पृष्ठम्:आपस्तम्बीयं श्रौतसूत्रम्.djvu/७९१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

पुढे आपस्तम्ब श्रौतसूत्रभाष्यवृत्त्यादिपाठशोधनी. पुढे 68 2-3 पाठयम् 10 ण ऋषिभ्यो करण 5 8 21 9 13 18 18 24 19 मन्त्रानिवृत्य 25 15 30 8 31 4 32 14 6 द्वितीयपङ्किरूपा 10 3 15 57 57 63 64 सायम संकल्पः पपत्त्यादिः न्ताभिप्रायः समीक्षणपदार्थः सौत्रकर्म यदी 32 17 33 15 विकल्पे 33 20 34 9 34 43 46 उपदेशपक्षाशयः विशदीकरणम् बुत्तिर्वा, असिदे मन्त्रानि 10 5 निधानादौ 5 48 11 वृद्धौ आख्यान- वादात्, एक एकसरश्शुल्ब इत्युपदेश 50 14-15 इति न्याय .51 9 उपवेषाद्यनि 53 6 परिवास्य 55 मन्त्रः अवसजन- व्यव च्छर्करं गो 2 17 नवत्वे 1 खं, ८ 1 ११ 72 72 74 पाठ्यम् 10 मपङ्कितया पाठ्यः, 655 2 न पाठ्यः 15-21 71शे पृष्ठे पाठ्याः 11 पूर्वपकौ समा इत्ये तदनन्तरं पाठ्या अभिमन्त्रण 73 2 75 26 नैगमो 86 13 86 16 88 15 92 7 92 13 रजमन्त्रोक्तशिव धाना धुक्षः धानमन्त्रपक्ष शाखापवित्रनिधा- नादी. दोहादिकालक्रमे पक्षौ अकृताध्यू याग स्याकृतिः देषीकम् 93 10 93 21 95 2 106 7 106 17 111 21 121 3 121 13 पाठात् 122 4 त्रिःप्रोक्ष्य प्रो 140 7 दमझेरित्याग्नय 141 3 जनयत्यै 143 147 148 प्रैषा न ष्यामीति 11 17 8 मुदीच्यां वा व्यवस्था त्वोपपत्तिः