पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२६

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अध्या चतुर्वेदीकोष | २५ अभ्यात्मयोगः, (पुं.) चित्त को विषयों से हटा कर आत्मा में लगाना | अध्यात्मविद्या (स्त्री.) अध्यात्मतत्त्व | न्याय और वैशेषिक के मत से देह भिन्न आत्मा के स्वरूप को बतलाने वाली विद्या अध्यात्म- विद्या कही जाती है । सांख्य मत से प्रकृति से भिन्न श्रात्मा के रूप को बतलाने वाली विद्यां अध्यात्मविद्या कही जाती है । और वेदान्तियों के मत से आत्मा और ब्रह्म में अभेद बतलाने वाली विद्या अभ्या- त्मविद्या है। अध्यापक, (त्रि. ) अध्यापन कराने वाला । उपाध्याय | पढ़ाने वाला । अध्यापन, (न.) ब्राह्मण का मुख्य कर्म । ब्रह्मयज्ञ | पढ़ाना । विद्यादान करना | अध्याय:, (पुं.) अध्ययन | प्रकरण । प्रन्थों का भागविशेष । जो एक विषय की समाप्ति बतलाता है। सर्ग | वर्ग । परिच्छेद काण्ड | अध्यारूढ (त्रि.) समारूढ । चढ़ाहुश्रा | अध्यारोप, (पुं. ) दूसरी वस्तु के धर्म को दूसरी वस्तु में लगाना | मिथ्या ज्ञान भ्रम वश दूसरी वस्तु को दूसरी वस्तु समझना, यथा- रस्सी को साँप समझ लेना । अध्यावहनिक, (न. ) पिता के घर से पति के घर जाने के समय स्त्री को मिला हुआ धन । स्त्रीधन । अध्याशन, (न.) भोजन पर भोजन एक बार भोजन करने पर भोजन करना | अध्यास, ( पुं. ) अन्य वस्तु में दूसरी वस्तु के धर्म का आरोप करना । अध्यारोप | मिथ्या ज्ञान। बैठने का स्थान | आसन । अध्यासित, (त्रि.) अधिष्ठित | आश्रित | सहारा दिया गया । भरोसा दिया गया । निवेशित | स्थापन किया गया। अध्याहार, (पुं. ) तर्क । ऊह साकांक्ष वाक्य को पूर्ण करने के लिये दूसरे शब्दों का अनुसन्धान करना। अपूर्व उत्प्रेक्षा | श्रध्युषितः, (त्रि. ) ठहरा हुआ । स्थित । अध्युष्टः, (पुं. ) उष्टयुक्त रथ | ऊँटगाड़ी । सध्यूढः, (पुं. ) ईश्वर प्रभु | धनी चढ़ने वाला । अध्यूढ़ा, ( स्त्री. ) अनेक व्याह करने वाले की पहली स्त्री । ऋध्येपणम्, (न. ) प्रार्थना | याचना के लिये प्रार्थना | अध्येष्यमाणः, (त्रि.) वह मनुष्य, जो अध्ययन करने वाला है । श्रध्रुवः, (त्रि.) चम्बल । विकारवाला । अनित्य | अस्थिर । विनाशी । (पुं. ) पथक | मार्ग चलने वाला | (त्रि. ) सूर्य | ऊँट | मार्गगामी । श्रोग्य (पुं.) पथिकों को सरलता से प्राप्त होने योग्य वृक्षविशेष अमड़ा नामक वृक्ष | श्रध्वजा, (स्त्री.) मार्ग में उत्पन्न होने वाला एक प्रकार का पौधा | स्वर्णपुप्पी | अध्वन्, (पुं. ) मार्ग | रास्ता | राह | श्रध्वनीन, (त्रि.) पथिक । मार्ग चलने वाला | चलने का काम करने वाला । श्रध्वन्य, (त्रि. ) पथिक | अधिक मार्ग चलने वाला । अध्वर, ( पुं. ) यज्ञ | ऋतु । सावधान | वसु- विशेष । अध्वरथ, ( पुं. ) मार्ग चलने वाला । दूतं | हरकारा मार्ग में जाने के उपयोगी रथ । अध्वर्यु, ( पुं.) यजुर्वेद को जानने वाला यज्ञ कराने वाला | ऋत्विक् | पुरोहित | अध्वर्युः, (स्त्री.) अध्वर्यु' शाखा पढ़ने वाली । अध्वर्युशाखाध्यायी के वंश में उत्पन्न स्त्री | श्रध्वशल्यः, (पु.) अपामार्ग । श्रध्वाळशात्रव, (पुं.) वृक्षविशेष । स्योनाक नामक वृक्ष । अन्. ( भा. पर.) प्राण धारण करना । जीना। थनंशुमत्फला, ( स्त्री: ) कदली वृश्च ।