल तक पहुँचने को चकर- दार सीढ़ियां हों । चापी, वापीह, (पुं. ) चातक । पपीहा | वाप्य, (न. ) कुष्ठरोग की औषध ! (त्रि.) बाँवली का | वाम, (त्रि.) बायां | उल्टा | दुष्ट | प्यारा | मनोहर । छोटय । ( पु. ) जीवधारी । शिव । कामदेव । सर्प । छाती । निषिद्ध कर्म यथा मद्यपानादि । ( न. ) धन अधिकार | वामदेव, (पुं.) ऋषि विशेष । शिव । +