पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१०१

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चतुर्वेदीकोष । १०१ 7 ऊर्द्ध ऊर्द्धपाद, (पुं. ) शरभ नामक जीव जो हाथी का शत्रु है । इसके आठ पावँ होते हैं । ऊर्द्ध्वपुण्ड्र, (पुं. ) ऊँचा \\ दण्डाकार या गन्ने T "जैसा सीधा तीन रेखा वाला टीका तिलक जिसे वैष्णव लोग धारण करते हैं और धार्मिक प्रधान चिह्न मानते हैं । ऊर्द्धरेतस, (पुं.) जिसका वीर्य ऊपर हो । नीचे न गिरता हो । खण्ड ब्रह्मचारी जैसे महादेव । सनकादि । संन्यासी | भीष्म ! पितामह | ऊर्द्धलिङ्ग, (पुं.) महादेव । ऊर्द्धलोक, (पुं. ) स्वर्ग । ऋक्षराज, (पं.) जाम्बवान् | चाँद । ऋग्वेद, ( पुं. ) वेद जिसमें प्रधान विषय देवताओं की स्तुति है अथवा : जिसमें परमात्मा की स्तुति का वर्णन है। भारत की सबसे पुरानी धर्मपुस्तक । ऊमि, ( पुं॰ ) तरङ्ग । लहर । प्रकाश | वेग ऋघाय, (न.) तरकस । काँपना । क्रोध ।

ऋघावत्, ( न. ) तूफानी |

पीड़ा । चाह | भूख आदि छः ऊ ऊमिका, ( स्त्री. ) अंगूठी ऊमिमालिन्, (पुं. ) समुद्र । ऊमिला, ( स्त्री. ) लक्ष्मण जी की पत्नी ऊष्मन्, (पुं. ) ग्रीष्म । गरमी ऊद्दू, (क्रि.) वितर्क करना । ऊह, (पुं. ) तर्क वितर्क । अनुमान अभ्या हार। छूटे हुए शब्दों को लगा कर वाक्य पूरा करना । जोड़ | ऊहवत्, (गु.) बुद्धिमान् । तीव्र | ऊहिनी, (स्त्री.) सेना । ढेर | ऊहा, ( स्त्री.) अध्याहार । जोड़ | वाक्य में लुप्त वाक्यों को जोड़ कर अर्थ पूरा करना । 1 ऋ छा, नागरी वर्णमाला का सातवाँ अक्षर | ऋत् ॠ, (क्रि.) हिंसा करना | मारना । प्राप्ति होना । ऋक्थ, ( न. ) धन | सोना । धर्मशास्त्रानुसार दायरूप धन । बड़ों को बाँटने योग्य धन | ऋकृथ, गाना । चिल्लाना । ऋक्ष (पुं.) रीछ । नक्षत्र गञ्जा । मेषादि राशि | ऋक्षगन्धा, ( स्त्री ) महाश्वेता । क्षीर- बिदारी । का नाम । ऊर्म्या, ( स्त्री. ) रात्रि । रात । ऊष, (पुं. ) प्रभात | चन्दन | खारी नदी | ऊषण, (त्रि. ) परिघ । पीपलामूल | चीता । मधु | साँटा । ऋज, (क्रि. ) जाना और कमाना । ऋजीक, (न. ) चमकदार । भड़कीला । ऊषर, ( त्रि. ) ऊसर भूमि । जिसमें कोई ! ऋजीष, (न. ) कढ़ाई | धन | एक नरक | चीज उत्पन्न न हो । जु, (त्रि.) सरल | सीधा | ऋत्र, (त्रि.) ललोहों । सुखीं माइल | ऋण, (न. ) कर्जा | देना । जल | दुर्ग | दुर्ग की भूमि | देव, ऋषि और पितरों के उद्देश से यथाक्रम यज्ञ करना । वेद का अध्ययन और सन्तानोत्पत्ति नामक अवश्यमेव कर्त्तव्य कर्म । ऋच्, (क्रि.) स्तुति करना । प्रशंसा करना । | ऋचू, (स्त्री.) सूक्त | गीत । ऋग्वेद का मंत्र | स्तुति । पूजन | वेदों की ऋचा ( मन्त्र ) | ऋच्छ, (क्रि.) मोह करना । मूच्छित होना । बेसुध हो जाना । ऋणमार्गण, ( न. ) प्रतिभू । जामिन्दार । ऋणादान, ( न. ) कर्ज लेना । अट्ठारह प्रकार व्यवहारों में से एक । ऋणिन्, ( पुं॰ ) ऋण लेने वाला 1 उधार काढ़ने वाला । ऋत्, (क्रि. ) जाना।