सामग्री पर जाएँ

पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२९५

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

गिरि ( मगध के एक नगर का नाम शालः, ( 50 ) पक्षी विशेष/-शृङ्गः, (पु० ) गणेश जी की उपाधि । --शृङ्गम् (न० ) पर्वत शिखर -- बढ़, (सद् ) ( पु० ) शिव । -सानु, (न० ) | अधित्यका । सारः, ( १० ) १ बोहा | २ | जस्ता ३ मलयपर्वत की उपाधि -हुतः, (१०) मैनाक पर्वत /सुता (स्त्री०) पार्वती । -स्रवा (स्त्री० ) पहाड़ी जलप्रवाह । पहाड़ी चश्मा जो बढ़े वेग से बड़े गिरिः (पु०) : पहाड़ | पर्वस। टीला | २ बड़ी भारी चदान | ३ नेत्र रोग विशेष। ४ दस प्रकार के गुंसाइयों में से एक श्रेणी के गुसाइयों की उपाधि | आठ की संख्या ६ बालकों के खेजने की गेंद। (स्त्री० ) १ निगलना । लीलना । २ चूहा। सूसा। गिरिक: गिरियकः ( (पु०) खेलने की गेंद गिरियाकः गिरिका ( स्त्री० ) चुहिया छोटा चूहा। गिरिशः ( पु० ) शिवजी की उपाधि । गिजू ( धा० परस्मै० ) [ गिलति, गिलित ] निगलना। जीलना | गिलः (पु० ) नीबू का वृक्ष गिलगिलः ) ( पु०) मगर । नक। घड़ियाल । समुद्री गिलग्राहः ] जन्तु विशेष | } निगलना । खा डालना। गिलनम् ( न० ) गिलिः ( 50 ) गिलयुः ( पु० ) गले की कड़ी गिल्टी। गिलित } ( वि० ) खाया हुआ । निगला हुआ । गि:-षः (पु०) १ गवैया । सामवेद गाने वाला १ ब्राह्मण । १ गीत (व० कृ०) १ गाया हुआ |२ वर्णित | कथित अयनं, ( न० ) बाजा चीन । बाँसुरी। शः (वि० ) गानविधा में निपुण - प्रियः, (पु० ) शिव जी -~~-मोदिन, (पु० ) किवंर । -शास्त्रं, (न० ) सङ्गीत विधि | शीतकं ( न० ) गान | गुजिका शीता ( खी० ) कतिपय संस्कृत के पद्यमय धार्मिक अर्थों के नाम जैसे रामगीता भगवद्गीता | -शिवगीता आदि । [नाम | गीतिः ( स्त्री० ) १ भजन | गीत २ एक छन्द का गीतिका ( स्त्री० ) १ दोन भजन | २ गान | गीतिन् (वि० ) [ स्त्री० -गीतिनी] जो गाने की ध्वनि में पड़ता है। ऐसा पढ़ने वाला अधम माना गया है। यथा गीति शीत्री शिरःपी तथा लिखितपादकः । शिक्षा | गीर्ण ( वि० ) ३ निगला हुआ। खाया हुआ | २ प्रशंसित । २८८ ) गीणि: (स्त्री० ) १ प्रशंसा । २ कीर्ति।३ भक्षण | निगलना ? विष्टाशून्य गुग्गुलः ) ( पु० ) एक प्रकार का सुगन्ध पदार्थ गुग्गुलुः गूगुल | परस्मै० ) [ गुवति, गूत ] होना । २ कच्चा बच्चा निकालना। गु ( घा, गुच्छ (पु०) गुच्छा) २ फूलों का गुच्छा | गुलदस्ता । . ३ मयूरपंख । ४ मुक्ताहार । ५३२ या ७० लरों की मोतियों की माला। -अर्धः, (पु० ) २४ खरों की मोतियों की माला ।-अर्ध: ( पु० ) -अम्. ( न० ) आधागुच्छा |~-कणिशः, ( पु०) धनविशेष | - पत्रः, (पु० ) खजूर का पेड़ | तान का पेड़-फलः, ( यु०) १ अंगूर | २ केले का पेड़ | गुरुक ( पु० ) गुच्छा गुज् (धा० परस्मै०) [गोजति] प्रायः गुज भी होता है। [गुंजति, गुंजित, गुजित) गूँजना | गुआर करना । गुनगुनाना । गुजः (पु०) गुनगुनाहट | भिनभिनाइट २ पुष्प- गुच्छ | गुलदस्ता कृतः, (पु०) भौंरा । (न०) धीरे धीरे बोलना । गुनगुनाना | गुंजनं गुञ्जनम् गुंजा ) ( स्त्री० ) 1 घुंघeी का झाड़ / २ धीमी गुजा) आवाज़ | गुनगुनाइट | ४ ढोल | २ मदिरा की दूकान.३ ६ ध्यान । गुंजिका गुखिका (स्त्री०) धुंबची का दाना ।