पुटमेतत् सुपुष्टितम्
विषयानुक्रमणिका
पृष्ठाङ्कः | ||
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प्रथमस्सर्गः | ||
१ | शिवगुरोर्गुरुकुलावासकथनम् | 1 |
२ | शिवगुरुतद्गुर्वोस्संवादवर्णनम् | 2 |
३ | विद्याधिराजेन पित्रा स्वतनयस्य शिवगुरोः स्वावासानयनम्, तन्मतिपरीक्षणञ्च | 3 |
४ | शिवगुरोरुद्वाहकथानुवर्णनम् | 5 |
५ | शिवगुरोर्गार्हस्थ्यवर्णनम् | 6 |
६ | शिवगुरोरपुत्रस्य विषादकथनम् | 6 |
७ | शिवगुरुपत्न्या शिवगुरुं प्रति पुत्रप्राप्त्यभ्युपायकथनम् | 7 |
द्वितीयः सर्गः | ||
१ | उपमन्योर्बालकस्य दारिद्र्यदशावर्णनम् | 8 |
२ | तस्य तदपोहनाय तपश्चरणोद्योगकथनम् | 9 |
३ | उपमन्युतन्मात्रोस्संवादवर्णनम् | 10 |
तृतीयः सर्गः | ||
१ | उपमन्युमातृकृतोपदेशवचनम् | 12 |
२ | तपश्चरणायोपमन्योर्वनं प्रति प्रस्थानवर्णनम् | 12 |
३ | उपमन्योस्तपश्चरणप्रकारवर्णनम् | 14 |
४ | उपयन्युतपश्चरणाद्भीतस्य हरिहयस्य तद्विघ्नकरणायाप्सरः प्रेषणसमुद्योगवर्णनम् | 18 |
५ | अप्सरोभिस्तत्प्रतिषेधकथनम् | 18 |
६ | अप्सरःप्रतिषिद्धस्य हरिहयस्य सपरिवारस्य ब्रह्मलोकगमनकथनं ब्रह्मणे स्वभीतिकथनञ्च | 19 |
Sankara-B