पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२४७

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प्रान्त चतुर्वेदीकोष | २४८ प्रान्त, ( पुं. ) शेष सीमा | प्रान्तर, (न.) दूर गम्य पथ । जङ्गल । वृक्ष की खोड़ | छायारहित मार्ग । प्राप्ति, (स्त्री. ) वृद्धि | लाभ | दूसरे स्थान पर पहुँचना । मेल । श्रणिमा आदि सिद्धियों में से एक | प्राप्य, (त्रि.) गम्य । पाने योग्य प्राभृत, (न. ) उपढौकन द्रव्य | भेट | प्रामाणिक, ( त्रि. ) टीक । प्रमाण सहित । प्रामाण्य, ( पुं. ) प्रमाण का होना । प्राय, ( पुं. ) मृत्यु बाहुल्य अनखाये मरना । प्रायश्चित्त, ( न. ) पाप दूर करने के शास्त्रीय उपाय | प्रायश्चित्तिन्, (त्रि. ) प्रायश्चित्त करने योग्य जन | प्रायस् (अन्य ) बहुतायत | तपस्या | प्रायोपविष्ट, (त्रि. ) धरना देने वाला । विना खाये पिये प्राण देने वाला । प्रायोपवेश, ( पुं. ) देखो प्रायोपविष्ट । प्रारब्ध, (न. ) भाग्य अदृष्ट ग्रारम्भ किया हुआ | प्रार्थना; (स्त्री. ) माँगना | हिंसा | विनती । प्रार्थित, (त्रि. ) माँगा गया । कद्दा हुआ | मारा हुआ। विनय प्रालम्व, (न.) बहुत लटकने वाला । प्रालय, ) नाश होने वाला । बर्फ । । दुपट्टा । पिछौरी । चादरा । प्रावरण, ( न. प्रावृष-षा, (स्त्री.) वर्षा काल । प्राश्निक, ( त्रि. ) कुशलादि प्रश्न पूँछने वाला । सभ्य | प्रास, (पुं.) भाला । प्रासाद, ( पुं. ) महल। प्रा, (पुं.) दिन का पहला पहर अच्छा या प्रथम दिन । प्राङ्केतराम्, ( श्रव्य. ) बड़े तड़के । प्रेय प्रिय, ( पुं. ) भर्त्ता | पति । मालिक । एक हिरन | मनोहर । प्रियंवद (त्रि. ) मधुर बोलने वाला । एक गन्धर्व | प्रियङ्गु, ( पुं. ) एक वृक्ष | एक बेल । राई । पीपल । कंगुनी । प्रियतम, ( पुं. ) अतिप्रिय | मयूरशिखा वृश्च । प्रियता, ( स्त्री. ) स्नेह | प्रियव्रत | प्रियदर्शन, (त्रि. ) सुन्दर प्रियव्रत, ( पुं. ) दृढ़नियमी । स्वायंभू मनु का पुत्र प्रथम राजा जिसने सूर्य के समान रथचक्र घुमाया था । प्रियाल, (पुं. ) पीपल का पेड़ । प्री, (क्रि.) तृप्त करना । प्रसन्न करना । प्रीणन, ( न. ) तर्पण | प्रसन्नता । प्रीत, (त्रि.) हृष्ट । प्रसन्न । प्रीति, ( स्त्री. ) हर्ष । प्रसन्नता । (क्रि. ) सरकना । ध्रुदू, (क्रि.) मलना । प्रुष, (क्रि. ) सींचना | भरना । प्यार करना । पुष्ट, (त्रि.) सड़ा हुआ । जला हुआ । प्रेक्षा, ( स्त्री. ) भले प्रकार देखना । पर्या- लोचन | प्रु, प्रेक्षावत्, (त्रि.) सोच विचार कर काम करने वाला। Į प्रेखा, (स्त्री.) परिभ्रमण घर विशेष नृत्य | प्रेङ्खोल (क्रि.) भूलना। प्रेत, (पुं.) नरकस्थ जीव । सूक्ष्म शरीर । मरा हुआ । प्रेतकर्मन्, ( न. ) दाह से ले कर सपिराडी- करण कर्म तक । प्रेतगृह, (न. ) श्मशान | प्रेतनदी (स्त्री. ) वैतरणी नदी | प्रेत्य, ( श्रव्य. ) लोकान्तर | मर कर प्रेमन्, ( न. ) इन्द्र और वायु | प्रेम और ठडा | प्रेयस् (त्रि. ) अतिप्रिय ।