पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७३५

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लोह, लाइ लोहं ( म० १ ताँबा २ लोहा २ ३ ईसपाट | लोहः ( पु० ) ) ४ कोई भी धातु सेना | ६ | रक्त । लोहू । ७ हथियार । म महली फँसाने की यंसी । लोह (१०) लाल वकरा लोहं ( न० ) अगर की लकड़ी /अजः (पु० ) लाख बकरा | ( ७२८ ) ल्वी लोहितकं (न० ) काँसा फूल | लोहितिमन् (पु० ) लाली । लोहिनी (स्त्री० ) श्री जिसके शरीर का रंग लाल हो । लौकायतिकः ( पु०) चार्वाक मतानुयायी नास्तिक | ! लौकिक (वि० ) [ लौकिकी ] १ सांसारिक | २ साधारण मामूखी गँवारू | ३ रोज़मरें का। सर्वजन स्वीकृत। सर्वप्रिय ४ ऐहिक पार्थिव सौंसारिक | ५ भ्रष्ट । अपावन । लौकिकं ( न० ) लोकाचार | लौकिकाः (बहुवचन० पु० ) सर्वसाधारण जन । संसार के लोग। लौका (वि० ) : सौंसारिक । पार्थिव । मानवी । २ साधारण मामूली लोहन (वि० ) १ लोहे का बना हुआ। २ फुल | फुसाइट अस्पष्ट भाषया । लोहिका ( स्त्री० ) लोहे का पात्र । लोहित (वि० ) [ सी० लोहिता, जोहिनी ] लाख ! लाकरंग का । २ साँवा | ताँवे का बना हुआ। लोहितः ( पु० ) 1 लालरंग २ मङ्गल ग्रह ३ सर्प ४ मृग विशेष । २ चौवल विशेष | लोहिता ( श्री० ) अग्नि को सप्तजिहाथों में से एक का नाम । ३ 1 ६ लोहितं ( म० ) १ साँवा २ खून | लोहू । २ केसर ४ युद्ध | लालचन्दन चन्दन विशेष | ७ अधूरा इन्द्रधनुष - अक्षः, रंग का पाँसा या दाना लाल रंग का सर्प विशेष । ३ फोमल ४ विष्णु का नाम (-श्रृङ्गः, (पु० ) मंगलराहु ।-अघसः, ( न० ) ताँवर :-~-अशोकः ( पु० ) अशोक वृष (अभ्वः, ( पु० ) अभि -आननः, (पु० ) म्योला-ईक्षा, (वि० ) लाल नेत्रों गला ~~उद्, (वि० ) वह जिसमें लाल या जोड़े जैसा लाख जल हो :- कल्माषः, ( वि० ) बाल भव्वेदार - क्षयः, (पु० ) रक्त का नाश -ग्रीषः, ( पु० ) अभिदेव । - चंदनं, (न० ) केसर 1-मृत्तिका ( बी० ) गेरू । लाल | खड़िया मिट्टी। शतपत्रं, (न० ) जाल कमल का फूल | लोहितक (वि० ) [ स्त्री- लोहितिका ] लाल । लोहितकः ( पु० ) माणिक । चुनी । २ मंगलग्रह । ३ चॉवल विशेष | लौड़ ( घा० परस्मै० ) (लौडति ) पागल होना । मूर्ख बनाना। लौल्यं ( न० ) १ चंचलवा । अस्थिरता । अव्यवस्थित चिसता २ उत्सुकता | प्रलोभन | कामुकता | उस्कट कामना । (पु० ) १ लान- | लौह (वि० ) [ स्त्री० --लाही ] लोहे का बना । २ तवे का ३ धातु का ४ ताँबे के रंग का । लान । लौहं (न० ) लोहा । लौहा ( स्खो० ) पतीली । ढेगची । बटलोई- प्रात्मन, ( पु० ) - भूः, ( खी० ) पतीखी। डेराची (कार:, (पु० ) लुहार जं, (न०) लोहे का मुर्चा-बंधः, (पु०) - बंधं, (न०) लोहे की बेदी । जंज़ीर, -~-शङ्कु, ( पु० ) लोहे की कील । लौहित' (पु० ) शिव जी का त्रिशूल। लाहित्यः (पु० ) महह्मपुत्र नद का नाम । लौहित्य ( न० ) जालिमा । लजाई । ल्पी | (०० ) [ लिपनाति, लियनाति ] यी ] जोबना। मिलाना। मिल जाना। ल्वी (चा०प०) [लिखनाति,] जाना । समीप जाना ।