पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१५३

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गुच्छ चतुर्वेदीकोष । १५३ गुच्छ, (पुं.) गुच्छा | स्तवक बाइस लड़ियों का हार । मोर का पर। मोतियों का हार । गुत्स, (पुं.) ताल वृक्ष । इसका प्रत्येक पत्ता गुच्छे जैसा होता है | गुच्छफल, (सं.) रीठा । करजा | इमली । अग्निदमनी केला । दाख आवाज करना । गूजना | कूकना । गुञ्ज, ( स्त्री. ) लताविशेष । मापभेद । नगाड़ा | मीठी और श्रीमी आवाज | कलारी । रत्ती । गुटी, ( स्त्री. ) गोली | वढी । मूर्ति । गुठू, (क्रि.) लपेटना गुड्, (क्रि. ) लपेटना | तोड़ना | रोकना | गुड, (, पुं.) गोल हाथी का फन्दा | गुड़ | गुडत्वक्, (सं.) मीठी छाल वाला । दालचीनी | गुडपक्ष, (पुं.) मधूक । महुआ । गुड़ाकेश, (पुं. ) नींद को वश में करने वाला । शिव । अर्जुन । गुडुची, (स्त्री. ) गिलोय | गुर्च । गुण, (पुं.) रोदा | प्रत्यचा । धनुष खींचने की रस्सी | तन्तु | दुहराना । दूर्वा घास | गुणक, (पुं.) वह राशि जिसके साथ गुणा जाता है। गुणवृक्षक, (पुं. ) मस्तूल | गुणित, (गु. ) चोटिल। पूरित । . गुणिन्, (पुं. ) धनुष । गुणीभूतव्यङ्गन्य, (न. ) अलङ्कार हुआ मध्यम काव्य | में कहा . गुण्डिक, ( पुं. ) पिसे हुए चावल आदि । गुद्, (क्रि.) खेलना । गुद, (न. ) गुदा । मलद्वार | गुदकील, (पुं.) बवासीर रोग । गुधू, (क्रि. ) रोकना | लपेटना | गुप्, (कि. ) निन्दा करना | बचाना। घबराना । गुप्त, ( ग्र.) रक्षित | छिपाया हुआ । वैश्य की संज्ञा | गुहाँ गुप्ति, ( स्त्री. ) किसी राजा का निज नगर | दूसरे का नगर । रक्षा। पहरा । बन्दीगृह | पृथिवी का गढ़ा | मैला डालने का स्थान । यम । गुफ्, (क्रि. ) ग्रन्थ | गाँठना । गुम्फ, ( पुं ) बाहु का भूषण | बाजू | जोशन । डाढ़ी । गुस्फित, (गु. ) गुथा हुआ । गुरु, (क्रि.) मारना । जाना । यत्न करना । कष्ट देना । हानि पहुँचाना | गुरु, ( पुं. ) जो अज्ञान को दूर कर, धर्मों- पदेश करता है । पिता | वेद पढ़ाने वाला आचार्य । शास्त्र पढ़ाने वाला | सम्प्रदाय चलाने वाला । बृहस्पति । पुष्यतारा | दो मात्रा दीर्घस्वर वाला वर्ण । बिन्दु और विसर्ग वाला एकमात्र | द्रोणाचार्य | बलवान् । भारी । पूजने योग्य | माननीय | बड़ा । गुरुतल्पग, (पुं.) गुरु की सेज पर जाने वाला । सौतेली माता के पास जाने वाला । गुर्जर, ( पुं. ) गुजरात देश । गुर्विणी, ( स्त्री. ) गर्भवती स्त्री । गुर्वी, ( स्त्री. ) गर्भवती । बड़ी स्त्री | आदर योग्य स्त्री | गुल्फ, (पुं.) पावों की गाँठें । गट्टा | गिटुश्रा | गुल्म, (पुं. ) प्रधान पुरुषों से युक्त रक्षकों का दल जिसमें 8 हाथी, ६ रथ, २७ घोड़े, ४५ पैदल हों । रोगविशेष । झाड़ी । तिल्ली का रोग | गुल्ममूल, (न. ) अदरक गुल्मवल्ली, ( स्त्री. ) सोमलता । गुवाक, (पुं.) सुपारी । पूगीफल | गुहू, (क्रि. ) संवरण करना । छिपाना । गुह, ( पुं. ) कार्तिकेय । घोड़ा । शृङ्गवेरपुर के निषादों का राजा और श्रीरामचन्द्र जी का मित्र | गढ़ा | विष्णु । सिंहपुच्छी बेल । गुहाशय, ( पुं. ) अज्ञान । सिंह । हृदय । जीत । ईश्वर अर्थात जो गढ़े में सोता है ।