देश दूश (स्त्री० ) १ दृष्टि निगाह २ आँख ३ बोध । ज्ञान ४ दो की संख्या २ ग्रह की गति - अध्यक्षः (१०) सूर्य । कर्णः, (5०) सर्प :- क्षयः, (पु०) धुंधला दिखलाई पड़ना। देखने की शक्ति का कम हो जाना। -जलं, (न०) आँसू - पातः, ( पु०) निगाह नज़र | चितवन प्रिया, (स्त्री०) सौन्दर्य आभा - भक्तिः, (स्त्री०) - (3500) मेस भरी चितवन । विपः, (पु०) सर्प । श्रुतिः | हृष्टं (न०) डकैतों का भय ( पु० ) सर्प | सौंप | दश हृद हुशा (स्त्री०) आँख-आकांदय, (न०) फमल 1- उपमं ( म० ) सफेद कमल । द्वशानः (पु०) १ दीक्षा गुरु १२ ब्राह्मण : २ खोकपात | इशानं ( न० ) प्रकाश धमक ३ 2 (स्त्री०) पत्थर | द्वणि } ( स्त्री० ) १ आँख। २ शास्त्र । दृश्य १ देखने को हर सुन्दर । दृश्यं (न०) दिखलाई पड़ने वाली वस्तु । दृश्यन् (वि०) जानने वाला । देखने वाला । (थालं०) जानकार | दिखलाई पड़ने वाला | २ मनो- देव - --कूडम् (न० ) कठिन अझ पहेली अल-दोष (वि०) १ दोपयुक्त देखा हुआ । दुष्ट पकड़ा हुआ - प्रत्यय (वि०) १ विश्वस। २ विश्वास दिलाया हुआ - रजस्, ( स्त्री० ) युवावरण को प्राप्त लड़की व्यनि- कर. (वि०) : मुर्तत्व केले हुए। २ पहिले ही से जान लेने वाला। अमिष्ट को द्वपद् (स्त्री०) १ चट्टान । २ चक्की का पाट । ३ सिल, जिस पर मसाले आदि पीसे जाते हैं । उपलः ( पु० ) चक्की का पाद जिस पर मसाले पीले जाते हैं। द्रुपद्वत् ( वि० ) पथरीला | चट्टानदार | द्वषद्धती (स्त्री० ) श्रार्यावर्त देश की पूर्वी सीना की एक नदी जो सरस्वती नदी में गिरती है। द्वषदिमाषकः ( पु० ) कर जो चक्की चलाने वालों पर लगाया जाय । दृष्टिः (खी० ) १ निगाह नज़र २ हिये की आँखों से देखना ३ ज्ञान । जानकारी | ४ आँख । देखने की शक्ति । निगाइ ५ चितवन ६ बुद्धिकृत, कृतं, (न० ) स्थलपद्म । -जेयः, ( पु० ) नज़र |~-गुणः, (पु० ) तीरन्दाओं का निशाना था लक्ष्य। -गोचर, ( वि० ) नजर के सामने -पूत ( वि० ) दृष्टि रख कर पवित्र रखना। रखवालो करना कि, अपवित्र न होने पाये। चन्धु (पु० ) शगुन | -विशेषः, ( पु० ) कनस्त्रियों से देखना विद्या, (स्त्री० ) नेत्रविद्या । चाजुसी विद्या | - विषः, ( पु० ) सर्प सौंप हृह् ? 1 धा० परस्मै० ) [ दईति, दंडति, ] १ द संद होना । २ बढ़ना उगना। ३ समृद्धिवान होना ४ फल फर बाँधना | (घा० परस्मै० ) [ दीर्यति, द्वाति, दीर्ण, 1 चिर कर खुल जाना।२ चिरवा डालना | फड़वा डालना । टुकड़े टुकड़े करवा डालना। दे (था० परस्मै० ) [ दयते, दात, ] रचा करना । बच्चाना । देदीप्यमान ( वि० ) चमकदार दहकता हुआ। देय (वि०) १ देने को भेंट करने को चढ़ाने को । देने योग्य भेंट करने योग्य ३ लौटा देने का फेर देने का । दृष्ट ( ० ० ) १ देखा हुआ जाना हुआ समझा हुआ। २ पाया हुआ मिला हुआ। ३ प्रफट । देव (धा० आत्म० ) [ देवते ] प्रादुर्भूत ४ निश्चित किया हुआ। निति ।- करना जुआ खेलना। २ चमकना । अन्तः ~~अन्तम् (न० ) १ मिसाल । उदा- हरया । नजीर | २ शास्त्र | विज्ञान | ६ मृत्यु || देव (वि० ) -अर्थ, (वि० ) स्पष्टअर्ध-वोधक दुःख, (वि० ) कष्टसहिष्णा । दुःख भेले हुए । कष्ट, खेलना | क्रीड़ा विलाप करना । ३ । [ स्त्री०- देवी, ] देवी | नैसर्गिक स्वर्गीय | अंशः (पु०) भगवान का धैशावतार | -अगारः ( पु० ) प्रगारं, (न०) मन्दिर (
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