पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२४६

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प्राकृ चतुर्वेदीकोष | २४७. • ▸ प्राकृत, (त्रि. ) नीच | स्वभावसिद्ध । बिगड़ी हुई बोली जो नाटकों में प्रायः काम में लाई जाती है। प्राकृतप्रलय, (पुं.) प्रकृति का लय जिसमें हो । ब्रह्मा के दिन की सम. प्ति में होने वाला दैनंदिन प्रलय प्राशन, (त्रि. ). पहिले का । प्रागभाव, (पुं. ) भविष्यन् काल । प्राग्भार, ( पुं. ) भारी बोझ | उत्कर्ष । बहुतसा । पर्वत का शिखर प्राग्रहर, (त्रि. ) जो सव से आगे किया जाय । प्राग्रय, (त्रि. ) श्रेष्ठ । नेक | बहुत आगे हुआ । प्राग्वंश, ( ) हवनशाला से पूर्व की ओर यजमानादि के रहने का घर । प्राधार, (पुं. ) यज्ञादि में अग्नि पर घी का प्रवाह | प्राधु (पुं. ) अतिथि । महमान | प्राङ्गण, ( न. ) आँगन | चबूतरा | हाता | बेड़ा | वाद्ययंत्र विशेष । प्राच, (त्रि.) पहिला समय और देश | पूर्व दिशा | प्राचीन, (त्रि.) पुराना या पूर्व दिशा का | प्राचीनवर्हिस, (पुं.) इन्द्र | एक राजा । प्राचीनावीत, ( न. ) श्राद्ध यादि कर्मों में यज्ञोपवीत का दहिने कन्धे पर रखना । प्राचीर, ( न. ) दीवार । नगरकोट । प्राकार । प्राचेतस, (पुं. ) प्राचीनवहिं राजा का पुत्र | वरुणपुत्र । प्राच्य, ( पुं. ) पूर्व का | शरावती नदी के पूर्व और दक्षिण भाग का देश । प्राजापत्य, (पुं.) आठ प्रकार के विवाहों में से एक प्रकार का विवाह । बारह दिन व्यापी एक व्रत । प्रजापति का चरु आदि । प्राध्य प्राश, (पुं. ) पण्डित । बुद्धिमान् । चतुर । प्राज्य, (न.) बहुत प्राञ्जल, (त्रि.) स्पष्टवादी | साफ । सञ्चा | प्राडविवेक, (पुं.) मुंसिफ न्यायकारी प्राण, ( पुं. ) शरीर का वायु विशेष | काव्य का जीवनरस | वायु | बल प्राणनाथ, (पुं. ) पनि । प्राणों का स्वामी । प्राणमयकोप, (पुं. ) कर्मेन्द्रिय सहित पांचो प्राण अर्थात् प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान | प्राणायाम, ( पुं॰ ) योग की क्रिया विशेष | प्राणाय्य, ( ग. ) ठीक | योग्य | उपयुक्त | प्राणिद्यूत, ( न. ) बाजी लगा कर मुर्गा, । मेढ़ा आदि को लड़ाना । · प्राणिन्, ( पुं. ) जीव । चेतन । प्राणीत्य, ( न. ) ऋण । कर्जा | प्रातःकृत्य, ( न. ) सवेरे करने योग्य काम | पूजा अनुष्ठानादि । प्रातःसन्ध्या, ( स्त्री. ) सवेरे करने योग्य सन्ध्या प्रातर, (अव्य. ) सबेरा | तीन घड़ी दिन चड़े तक । प्रातराश, ( पुं. ) सवेरे का भोजन । कलेवा | प्रातिका, ( स्त्री. ) जवा । प्रातिपदिक, ( पुं. ) सार्थक शब्द | प्रातिभाव्य, ( न. ) जामिन होना । प्रातिस्विक, ( न. ) प्रत्येक पदार्थ का स्वाभाविक धर्म । प्रातिहारिक, ( त्रि. ) मायाकारक | छलिया । प्राथमिक, (त्रि.) पहला ! प्रादुर्भाव, (पुं.) प्रकाश । आविर्भाव । प्रादेश, ( पुं. ) तर्जनी सहित फैला हुआ एक प्रकार का नाप । | प्रादेशन, ( न. ) दान देना | प्राभ्व, (पुं. ) रथ | रात्ता । नम्र | बद्ध |