पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१४४

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खर्चा 'चतुर्वेदीकोष । १४४ खर्बा, ( स्त्री. ) छोटे अंगों की स्त्री । बवनी । नाटी स्त्रीविशेष | खर्बुरा, ( स्त्री. ) तरदी वृक्ष । खबूजम्, (न.) खर्बूजा। प्रसिद्ध लताफल | खलपूः, (त्रि.) जगह का साफ़ करने वाला । फरोस । झाडू देने वाला। खलः, (पुं.) सूर्य | तमाल का पेड़ | धतूरा | भूमी | स्थान | पीसी हुई गीली लुवदी । खलता, ( स्त्री. ) दुष्टता । आकाशबेल । खलतिः, (पुं.) चंदुला। गंजा | खलु, (अन्य ) निश्चय । पूँछना | वचन के शोभा करने वाला । विशेष इच्छा | निषेध करना । शब्द को पूरा करने वाला | कारण ! खर्मम्, (न.) पुरुषार्थ | रेशमी वस्त्र । खलमूर्तिः, (पुं. ) पारा । दुष्टमूरत । खलकपोत, (पुं. ) धान छाँटने की जगह | यथा कबूतर एक ही बार था कर एकट्ठे गिरते हैं तथा विशेषणों का एक स्थल में अन्वय होना इसी तरह एक न्यायभेद । खल्या, (स्त्री.) खलों का जो समुदाय । धान छाँटने का समुदाय । स्थान । खल्ल, (पुं.) एक तरह का कपड़ा । काम । गढ़ा। चातक पक्षी । पपीहा दवाई । मलने का पात्र । खल । ओस । खवाष्प, (न.) रात्रि को बहने वाला आकाश से । श्रोस । बरफ | मसा | खश, (पुं.) हिमालय के पास का देश । देश विशेषभेद । पतित । क्षत्रियभेद | खसखस, ( पुं. ) पोस्ते का बीज वृक्षभेद । जिसका दूध अफीम है। खजिक, (पुं.) लावा। खील । जो तनिक वायु लगने से उड़ने लगते हैं । खटि, (पुं. स्त्री.) रथी । मुर्दा ले जाने की वस्तु | खांडव, ( पुं. ) इन्द्रप्रस्थ । देहली शहर । नगर के पास का वन खलाधारा, (खी:) तेल पीने वाली । तिल- चट्टा भाषा है। खुर खलिः, (पुं. ) तेल का कीट | खरी जो चौपाय को खिलाई जाती है। "" खलिनः, (पुं. न.) कविकामे । घोड़े वास्ते देय । खात, (न. ) गढ़ा । तलैया आदि । पूर्ते खातादि कर्म च इति स्मृतिः । खातक, (पुं.) परिखा । खाँई । ऋणी । कर्जदार | खाद्, (क्रि. ) खाना | खादक, (पुं. ) कर्जदार खाने वाला । (त्रि. ) खादिका स्त्री । खादिर, (त्रि. ) खैर । खैर की लकड़ी का बना हुआ यज्ञस्तंभादि । खारी, ( स्त्री. ) अनाज के नाप का प्रमाण । तौल अर्थात् १२ मन ३२ सेर जो होता है । खारीक, (त्रि.) खारी | १६ द्रोण परिमाण | धान के बोने का खेत । खार्कार, (पुं.) गदहे का बोलना। जो दूर से शंख के समान मालूम हो । खिट्, (क्रि.) भयभीत होना । खिद्, (क्रि. ) दीन होना । खिन्न, (त्रि.) दुःख में पड़ा हुआ। आलसी । खेदयुक्त | खिल, (क्रि. ) किनकियों को चुंगना । दाना २ लेना । खिल, (त्रि.) हल नहीं चला हुआ खेत आदि । थोड़े में तत्त्व प्रथम न कहे गये का परिशिष्ट श्रंश वर्णन | खु, (क्रि. ) शब्द | आवाज करना | खुज्, (क्रि.) चोराना । खुङ, (क्रि. ) फाड़ना । टुकड़े २ करना । खुर, (पं.) पशु के खुर नख। नखला (भाषा में) गन्धद्रव्य | नहनी । नाई का शत्र नख काटने वाला । छुरा बार बनाने का पलूँग का पाया इत्यादि । खुरणस, (त्रि.) जिसकी नाक खुर के समान हो । चिपटी नाक वाला या चौड़ी नाक वाला।