आपस्तम्बश्रौतसूत्रभाष्यवृत्त्यादिपाठशोधनी पुढे पौ पाठ्यम् 231 11 विंशीति पाठ्यम् 234 5 अवदानमित्यध्या- हारः इति भाष्यं योज्यम् 656 पुटे पाठ्यम् 148 19 विरोधादिः 149 24 खण्डौ 156 6 यावत्पाय. 157 12 वुन्नयति 165 20 संमार्गोप 167 20 प्रतीचीं मध्यैः 169 6 तीत्येके 172 8 विशेषः 173 2 त्युत्तरार्धे 176 18 चतुर्गृहीतम् 185 12 ध्रुवाम् 185 16 186 11 188 11 नाम्ना 188 15-16 पुरोडाश 196 10 पठिताना 196 16 सामिधेनी 201 2 घृताची विहार 207 20 209 8 211 16 नैमित्तिक 211 18 ट्र्यादि 219 16 पुरोहित 220 19 प्रैषः 222 15 अवदानानि ते 223 4 अष्टादशी खण्डि- केति पाठ्यम् 9 युक्तम् एकोनविंशीति पाठ्यम् 228 229 3 पत्यानीत्या मन्त्रावृत्ति सप्तमीपाठ्या 234 18 हविः 239 15 251 21 संमार्ग 255 10 256 12 कतोमुखाम् तद्देशा त्युत्तरम् 258 12 शाभिप्राय 265 19 5 हारियोजनम् प्रथमा. पत्नी 267 268 2 यजुर्भ्याम् 270 14 विश्र्वा 9 श्रुतादीनि 272 272 9 276 15 277 2 प्रघासे बढ़चा संस्कार्यम् 278 8 भाष्यस्थ 278 15 मवृथा 278 19 समुच्चय इति 280 18 नारिष्टान्ते 281 5 देवान् 281 282 10 समुतृप्णु 9,10 विमृधो हरितत्त्वम् 7 तृणमपा 286 11 2.90 296 आहारपृ 15 298 14 पूर्णाहुतिः 300 9 कामस्याप्यृद्धि
पृष्ठम्:आपस्तम्बीयं श्रौतसूत्रम्.djvu/७९२
दिखावट