पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१८६

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त्रपु, (न. ) टीन | सीसा । त्रपुटी, (स्त्री.) छोटी इलायची । त्रपुस्, (न. ) राँगा | टी चतुर्वेदीकोष । १८७ त्रय, (न. स्त्री. ) तीनों का भाग । तीन भाग वाला। तीन संख्या वाला । वेदत्रयी | देवत्रयी | कुटुम्बिनी स्त्री । चच्छी बुद्धि । त्रयीधर्म, (पुं. वेदत्रयी से विधान किया गया धर्म। वैदिक धर्म त्रयोदशन, ( त्रि. ) तेरह । त्रयोदशी । असू, (क्रि. ) डरना | भय खाना । त्रसरेणु (पुं. ) सूर्य की किरण में व्याप्त परमाणु का छठवाँ अंश । सूर्य की स्त्री का नाम । अस्त, (त्रि.) भीत। डरा हुआ । चकित । हैरान | जल्दी | त्वरा | त्रस्नु, (त्रि.) डरपोक । भीरु । त्रापुष, (त्रि. ) राँगे अथवा टीन का पात्र | त्रि, (त्रि.) तीन । त्रिंश, (त्रि. ) तीस या तीसवाँ । त्रिक, (न.) तीन का समुदाय पीठ की हड्डी के नीचे का प्रदेश | त्रिफला । त्रिकटु | ( सोंठ, मद्य, मिरच ) । त्रिककुद् (पुं.) त्रिकूट पर्वत । त्रिकाल, (न. ) भूत | भविष्यत् । वर्त्तमान | त्रिकालश, (पुं. ) ज्योतिषी सर्वज्ञ सन कुछ जानने वाला । त्रिकूट, (पुं.) लङ्का जिस पर्वत पर बसी वह सुवेल पर्वत । 1 त्रिपु त्रिजटा, ( स्त्री. ) एक राक्षसी । त्रितय, ( न. ) तीन वस्तुओं का समूह | तीन । त्रिदण्ड, (न.) संन्यासियों का चिह्न । त्रिदण्डी, (पुं. ) संन्यासीविशेष । त्रिदश, ( पुं. ) देवता । त्रिदशाधिप, ( पुं. ) इन्द्र | परमात्मा विष्णु त्रिदशालय, (पुं ) देवतों के रहने का स्थान । स्वर्ग | त्रिदिव, (पुं. ) आकाश | स्वर्ग | त्रिदोष, ( पुं. ) सन्निपात की अवस्था, जन वात पित्त श्लेष्मा तीनों में दोष हो जाता है। त्रिधा, ( श्र.) तीन तरह । तीन टुकड़े । त्रिधामा, ( पुं. ) अग्नि | शिव | विष्णु । त्रिनयन, ( पुं. ) शिव (त्रि. ) तीन आँख वाला । ( स्त्री. ) दुर्गा । क्रोधी । त्रिनेत्र, (पुं.) महादेव जी । त्रिपथगा, ( स्त्री. ) गंगा | तीन रास्तों से जाने वाली । मन्दाकिनी आदि नामों वाली । त्रिपदी, ( स्त्री. ) लताविशेष । एक वैदिक छन्द | हाथी के पैर बाँधने की साँकल | तिपाई । एक भाषा का छन्द | त्रिपर्ण, ( पुं. ) ढाक | बेल का वृक्ष । त्रिपात्, ( पुं. ) विष्णु । ज्वर । त्रिपुट, (पुं. ) दोना । हथेली । धनुष । चमेली। छोटी इलायची | गोखरू | त्रिपुराडू, (न.) मस्तक में भस्म की तीन लकीरों का तिलक । श्राड़ा तिलक । त्रिपुर, (पुं.) दैत्यविशेष । मयासुर के बनाये असुरों के तीन सोने चाँदी और लोहे के पुर, जिन्हें शिव जी ने बाण मार कर भस्म कर दिया। त्रिकोण, (त्रि.) त्रिभुज | लग्न से नवाँ और पाँचवाँ स्थान | त्रिगर्त, ( पुं. ) तीन गढ़े । देशविशेष । उस देश के रहने वाले । त्रिगुण, ( न. ) रज, सत्त्व और तमस् । त्रिगुणाकृत, (त्रि.) तिगुना खींचा गया था | त्रिपुरभैरवी, (स्त्री.) देवीविशेष । त्रिपुरारि, (पुं. ) शिव । जोता गया खेत आदि । त्रिगुणात्मक, (त्रि. ) त्रिगुणमय । त्रिगुण रूप। , ( न. ) अज्ञान । ' प्रधान ' नामक तत्त्व | त्रिपुष्कर, ( पुं ) एक ज्योतिष का योग | ( न. ) पुष्करक्षेत्र |