पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२५

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चतुर्वेदीकोष | २४ अधो " अधीष्टः, (पं.) सत्कारपूर्वक व्यापार | ( त्रि.) सत्कार करके व्यापार में नियुक्त किया गया। आदर के साथ किसी काम के लिये किसी को आज्ञा देना । अधुना, (अ.) सम्प्रति । इस समय अधुनातन, (त्रि.) इस समय का । इस काल में होने वाला । अधृष्टः, (त्रि. ) लज्जाशील । विनयो । अधृष्यः, (त्रि.) तिरस्कार करने के अयोग्य | प्रगल्भ | पृष्ट । जो किसी से न दबे | अधृष्या, ( मी. ) एक नदी का नाम । शुकम्, (न.) पहनने का कपड़ा | नीचे पहनने का कपड़ा। धोती आदि । अधोक्षज, (पुं. ) विष्णु । जो इन्द्रियसम्बन्धी ज्ञान का विषय न हो । परब्रह्म । जिसने इन्द्रिय जन्य ज्ञान को तिरस्कृत कर दिया है । कृष्ण भगवान् । ज्ञानी । जीवन्मुक्त । अधोगतिः, ( स्त्री. ) नरक । अवनति | नीचे की ओर गति । अधोजिहिका, ( स्त्री. ) छोटी जीभ । जो तालु के मूल में रहती है । अधोदृष्टिः (त्रि. ) अपना विनय जनाने के लिये सदा नीचे की ओर देखने वाला । विनीत | विनयी । अधोभुवन, ( न.) पाताललोक | नाग- लोक । अधोमुख, (त्रि. ) नीचे की ओर मुखवाला । नक्षत्रविशेष । मूल, अश्लेषा, कृत्तिका, विशाखा, भरणी, मघा और तीनों पूर्वा ये अधोमुख नक्षत्र कहे जाते हैं । अधोमुखा (स्त्री.) गोजिह्वा नामक पौधा | अधोलोक ( पुं.) पाताल । अधःस्थित सप्तलोक | अधोवायु:, (पं.) अपान वायु । हवा खुलना । अध्यक्ष, (पं.) क्षीरिका वृक्ष (त्रि.) किसी विषय का अधिकारी। किसी काम की देख रेख करने के लिये नियत । आयन्यय- अभ्या निरीक्षक | व्यापक विस्तृत | चारों थोर फैला हुआ । ( ग.स.) प्रत्यक्ष ज्ञान । इन्द्रियों के द्वारा जानने योग्य | अध्याग्नि, ( न. ) बोधन जो विवाह के समय अग्नि को साक्षी करके पिता आदि अध्यधीनम् (न.) अधिक अधीन । जन्म का दास । बिका हुआ दास । अध्ययनम्, (न. ) पढ़ना। गुरु के मुख से उपदेश ग्रहण करना| गुरु की कही हुई बातों का. दुहराना । अर्थ सहित अक्षरों का महण करना । P अभ्यम्, (त्रि. ) आधे के साथ एक और आधा। डेढ़ । अध्यवसाय, ( पुं. ) निश्चय । निर्धारण । युक्तियों के द्वारा किसी बात को निश्चित करना । उत्साह बुद्धिसम्बन्धी व्यापार | किसी पदार्थ के शान होने के समय रजो- गुण और तमोगुण की न्यूनता होने के कारण जो सत्त्वगुण का प्रादुर्भाव होता है वह अभ्यवसाय है । बुद्धि | बुद्धि का प्रधान व्यापार | अध्यशनम्, (न. ) अधिक भोजन करना | अजीर्ण पर खाना । p अध्यस्तः, (त्रि. ) कृताध्यास | अध्यात्म, (अ.) आत्मा देह। मन । "स्वभा वोsध्यात्ममुच्यते " इस गीता के श्लोक में स्वभाव को अध्यात्म कहा गया है । "स्वभाव" का अर्थ टीकाकारों ने इस प्रकार किया है। कार्य कारण के समूह रूप देह का अवलम्बन कर के आत्मा विषय भोग करता है, उसी को 66 अध्यात्म " कहते हैं । ( मधुसूदन सरस्वती ) प्रत्येक देह में परब्रह्म का जो वंश वर्तमान है, वह अध्यात्म कहा जाता है ( श्रीधर ) | अध्यात्मशानम्, (न.) आत्मा और अनात्मा का विवेक ।