पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३१८

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वाग्दु 'चतुर्वेदीकोष । ३२२ वाग्दुष्ट, ( त्रि. ) चुरे शब्दों को (गालियों को ) प्रयोग करने वाला । वाग्देवता, ( स्त्री. ) सरस्वती | वाग्मिन् (त्रि. ) यच्छा वक्ता । वाग्मत, (नि. ) मौनी । वाय, (नि.) वस्तृत शक्ति विशिष्ट | वाग्मी । घाङ्गमती, (सी.) नदी विशेष | वाख, (पुं. ) एक प्रकार की मछली । वाचंयम, (त्रि. ) जिसने अपनी जिह्वा को वश में कर रक्खा है । ऋषि । वाचक, (पुं. ) पढ़ने वाला । कहने वाला । वाचक, (पुं. ) बोलने वाला व्याख्यान दाता | पाठक | वाचनिक, (त्रि. ) ज़बानी | वाचस्पति, (पुं.) बृहस्पति | पुष्य नक्षत्र | वाचा, ( स्त्री. ) वाणी । वाचाट, (त्रि. ) बहुत बकवादी । याचिक, ( . ) वाणी से किया हुआ | वाच्य, ( न. ) दूषण | कथन | द्रोप योग्य | चाळू. (क्रि. ) चाइना | 1 वाज, (न. ) वाजू । पर । तीर के पर लड़ाई | शब्द | यज्ञ | वेग | वाजपेय, ( न. ) यज्ञ विशेष जिसमें अन खाया और घी पान किया जाता है । वाजसनेथिन्, ( पुं. ) याज्ञवल्क्य वा नाम जो शुक्ल यजुर्वेद के प्रादुर्भाव कर्ता हैं । शुक्ल यजुर्वेदी | वाजननेविनों के अनुयायी | वाजिन्, (त्रि. ) तेज | दृढ़ | ( पुं. ) घोड़ा | तीर | वाजनयिन शाखाका अनुयायी | इन्द्र | बृहस्पति तथा अन्य देवता | वाजिन, ( न. ) बल । वीरता | सामर्थ्य । द्वन्द्व युद्ध | फटे दूध का जल वाजिनी, ( स्त्री. ) घोड़ी । उषा | भोजन | वाजिभक्ष, (पुं. ) चना | वाजीकरण, (न.) एक प्रकारकी औषध जिसके सेवन से मनुष्य अश्व की तरह मैथुन करने में समर्थ होता है। पौष्टिक दवाई | पुष्टाई । . वाम्छा, ( स्त्री. ) अभिलाषा | इच्छा | चाह वाट, (पुं. ) बाड़ा । घेरा । वाटिका | उद्यान | रास्ता । श्रन्न विशेष वाटिका, (स्त्री.) निवास का स्थान | बगिया | हिमपत्री | वाड्, (क्रि. ) स्नान करना । डुबकी मारना । वाडव, ( पुं. ) समुद्र की आग । ब्राह्मण | ( न. ) बोड़ियों का समूह | ( न. ) अतिशय । बहुतही । ( [अव्य. ) हाँ । प्रतिज्ञा | स्वीकृति । वाण (बाण ), ( पुं. ) तीर । एक दैत्य | व | कवि विशेष | मूअ । केवल । वाणवार ( बाणवार ), ( पुं. ) कवच | वाणहन् ( वाणहन्), ( पुं. ) बाणासुर के मदभअक | श्रीकृष्ण । वार्णि, ( स्त्री. ) चुनना । बुनने का चरखा | वचन । शब्द । सरस्वती । चाणिज, ( पुं. ) व्यापारी | बनिया | वाणिजिक, ( पुं. ) व्यापारी | गुण्डा | ठग | समुद्र की श्राग । वाणिज्य, ( न. ) व्यापार वाणिनी, ( श्री. ) बड़ी चतुर या उत्पात करने वाली स्त्री | नाचने वाली स्त्री | नटी । मदमस्त स्त्री । वाणी, ( स्त्री. ) शब्द । भाषा | प्रशंसा || सरस्वती । वाढ, 1 . वात वात, (क्रि.) जाना | सेवा करना | सुखी करना | वात, (त्रि. ) फूँका हुआ । चाहा हुआ | ( पुं. ) हवा | पवनदेव | गठिया | जोड़ों की सूजन | विश्वास शून्य प्रेमिक । ढीठ नायिक | वातकिन, (त्रि. ) गठिया के रोग वाला | वातकेतु, ( पुं. ) धूल | गर्दा । वातध्वज, ( पुं. ) मेघ । धूल | वातप्रमी, ( पुं. स्त्री. ) तेज़ हिरन वातरक्क, (न. ) गठिया रोग एक प्रकार का रोग |