व ( ७২ন ) -संस्कृत अथवा देवनागरी वर्णमाला का उन्सोसव व्यञ्जन वर्ण। यह उकार का विकार और अन्तस्य अन्यन माना गया है। यह दाँत और ओठ की सहायता से उच्चारण किया जाता है, अतः इसे दन्त्याँठ कहते हैं। प्रयाईपस्पृष्ट होता है अर्थात् इसका उच्चारया जय किया जाता है, सब दाँतों का ओठ के साथ थोड़ा सा स्पर्श होता है। (न० ) [ स्त्री०- मेदिनीकांश ] वरुण का नाम ( अन्यथा जैसा समान ( पु० ) १ पवन हवा २ बाहु | ३ वरुणदेव ४ तुष्टिसाधन २ सम्योधन ६ कल्याण | मङ्गल ७ वास निवास = समुद्र | ६ चीता | १० वस्त्र ११ राहु का नाम । व वक - ( स्त्री० ) सलोचन | तिन् ! यु० ) मस खरा विदूषक नाडका. - मालिका. (०) बॉस की नलीसाथः, ( 50 ) किसी वंश का प्रधान पुरुष पेशवा सान्शन मे ( न० ) गढ़ की जड़ पत्रं, (न० ) यसका पताः, (पु० ) नरकुल | सर- पत ।-- पत्रकः i पु० ) ३ नरकूछ । सरपत । २ सफेद पड़ा। पत्रकं, (न० ) हरताल - परंपरा (स्त्री० ) किसी वंश में उत्पस पुरुषों की पूर्वोनर क्रमानुसार सूची-पुरकं, (न० ) ऊद की जड़ --भोज्य, (वि० )-पैतृक, बाप दादों की :- ( न० ) पैतृक सम्पत्ति खदान 1 B २ बॉस का बन /-गर्लरा ( श्री० ) यंसलोचन। - शलाका. (स्त्री० ) वीणा के नीचे के भाग में लगायी जाने वाली बाँस की छोटी परंग / स्थितिः ( स्त्री० ) किसी वंश का चिरस्थायीकरण | + बाँस की
- ( पु० ) : बाँस । २ कुल
येदा ४ नफीरी समुदाय । ६ शहतीर यही ( जो बाँस में होती है ) । मेरुदण्ड रीढ़ की हड्डी खान्दान। गोत्र | धंसी २ समूह | लठ्ठा : ● गाँठ गन्ना | कस 18 १० साल का पेड़ ११ बारह हाथ का एक मान । – अङ्क (०) वंशकः (पु० ) १ गहा । २ बाँस को गाँठ । ३ 1- मछली । ( पु० ) १ बाँस की छड़ी की नोंक | २ बाँस का कार/~~-अनुकीर्तनं (न०) - अनुक्रमः (पु०) वंशावली ।-अनुचरितं, (न०) किसी वंश |! या सान्दान का इतिहास या तवारीख : श्रवली. (स्त्री० ) किसी वंश में उत्पन्न पुरुषों की पूर्वोत्तर क्रम से सूची (पु.) बंशलोचन कठिनः, (पु०) बाँस का जंगल -कर ( वि० ) 1 वंशस्थापक। -करः, (पु०) मूलपुरुष-कर्पूररोचना, ( स्त्री० ) रोचना, ( स्त्री० ) ~जोबना, ( स्त्री० ) वंसलोचन -हत. ( पु० ) देखो वंशकर 1 --क्रमः, (पु० ) किसी वंश की परंपरा क्षीरी, ( स्त्री० ) यंस- लोचन चिन्तक; ( 30 ) वंशावली जानने वाजा !-वेत्तू, (वि० ) किसी वंश का अन्तिम पुरुष-अः ( पु० ) ३ सन्यान। औलाद | २ बाँस का बिया |~-जम्, ( म० ] जा, 1 | वंशकं ( न० ) अगर की लकड़ी । वंशिका ( ० ) बंसी | मुरली | २ को ( लकड़ी। वंशी ( बी० ) १ मुरली | २ मस | रक्तप्रवाहिनी शिरा । ३ बंसलोचन १४ चार वर्ष या आठ तोले का एक मान-धः, -घारिन (पु० ) १ श्रीकृष्ण २ बंसी बजाने वाला। वंशय ( वि० ) मुख्य बक्षी सम्बन्धी | २ मेरुदण्ड से सम्बन्ध युक्त | ३ किसी वंश से सम्बन्ध युक्त | ४ कुलीन उत्तम का। वंशावली सम्बन्धी : 1 वंश्यः ( पु० ) १ वंशधर २ पूर्वपुरुष | पूर्वज ३ किसी वंश का कोई भी पुरुष ४ बक्षी या खडर । २ बाँह या टाँग की हड्डी । ६ शिष्य वक देखो as सं० ० ०-२२