पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२९३

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

( २८६ ) गांघर्ष गांधर्व-गान्धर्व ( वि० ) [ स्त्री० -गान्धवीं ] गन्धर्व सम्बन्धी । गांधर्व । ( न०) गन्धवों की कला विशेष । जैसे सङ्गीतालय । 1 गांधर्वः ) ( पु० ) १ गवैया | गन्धर्व | देवगायक । गान्धर्वः २ आठ प्रकार के विवाहों में से एक १३ उपवेद जो सामवेद के अन्तर्गत माना गया है। ४ घोड़ा | अश्व | गांधर्वक:- गान्धर्वकः गांधाविकः-गान्धर्विकः } (पु० ) गवैया । गांधारः ) ( पु० ) १ सङ्गीत के सप्तस्वरों में गान्धारः 5 से तीसरा सरगम ( सा रे ग म प ) का तीसरा वर्ण । २ गेरु | ३ भारतवर्ष और फारस के बीच का देश आधुनिक कंधार । कंधार देश का शासक या अधिवासी । गांधारिः ) ( पुo ) दुर्योधन के मामा शकुनि को | गान्धारिः । उपाधि | गांधारी ? (स्त्री०) धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधनादि गान्धारी कौरवों की जननी । गायः ( पु० ) गान गीत | भजन । गायकः ( पु० ) गवैया । गाने वाला । गायत्रः २० गायत्रम् ( न० ) ) २४ अक्षर होते हैं। २ एक परम .१ वैदिक छन्द विशेष जिसमें } पवित्र एवं ब्राह्मणों द्वारा उपास्य वैदिक मंत्र, जिसकी उपासना किये बिना ब्राह्मण में ब्राह्म- णव ही नहीं आता। गाजनम् गायत्री (स्त्री०) ऋचा या गान। गायनः (पु०) [स्त्री० -गायनी] १ गवैया | २ श्राजी- विका के लिये गानविद्या का अभ्यास करना । गायत्रिन ( वि० ) [ स्त्री० - गायत्रिणी ] सामवेद के मंत्रों को गाने वाला 1. गारुड ( वि० ) [ स्त्री० — गारुडी ] १ गरुड़ के आकार का । २ गरुद सम्बन्धी । गरुडोत्पन्न । गारुड: ( पु० ) १ पन्ना | २ सर्पों को वशीभूत ( न० ) मंत्र से अभिमंत्रित । ४ सोना । सुवर्ण । गारुडिकः ( पु० ) ऐन्द्रजालिक । जादूगर ज़हर- मोहरा बेचने वाला विषवैद्य | गारुमत् (वि० ) [ स्त्री० -गारुमती ] १ गरुड़ के आकार का | २ गरुड़ के मंत्र से अभिमंत्रित (अव)। गान्धारयः } (पु० ) दुर्योधन की उपाधि > गांधिकः ) ( पु० ) १ गंधी | चतर फुलेल बेचने गान्धिकः | वाला | २ लेखक | मुहरिर । क्लार्क । गांधिकम् .} (न०) अतर फुलेल आदि सुगन्ध द्रव्य | गान्धिकम् गामिन् (वि० ) [ समास के अन्त में आने वाला ] १ जाने वाला। घूमने वाला। २ सवार होने गर्मियम् } ( न० ) कई एक गर्भवती स्त्रियाँ । ३ सम्बन्ध गांभीर्यम् । ( न० ) गहराई। गंभीरता । गाम्भीयम्. गार्हपतं ( न० ) गृहस्थ का पद और उसका गौरव । गाईपत्यः (पु०) १ अग्निहोत्र का अग्नि । तीन प्रकार के अग्नियों में से एक १२ वह स्थान जहाँ यह पवित्र थग्नि रखा जाय । गारुमते ( न० ) पन्ना | गार्दभ (वि० ) [ स्त्री० - गार्दभी ] राधे का या गधे से उत्पन्न । गार्थ म् (न० ) लालच | लोभ । गार्ध ( वि० ) [ स्त्री० - गार्थी ] गीध से उत्पन्न । गार्धः ( पु० ) १ लोभ लालच २ तीर | बाण -पक्षः, - वासस्. (पु०) गीध के परों से युक्त गर्भाशय तीर । गार्भ (वि०) [स्त्री० गार्भी ] गार्मिक (वि० ) [स्सी० - गार्भिकी ] [ सम्बन्धी | भ्रूण सम्बन्धी अन्तसत्वावस्था सम्बन्धी । गार्हपत्यं ( न० ) गृहस्थ का पद और गौरव । गाईमेध (वि० ) [ स्त्री०-गार्हमेघी ] गृहस्थ के योग्य या गृहस्थ के उपयुक्त गाईमेधः (पु० ) गृहस्थ के निस्य अनुष्ठेय पञ्चयज्ञ | गालनम् ( न० ) १ ( किसी पनीली वस्तु को ) छानना । २ पिघलाना।