पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२९४

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गोलव: ( २८७ ) गालवः ( पु० ) १ लोध वृच । २ आबनूस विशेष | ३ विश्वामित्र के एक शिष्य का नाम । ४ एक ऋषि का नाम । गालिः ( स्त्री० ) गाली । अपशब्द | कुवाच्य | गालित (वि० ) १ छाना हुआ । २ चुआया हुआ । ( अ की तरह ) खींचा हुआ | ३ पिघलाया हुआ। गालोडधं ( न० ) कमलगट्ठा या कमल का बीज । गावलागणिः ( स्त्री० ) सञ्जय की उपाधि | गवल्गण का पुत्र । गाहू ( धा० आत्म० ) [ गाहते, गाढ या माहित ] १ गोता लगाना डूबना । डुबकी लगाना । स्नान करना | २ घुसना । पैठना। घूमना फिरना। ३ गड़बड़ करना चलाना उथल पुथल करना । भथना हिलाना डुलाना। ४ मग्न हो जाना। लीन होना। तन्मय होना २ अपने को छिपाना । ६ नष्ट करना । गाहः (पु०) १ डुबकी । गोता| स्नान | २ गहराई । अभ्यन्तरीय अन्तर्देश । [ स्नान | गाहनं ( न० ) गोता या डुबकी लगाने की क्रिया । गाहित (वि० ) १ स्नान किया हुआ । डुबकी लगाये हुए । २ घुसा हुआ। प्रवेशित | गिंदुकः ) १ ( पु० ) १ खेलने की गेंद । २ गेंदुक गिन्दुक: S नामक वृक्ष विशेष | . गिरि कदम्ब वृक्ष की जाति विशेष |– कन्दरः, (पु०) गुफा 1- कर्णिकः, (स्वी०) पृथिवीकाणः ( पु० ) काना । – काननं, (न० ) पहाड़ की राई पहाड़ी छोटा वन । कूटं, (न० ) पर्वतशिखर । –गङ्गा, ( स्त्री० ) नदी विशेष | -गुडः, (पु०) गेंद | गोला-गुहा, (स्त्री०) पहाड़ी गुफा या कंदरा। चरः, ( पु० ) चोर | -ज, (वि० ) पहाड़ से उत्पन्न । -जम्, (न०) १ अबरक। २ गेरू । ३ लोवान | ४ राल । नफ़ता। ५ लोहा । —जा, ( स्त्री० ) १ पार्वती देवी। २ पार्वती कदली। पहाड़ी केला | ३ मल्लिका लता । ४ गङ्गा जी । -जातनयः, -जानन्दनः, - जासुतः, (पु०) १ कार्तिकेय २ गणेश जी । - जापतिः, ( पु० ) शिव जी । - जामलं, (न० ) अवरक | भोडर । - जालं, (न०) पहाड़ की पंक्ति या सिलसिला। -ज्वरः, ( पु० ) इन्द्र का वज्र | दुर्गे, ( न० ) पहाड़ी किला 1 – द्वारं, ( न० ) घाटी । - धातुः, ( पु० ) गेरू -ध्वजं, (न० ) इन्द्र का वज्र - नगरं, ( न० ) दक्षिणपथ के एक नगर का नाम । - णदी, ( स्त्री० ) ( नदी ) पहाड़ी चश्मा । –णद्ध, ( नद्ध ) ( वि० ) पहाड़ों से गिरा हुआ |–नन्दिनी, ( स्त्री० ) १ पार्वती । २ गङ्गा | ३ कोई भी ( पहाड़ी ) नदी | यथा – “कलिमदगिरिमन्दिनीतटसुरमा खम्बिनी।” गिर ( स्त्री० ) १ वाणी शब्द भाषा स्तव | संसार । गीत भजन ३ विद्या की अधिष्ठात्री देवी श्रीसरस्वती जी । - पतिः, ( पु० ) [ गोम्पतिः, गोष्पतिः, और गोर्पतिः ] १ बृहस्पति अर्थात् देवाचार्यं । २ विद्वान् । पण्डित | - रथः, [गीरथः, ] बृहस्पति का नाम /- वाणः, -बाणः, (पु०) [गीर्वाण:] देवता । गिरा ( स्त्री० ) वाणी । भाषण । भाषा | आवाज । गिरि (वि० ) प्रतिष्ठित । सम्मानित | माननीय -इन्द्रः, (पु० ) १ ऊँचा पहाड़ शिव जी । ३ हिमालय पर्वत । ईशः, (पु० ) १ हिमालय पर्वत । २ शिव जी | - कच्छपः, ( पु० ) पहाड़ी कछुआ। -कराटक, (पु० ) इन्द्र का वज्र -कदम्बः, (पुं० ) कंदकः ( पुणे ) भामिनीविलास | -णितस्त्रः, ( नितम्बः ) ( पु० ) पहाड़ का ढाल 1- पोलुः, ( पु० ) फलदार वृक्ष विशेष I-पुष्पकं, (न० ) राज 1-पृष्ठः, ( पु० ) पहाड़ की चोटी 1- प्रपातः, ( पु० ) पहाड़ का ढाल । —प्रस्थः, ( पु० ) पहाड़ की अधित्यका । —भिद्, ( ) इन्द्र । —भू, (वि०) पहाड़ से उत्पन्न । -भूः, ( स्त्री० ) १ श्री गङ्गा । २ पार्वती 1- मल्लिका, ( श्री० ) कुटजवृक्ष | -मानः, ( पु० ) विशाल और अतिबलिष्ठ हाथी ।मृद्मृद्भवम् (न० ) भैरूं राजू, ( पु० ) १ ऊँचा पर्वत | २ हिमालय | --राजः, ( पु० ) हिमालय 1- ब्रजम् (न०)