पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३९५

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३८८ दव (स्त्री०) स्वर्गीय अप्सरा प्रतिदेव- अधिदेव ( पु० ) सवाद्य देवता शिव अधि, (पु० ) इन्द्र अन्वसू, ( न० ) --अनं, (न० ) देवताओं का अन| कव्य । प्रभोट, (वि० ) देवताओं को प्रिय देवता को चड़ा हुआ। अभीडा (स्त्री०) १ नफीरी बजाने वाला । २ पान | ताम्बूल |-अरहये. ( न० ) बाग़ । - रिः, ( पु० ) दानव 1-अर्चनं ( न० ) अर्चना, ( स्त्री० ) देवताओं का पूजन। -श्रवसथ ( पु० ) देवालय | मन्दिर । -प्रश्वः, ( पु० ) इन्द्र का घोड़ा उच्चैःश्रवा । -क्रीडः, ( पु० ) देवताओं का नन्दन वन | -आजीवः, ( पु० ) आजीविन ( पु० ) पुजारी। देवलक-श्रासन, ( पु० ) गूलर का वृक्ष | - आयतनम्, (न० ) मन्दिर । -आयुधं, ( न० ) १ देवताओं का हथियार | २ इन्द्रधनुष । -आालयः, ( ५० ) १ स्वर्ग | २ मन्दिर |-- आवासः ( ० ) स्वर्ग | २ अश्वस्थ वृक्ष | ३ मन्दिर | ४ सुमेरु पर्वत ।- आहारः ( 30 ) अमृत - इज्, ( वि० ) [ कर्ता एकवचन देवे, या देवेड्, ] देवताओं की पूजा | इज्यः, ( पु० ) बृहस्पति । --इन्द्रः ईशः, ( पु० ) १ इन्द्र | २ शिव |– उद्यानलू, (न०) १ नन्दनवन | २ मन्दिर के समीप का बाग 1-ऋषिः, [-- देवर्षिः, ] ( पु० ) १ अत्रि, भृगु, पुलस्त्य, अंगर आदि देव हैं। २ नारद की उपाधि | - प्रोस्, ( न० ) सुमेरु पर्वत । – कन्या, ( स्त्री० ) अप्सरा | – कमेन, (न० ) - कार्य, ( न० ) १ धार्मिक कृत्य या अनुष्ठान । २ देवा- चैन । – काउं, (न० ) देवदारु वृत्त । कुराडं, ( न० ) कुदरती तालाव |-कुलं, ( न० ) १ मन्दिर । २ देव जाति । ३ देवताओं का समूह | -कुल्या, (स्त्री०) स्वर्ग गङ्गा । –कुसुमं, (न०) लवङ्ग । लौंग ।—खातं, खातकं, १ घाटी । ३ किसी मनुष्य का न बनाया हुआ तालाव या जलाशय ३ मन्दिर के समीप का जलाशय । ---गणः, ( पु० ) देवताओं की एक श्रेणी- गणिका ( बी० ) अप्सरा 1-गर्जनं, ( न० ) दव बादल की गडगडाहट गन्धध गायन ( पु० ) गिरि ( ५० ) एक पबत का नाम . मुद्दी, गुरु., ( पु० ) १ कश्यप बृहस्पति (स्त्री) सरस्वती की उपाधि या उसके समीप के स्थान की उपाधि । - गृहं, ( न० ) १ मन्दिर | २ राजप्रासाद | महल । -चर्या, (स्त्री० ) देवा- चन | देवपूजन |– चिकित्सकौ, (वि० ) अश्विनी कुमारद्वय । - इन्दः, ( पु० ) सौलड़ा मोती का हार । - तरुः, (पु० ) अश्वत्थ वृक्ष । २ मदारवृक्ष । ३ पारिजात वृक्ष सन्तान वृक्ष । ५ कल्पवृक्ष । ६हरिचन्दन वृक्ष | - ताड़ः, (पु० ) १ अग्नि २ राहु । - दत्तः, ( पु० ) अर्जुन के शङ्ख का नाम - दारु ( पु० ) एक प्रकार का सनोवर का वृक्ष | दासः ( पु० ) मन्दिर का नौकर। -दासी, ( स्त्री० ) मन्दिरों में रहने वाली स्त्रियाँ, जिनको उनके घर वालों ने देवता को चढ़ा दिया हो । नृत्यकी । वेश्या । —दीपः, ( पु० ) आँख - दूतः, ( पु० ) फरिश्ता । देवदूत | दुन्दुभिः ( पु० ) १ देवताओं का ढोल या नगाड़ा | २ श्यामा तुलसी जिसमें लाल मञ्जरी लगती है। देवः, ( पु० ) १ ब्रह्मा | २ शिव |३ द्रोणी (स्त्री० ) देवमूर्ति का जुलूस ( पु० ) धार्मिक अनुष्ठान 1 - नदी (स्त्री० ) विष्णु । --- धर्मः, 9 गङ्गा | २ कोई भी पवित्र नदी । -नन्दिन, ( पु० ) इन्द्र के द्वारपाल का नाम । - नागरी, ( स्त्री० ) वह लिपि जिसमें संस्कृत भाषा लिखी जाती है। --निकायः, (५०) स्वर्ग । --निन्दकः, (पु०) नास्तिक । -निर्मित, प्राकृतिक ।-पतिः, ( पु० ) इन्द्रपथः, ( पु० ) १ आकाशमार्ग । २ प्रकाश गङ्गा | छायापथ 1- पशुः, ( पु० ) देवता को चढ़ाया हुआ कोई भी जानवर - पुर, पुरी, ( स्त्री० ) अमरावती पुरी । - पूज्य:, ( पु० ) बृहस्पति । - प्रतिकृतिः, (स्त्री०) प्रतिमा, ( स्त्री० ) मूर्ति विग्रह । –प्रश्नः, ( पु० ) ज्योतिष - प्रियः, ( पु० ) शिव । ( देवानांप्रियः । यह अनियमित समास है। इसका अर्थ होता है) १ बकरा | २ मूर्ख । पशु के समान मूद | -चलिः, ( पु० ) देवताओं को बलिदान