पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

चतुर्वेदीकोष | ३०. अनि करने अनिलख:, ( पं. ) श्रग्नि | श्रमिलान्तक, (पुं.) वायुरोग को दूर वाला औषध । इङ्गदीवृक्ष । अनिलामयः, (पुं.) वातरोग । अनिवार, (त्रि. ) जिसका निवारण न हो । सतत । निरन्तर । अनिवार्य । न टरने योग्य | अनिशम्, (न. ) सदा । अविरत । सर्वदा । अनिष्टम्, (न. ) दुःख । कष्ट । प्रतिकूल । पापफल, ( त्रि.) अनभिलषित । निष्ट (स्त्री. ) नागबला नाम की ओषधि | अनीकः, ( पुं. न.) रण | सेना | अनीक स्थ, (पुं.) युद्ध में तत्पर | न्हस्तिशिक्षा में निपुण | रक्षक | राजाओं के अङ्गरक्षक | चिह्न। वीरमद्दलनामक बाजा । अनाधिकृतः, (त्रि. ) सेनापति । अनीकिनी, ( स्त्री. ) सेना। जिसका युद्ध करना प्रयोजन हो। इस सेना में २१८७ हाथी ! २१८७ रथ ६५६१ घोड़े और १०९३५ पैदल होते हैं । अनीचिदर्शी, (पुं.) बुद्धविशेष | अनीशः, (पुं. ) विष्णु | अनाथ | दीन । सहायकहीन । अनीशा, ( स्त्री. ) दीनभाव | दीना स्त्री | अनीश्वरः, (त्रि.) नास्तिक । शुभाशुभ कर्मों का फलदाता ईश्वर नहीं है ऐसा कहने वाला । अनी:, (त्रि. ) फलाशारहित । फल की इच्छा न रखनेवाला । निश्चेष्ट | अनिच्छुक | अनु, (अ.) उपसर्गविशेष | हीन | सहार्थक, पश्चादर्थक | सादृश्य । लक्षय्य भाग । वीप्सा | इत्थंभूताख्यान | अनुकः, (त्रि.) कामी । कामना करनेवाला । इच्छुक । अनुकम्, वितर्क । युक्ति । अनुकम्पा (स्त्री.) दया । करुणा | नृशं- सता का अभाव । अनुकम्प्यः, (त्रि.) कृपा करने के योग्य | दयनीय अनु अनुकरणम् ( न. ) ऋतुकृती । समानता- करण | नकल करना। चेष्टा शब्द यादि से किसी की समानता करना । अनुकर्ष, (पं.) रथ के नीचे रहनेवाली लकड़ी । जिसके बल पर पहिये रहते हैं । अनुकर्षणम् (न.) आकर्षण । ऊपर खींचना । अनुकल्पः, ( पुं. ) गौणकल्प । मुख्य के अभाव में उसकी प्रतिनिधि को कल्पना करना । प्रतिनिधि | अनुकार्मानः, (त्रि ) इच्छापूर्वक चलने वाला यंगष्टगमनशील । अनुकारः, (पुं.) समानताकरगा | अनुकरण | . समान काम करना । अनुकूल, (पुं.) नायक विशेष । जो एक नायिका में अनुरक्त रहे । ( त्रि. ) रहायक | साथी। साथ चलने वाला सहचर | अनुकूलता (स्त्री. ) दक्षता । अनुकूला, ( श्री ) छन्दविशेष इस छन्द के प्रत्येक पाद में ११ ग्यारह अक्षर होते हैं । अनुकृति (सी.) अनुकरण अनुक्रमः, (पुं.) परिपाटी। कम । यथाक्रम | सिलसिला । अनुक्रमणिका, (स्त्री.] ), भूमिका । ग्रन्थों का मुखबन्ध | परिपाटी बतलाने वाली । जिसमें किसी ग्रन्थ का विषय संक्षेप से दिखाया जाय । अनुमणी, (स्त्री.) भूमिका | ग्रन्थों का मुखबन्ध | अनुक्रान्त, ( त्रि. ) अनुकम से कहा गया । अनुक्रोश, ( पुं. ) दया । कृपी । अनुगः, (त्रि. ) अनुगत । पाँछे जाने वाला | सहचर |

अनुगत (त्रि. ) शरणागत पीछे पीछे चलने वाला । अधीन । श्रायत्त । अनुगमः, (पुं.) पचलना। सहायक होना । अधीन होना । सामान्य धर्म से समस्त विशेष धर्मों का संग्रह करना। नैयायिकों के मत से, जिस पदार्थ का जैसा रूप ज्ञान