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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४७६

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पद्मशयः भवत मलनेमा नरविकासुदर प्रा शविरफुरफशी पृथको दुवचनोखा गोदारा याचित। ( पु० ) -वल्लभः ( पु० ) सूर्य 1- खण्डम् -पण्डम् ( न० ) कमल समूह | यह स्थान जहाँ फमलों की बहुतायत हो । -ईशः (पु०) --कान्तः, पद्मेशयः ( पु० ) विष्णु का नामान्तर । पद्य ( पु० ) १ जिसमें कविता के पद या चरण हो । २ चरण सम्बन्धी ३ पदचिन्ह से चिन्हित ४ शब्द सम्बन्धी ५ अन्तिम पद्यः (पु० ) १ शुद्ध २ शब्द का अंश पद्या (स्त्री० ) १ पगडंडी राह| राखा २ चीनी पद्यम् (न० ) श्लोक || २ प्रशंसा | स्तुति | पद्रः ( पु० ) ग्राम | पद्धः ( पु० ) १ भूलोक । मर्त्यलोक | २ गाड़ी । ३ मार्ग । - पन्] ( वा० उभय० ) [ पनायति-पनायते, पनावित या पनित ] स्तुतिकरना। प्रशंसा करना । २ (आत्मने०) प्रसन्न होना। हर्षित होना । पनस्पति (कि० ) प्रशंसाई होना प्रशंसा के योग्य होना । [ हुआ। पनायित पनित ( वि० ) प्रशंसित | प्रशंसा किया पतुः ) (पु० ) [ वैदिक ] श्लाघा | सराहना | पनूः) प्रशंसा | पनसः ( पु० ) १ कटहल था कटहर का वृप । २ काँटा ३ रामदल का एक वानर ४ विभीषण का एक मंत्री । पंधक पन्थक हुआ। पयस्विन् पपी ( पु० ) १ सूर्य । २ चन्द्रमा । पपु (वि० ) पालन पोषण करने वाला रक्षा करने वाला । पक्ष (वि०) गिरा हुआ पड़ा हुया। जैसे "शरणाप” | यपिः (०) चन्द्रमा । पुः ( श्री० ) वह पोध्या माता जिसने माता की तरह पाला हो । पंश ) ( खो० ) १ दरकवन की एक झील या पम्पा | सरोवर का नाम २ दक्षिण भारत की एक } नदी का नाम । 1 पय् (धा० थान्म० ) [पयते ] जाना | गमन करना | पयस् (न० ) १ पानी २ दूध | ३ र्थर्य | ४ भोजन) १ [वैदिक] रात । ६ शक्ति | ताकृत। यत्न श्रोज -गलः, ( पु० ) गडः, (पु० ) १ घोला । २ द्वीप (धनं, (न० ) श्रोला। चयः, (=पय- चयः ) (पु०) जलाशय । तालाव कील । सरो- वर:-जन्मन् ( पु० ) बादल (दः ( पु० ) बादल /--सुहृद्, (पु० ) मयूर | केकी । मेोर । -धरा ( पु० ) १ बादल मेघ । २ स्त्री की छाती या चुची ३ डाँड़। ४ नारियल का वृत्त । २ कशेरुक। मेरुदण्ड पीठ के बीच की हड्डी - घसू. ( पु० ) १ समुद्र | २ झील | सरोवर | ३ जल बरसाने का बादल (धारागृहं, ( न० ) स्नानागार जहाँ जल भरता हो धिः- निधिः, (पु० ) समुद्र (पूरः, (पु० ) जल- कुण्ड सरोबर |~-मुच्, (५०) बादल) ~~ राशिः ( पु० ) समुद्र (~-वाहः, (पु०) बादल - अतं, ( म० ) दूधाहार पर रहना उपवास विशेष | - पनसं ( न० ) कटहल का फल । पनसा ) ( स्त्री० ) १ रोग विशेष | २ बानरी । पनसी बंदरिया राक्षसी पयस्यः ( पु० ) बिल्ली। एनसिका ( खी० ) कान और गर्दन पर होने वाली पयस्यति }(० ) बहना । फुंसी जो कटहल के कौंटे की तरह नुकीली होती है। पयस्या ( स्त्री० ) दही। ( त्रि० ) मार्ग में उत्पन्न | रास्ते में पैदा | पयस्थल ( वि० ) बहुत दूध वाला । बहुत दुधार । बहुत दूध देने वाला। पयस्य ( वि० ) दूधवाला दूध का बना हुआ। २ पनीला । पयस्वलः (पु० ) बकरा।

पयस्विन् (वि०) जिसमें दूध हो । रसीली । पनीली ।