पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१८७

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तुर्वेदीकोष १८८ त्रिफ त्रिफला, ('स्त्री. ) हड़, बहेड़ा, आँवला | त्रिभंगी, ( स्त्री. ) एक प्रकार का भाषाबन्द्र | त्रिभुज, (न.) तीन कोने वाला क्षेत्र । त्रिभुवन, (न.) स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल - ये तीनों लोक | त्रिमधु, (न.) घी, मिश्री, शहद त्रिमार्गगा, ( स्त्री. ) गंगा । श्राकाश, पृथ्वी और पाताल तीनों रास्ता से जाने वाली । त्रिमूर्ति, ( पुं.. ) ब्रह्मा, विष्णु, शिव त्रियामा, ( श्री. ) रात | हल्दी | नील | यमुना । करना । त्रिरेख, ( पुं. ) शंख । ( त्रि. ) तीन रेखा वाला । त्रिलोकी, ( स्त्री. ) तीनों लोक । त्रिभुवन | त्रिलोकेश, ( पुं. ) विष्णु । शिव | सूर्य । त्रिलोचन, (पुं. ) शिव । त्रिवर्ग, ( पुं. ) धर्म, अर्थ, काम | सत्व, रज, तम | आमदनी खर्च और बढ़ती। त्रिविक्रम, ( पुं. ) वामन अवतार से रूप बढ़ाने वाले श्रीविष्णु | तीनों लोक नाप कर भी एक पॉव घट रहने से त्रिविक्रम नाम हुआ | ! त्वदी त्रिशिरा, ( पुं. ) बुखार । कुबेर राक्षस विशेष | त्रिविध, (त्रि.) तीन तरह का । त्रिविष्टप, (न.) स्वर्ग त्रिवृत्, (पुं. ) मन, प्रण, श्रकार | त्रिवेणी, ( स्त्री. ) प्रयाग में स्थित गंगा यमुना सरस्वती का संगमस्थल | त्रिवेणु, (पुं. ) रथ का धुरा । त्रिशंकु, ( पुं. ) एक सूर्यवंशी राजा | टीड़ी | त्रियुग, ( पु. ) यज्ञपुरुष । त्रिरात्र, ( न. ) तीन रातें । त्रुटित, (त्रि.) टूटा हुआ । त्रिरुक्ल, ( न. ) तीन बार कह कर प्रतिज्ञां । त्रेता, ( स्त्री. ) सत्ययुग के बाद का ( दूसरा ) ! युग जुगनू । बिल्ली । पपीहा त्रिशिख, ( पुं. ) एक राक्षस बिल्वपत्र | ( न. ) त्रिशूल किरीट मुकुट | (त्रि. ) तीन नोकों वाला । त्रिशूल, (न. ) तीन नोकों वाला अन । त्रिशूली, (पुं. ) शिव । त्रिष्टुप् , ( स्त्री. ) एक वैदिक बंद । त्रिसन्ध्या, ( स्त्री. ) सबेरे, दोपहर और शाम त्रिसवन, (न. ) त्रिकाल न त्रिहायणी, ( स्त्री. ) तीन बरस की गऊ | द्रौपदी त्रुटि, (स्त्री.) लेश | संशय जितनी देर में आँख झपकती है उतना समय कमी । हानि | गल्ती । त्रेधा, (श्र.) तीन तरह। तीन रूप त्रैगुण्य, ( न. ) संसार तीन ( सत्त्व, रज, तम ) गुण | त्रैमासिक, ( त्रि. ) तीन महीने का | त्रैराशिक, (न. ) गणितविशेष । त्रैलोक्य, (न. ) त्रिलोकी । त्रैवर्णिक, (त्रि. ) द्विज । ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य वर्ण का । व्यक्ष, (पुं. ) तीन नेत्र वाला । शिव । व्यक्षर, (पुं.) ओंकार । त्र्यङ्गुल, ( न. ) तीन अंगुल की माप । त्र्यम्बक, (पुं. ) शिव | त्रिनेत्र | त्रिलोचन | त्र्यम्बकसखा, ( पुं. ) शिव का मित्र कुबेर । व्यहस्पर्श, ( पुं. ) वह दिन जिसमें तीन तिथियों का समावेश हो जाय । त्वक् (स्त्री.) खाल । छाल । त्वकूसार, (पुं. ) वाँस | तेजपात | दाल- चीनी । गुर्च । “ त्रि. ) जिसमें केवल छाल ही छाल हो ऐसा वृक्ष अथवा प्राणी | त्वकसुगन्ध, (पुं.) नारङ्गी | त्वचा, (स्त्री.) खाल । छाल । त्वदीय, (चि.) तुम्हारा।