पृष्ठम्:अष्टाध्यायी (शिक्षापरिभाषादिसहिता).pdf/९६

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( १० ) गणपाठः । पश्च । सुधावत् उदञ्चु शिरस् माष शराविन् मरीची क्षेमवृद्धिन् शृङ्खलतोदिन खर- नादिन् नगरमादैन् प्राकारमर्दिन् लोमन् अजीगत कृष्ण युधिष्ठिर अर्जुन साम्ब गद् प्रद्युम्न राम [ उदङ्क ] उदकः संज्ञायाम् । संभूयोम्भसो: सलोपश्च ॥ आकृतिग णोऽयम् ॥ तेन | सात्यकि: जाङ्गि: ऐन्दशर्मि: आजधेनविः इत्यादि || इति बाह्वादयः ॥ १० ॥ १०८ गोत्रे कुञ्जदिभ्यःञ् ॥ ४ ॥ १ ॥९८॥कुञ्ज ब्रन शङ्ख भस्मन् गण लोमन् शठ शाक शुण्डा शुभ विपाश् स्कन्द स्कम्भ ॥ इति कुञ्जदिः ॥ ११ ॥ १०८ नडादिभ्यः फक् | ४ | १ | ९९ ॥ नड चर [ वर ] वक इतिक इतिश उपक [ एक ] लमक | शलङ्कु शलङ्कं च । सप्तल वाजप्य तिक | अग्रिशर्म- न्वृषगणे | माण नर सायक दास मित्र दीप पिचर पिङ्गल किङ्कर किङ्कल [ कातर ] कातल काश्यप [ कुश्यप ] काश्य काल्य [ काव्य ] अज अमुष्य [ अमुष्म. ] कृष्ण- रणौ ब्राह्मणवासिष्ठे । अमित्र लिगु चित्र कुमार | कोष्टु क्रोष्टं च । लोह दुर्ग स्तम्भ शिंशपा अग्र तृण शकट सुमनस् सुमत मिमत ऋचू जलंधर अध्वर युगंधर हंसक दण्डिन् हस्तिन् ( पिण्ड ) पञ्चाल चमसिन् सुकृत्य स्थिरक ब्राह्मण चटक बदर अश्वल खरप लङ्क इन्ध अत्र कामुक ब्रह्मदत्त उदुम्बर शोण अलोह दण्डप ॥ इति नडादिः ॥ १२ ॥ १०८ अनुष्यानन्तर्ये बिदादिभ्योञ् ॥ ४ | १ |१०४||विद उर्व कश्यT कुशिक भरद्वाज उपमन्यु किलात कन्दर्प [ किंदर्भ ] विश्वानर [ ऋष्टषेण ] ऋष्टिषेण ऋतभाग हर्यश्व मियक आपस्तम्ब कूचवार शरडल् शुनक [ शनकू ] धेनु गोपवन शिग्रु विन्दु ( भोगक ) भाजन [ शामिक ] अश्वावतान श्यामाक श्यामक्र [ श्यावलि ] श्यापर्ण हरित किंदास बह्यस्क अर्कजूष [ अर्कलूष ] बध्योग विष्णु वृद्ध प्रतिबोध [ रथीतर ] रथन्तर गविष्ठिर निषाद [ शवर अनस ] मठर [ मृडाकु ] सृपाकु मृदु पुनर्भु पुत्र दुहितु नान् । परस्त्री परशुं च ॥ इति बिदादिः ॥ १३ ॥ १०८ गर्गादिभ्यो यञ् ॥ ४ ॥ १ ॥ १०५ ॥ गर्ग वत्स | वाजासे । संकृति अन व्याघ्रपात् विदभृत् प्राचीनयोग ( अगस्ति ) पुलस्ति चमस रेभ अग्रिवेश शङ्ख शट. शक धूम एक अवट मनस् धनंजय वृक्ष विश्वावसु जरमाण लोहित शंसित बभ्रु वल्गु मण्डु शङ्ख लिगु गुहळु मन्तु मङ्क्षु अलिगु जिगीषु मनु तन्तु मनायी सूनु कथक कन्थक ऋक्ष वृक्ष ( वृक्ष ) [ तनु ] तरुक्ष तलुक्ष तण्ड वतण्ड कपिकत ( कपि कत ) कुरुकत अनडुह कण्व शकल गोकक्ष अगस्त्य कण्डिती यज्ञवल्क पर्णवल्क अभयनात विरोहित वृषगण रहूगण शाण्डिल वर्णक ( चणक ) चुलुक मुद्गल मुसल जमदग्नि पराशर जतूकर्ण. ( जांतूकर्ण ) महित मन्त्रित अश्मरथ शर्कराक्ष पूतिमाष स्थूरा