पृष्ठम्:अष्टाध्यायी (शिक्षापरिभाषादिसहिता).pdf/१०२

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(१६) गंणपाठः । शाळ जन्या अजिर चर्मन् उत्कोश क्षान्त खदिर शूर्पणाय श्यावनाय नैवाकव तृण वृक्ष शाक पलाश विजिगीषा अनेक आतप फल संपर अर्क गर्त अनि वैराणक इडा अरण्य निशान्त पर्ण नीचायक शंकर अवरोहित क्षार विशाल वेत्र अरोहण खण्ड वातागार मन्त्रणार्ह इन्द्रवृक्ष नितान्तवृक्ष आर्द्रवृक्ष ॥ इत्युत्करादिः ॥ ५८ ॥ १२५ नडादीनां कुक्च ४ | २ | ९१ ॥ नड प्लक्ष बिल्व वेणु वेत्र वेतस इक्षु काष्ठ कपोत तृण । क्रुञ्चा हूस्वत्वं च | तक्षन्नलोपश्च ॥ इति नडादिः ॥ ५९ ॥ १२६ कल्यादिभ्यो ढकञ् ४ | २ | ९५ ॥ कत्त्रि उम्भि पुष्कर पुष्कल मोदन कुम्भी कुण्डिन नगरी माहिष्मती वर्मती उख्या ग्राम | कुड्याया यलोपश्च ॥ इति कल्यादिः ॥ ६० ॥ १२६ नद्यादिभ्यो ढक् ॥४॥ २॥ ९७॥ नदी मही वाराणसी श्रावस्ती कौशाम्बी वनकौशाम्बी काशपरी काशफारी ( काशफरी ) खादिरी पूर्वनगरी पाठा माया शाल्व- दार्वा सेतकी । वडवाया वृषे ॥ इति नद्यादिः ॥ ६१ ।। १२७ प्रस्थोत्तरपदपलद्यादिकोपधादण ४|२|११०॥ पलदी परिषद् रोमक बाहीक कलकीट बहुकीट जालकीट कमलकीट कमलकीकर कर्मभिदा गौष्ठी नैकतो परिखा शूरसेन गोमती पटच्चर उदपान यकृल्लोम ॥ इति पलद्यादिः || ६२ ॥ काश्यादिभ्यष्ठञिठौ ४ | २ | ११५ ॥ काशि चेदि ( वेदि ) सांया - ति संवाह अच्युत मोदमान शकुलाद हस्तिकर्पू कुनामन् हिरण्य करण गोवासन भा - रङ्गी अरिंदम अरित्र देवदत्त दशग्राम शौवावतान युवराज उपराज देवराज मोदन सिन्धुमित्र दासमित्र सुधामित्र सोममित्र छागमित्र साधमित्र ( सघमित्र ) । आप- दादिपूर्वपदात्काळान्तात् । आपद् ऊर्ध्व तत् ॥ इति काश्यादिः || ६३ || - १२७ धूमादिभ्यश्च ४ | २ | १२७ ॥ धूम षडण्ड शशादन आर्जुनाव माह- कस्थली आनकस्थली माहिषस्थली मानस्थली अट्टस्थली मद्रकस्थळी समुद्रस्थली दा- ण्डायनस्थली राजस्थळी विदेह राजगृह सात्रासाह शष्प मित्रवर्ध ( मित्रवर्ध ) मज्जा- ली मद्रकूल आजीकूल इथहव ( इयाहाव ) व्यहव ( व्याहाव ) संस्फाय बर्बर व- ज्यं गर्त आनर्त माठर पाथेय घोष पल्ली आराज्ञी धार्तराज्ञी भावय तीर्थ । कूलात्सौ- वीरेषु । समुद्रान्नावि मनुष्ये च | कुक्षि अन्तरीप द्वीप अरुण उज्जयनी पट्टार दक्षि- णापथ साकेत ॥ इति धूमादिः ॥ ६४ ॥ १२९ कच्छादिभ्यश्च ४ | २ | ३३ ॥ कच्छ सिन्धु वर्ण गन्धार मधुमत् क- म्बोज कश्मीर साल्व कुरु अनुषण्ड द्वीप अनूप अजवाह विजापक कलूतर रङ्गकु ॥ इति कच्छादिः ॥ ६५ ॥ १२९ गहादिभ्यश्च ॥ ४ | २ | १३८ ॥ गह अन्तस्य सम विषम मध्य | मध्यं F