पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२९

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चतुर्वेदीकोप | २८ अनवस्था, ( त्रि. ) तर्कविशेष । किसी विषय को युक्तियों के द्वारा सिद्ध करना तर्क है | जिरा तर्क में प्रमाणित करने वाली युद्धियों का अन्त न हो पर यथा कहा जाता है। स्थिति का भाव । अनवस्थान, (न. ) अवका अभाव । कहीं नहीं ठहरना । वायु | चवलं । शनर्वास्थितिः, (स्त्री. ) चपलता | मत्रास्ता | राग, द्वेष आदि से उत्पन्न चपलता । अनशनम्, (न. ) भोजन का अगाव | उप- वास । (त्रि. ) उपवासी । नहीं भोजन करने वाला | अनश्नन्, (त्रि. ) उपवासी । न खानेवाला अनश्वरः, (त्रि.) शाश्वत । सनातन । न (न. ) शकट रथ | माता | भात | अनसूया ( स्त्री. ) मुनि की सी | कर्दम प्रजापति की कन्या । ये बड़ी पति- व्रता थी। का अभाव | अनसूयुः, (त्रि. ) अनिन्दक | निन्दा न करने वाला | 1 अहंवादी, (त्रि.) गर्वोक्तिहीन । जो अपना गर्न प्रकाशित न करे । अहङ्कारः, (त्रि.) अहङ्कारशल्य | श्रकृति, ( सी. ) गर्न का अभाव | मनाकुलं, (त्रि. ) श्रव्यमचित्त | एकाग्रचित्त | स्थिर | एकाग्र | अनाक्रान्तः, (त्रि. ) अपराजित | अजेय 1 अनाकान्ता, स्त्री. ) कण्टकारी । भट- कटैया । अनागत, ( त्रि. ) नहीं आया हुआ काल । भविष्यत् काल | अनुपस्थित । श्रज्ञात । अनागतार्तवा, (स्त्री.) मासिकधर्मशून्य । अनाचार, ( पुं. ) निन्दित आचार | चाचारहीन | अनापः ( पुं. ) धूप का अभाव | छाया । अनात्मा (पुं.) शरीर । निकृष्ट शरीर | अनात्म्यम्, (त्रि.) रागादिदोषरहित । अना अनाथः, (त्रि. ) नाथरहित । दीन । स्वतन्त्र | मनाइरः (पुं. ) तिरस्कार | परिभव | अनादिः, (पुं.) परमेश्वर चतुर्मुल ब्रह्मा । (त्रि.) पादिरहित । अनादित्वम्, (न. ) जिसकी आदि किसी को मालूम न हो । अनादिनिधनः, ( त्रि. ) आद्यन्तव्य परमेश्वर जन्ममरणरहित । श्रतम् (त्रि. ) अवज्ञात । तिरस्कृत | अनापश्चः, ( त्रि. ) प्राप्त | अनामकम् ( न. ) चरीरोग ( पुं. ) मलमास । अनामय, (न. ) श्रारोग्य | मोक्ष नामक पुरुषार्थ पड्भाव विकाररहित परमात्मा । (त्रि.) नीरंग रोगरहित । श्रनामा, (सी.) छोटी अङ्गली के पास की । कहते हैं इसी ने ब्रह्मा के सिर काटे जाने में सहायता पहुँचायी थी इसी कारण इसका नाम नहीं लिया जाता । श्रदामिका, ( सी. ) मध्यमा और कनिष्ठा के बीच की थाली । अनायास (पं.) परिश्रम | थलेश | कष्ट का भाव । यल का प्रभावन विना परिभ्रम | प्रदायासकृतम्, (त्रि. ) विना यल किया हुआ | अल्प परिश्रमसे किया हुआ काम । अनारतम् (न. ) सतत | सदा सर्वदा । अविरत । लगातार | अनारम्भ (पुं.) आरम्भ का अभाव । अनार्जक ( पुं. ) रोग । झुटिलता । सरलता का अभाव । नार्तवम्, (न. ) पौष आदि चार महीनों में होने वाली वृष्टि का जल अनार्यः, (त्रि. ) दुर्जन । दुःशील | अधम | दस्यु |