सामग्री पर जाएँ

पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२८६

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

गद्याणकः मंत्री र गन्त्री । गद्याणक: गद्यानकः (पु०) ४१ धुंधची यारत्ती भर की तौल । गद्यालकः गंतृ | (वि. ) [ स्त्री० – गन्त्री, ]१ जाने वाला। गन्तृ २ स्त्री के साथ मैथुन करने वाला। ( २७६ (स्त्री०) वैलगाड़ी । गंधू ) (धा० आत्म०) [गन्धयते] १ घायल करना । गन्धे ) २ माँगना । ३ जाना ।

}

गंधः ) (५०) बू । बास | २ सुगन्ध पदार्थ | ३ गन्धः । गन्धक | ४ घिसा हुआ चन्दन । ५ सम्बन्ध । रिश्ता। पड़ोसी ६ घमण्ड कम्जा, (स्त्री०) जंगली नीबू का वृक्ष अमन (पु०) गन्धक । ——खु (पु०) छछून्दर ।-आढ्यः, ( पु० ) नारंगी का पेड़ –श्रयम् (न०) चन्दन काष्ठ | – इन्द्रियं, (न०) नाक | नासिका । - इभः, -गजः, द्विषः, हस्तिन, ( पु० ) सर्वोत्तम हाथी – उत्तमा, ( स्त्री० ) शराव | मदिरा। -~-श्रोतुः, ( पु० ) गन्धगोकुला | जीव- विशेष । कालिका, कालो, (स्त्री० ) वेद व्यासजी की माता का नाम । – केलिका, - चेलिका, (स्त्री० ) कस्तुरी । मुश्क 1- सी, ( स्त्री० ) नाक | - धूत्तिः, ( स्त्री० ) कस्तूरी | - नकुलः, ( पु० ) छन्दर । –नालिका, नाली, ( स्त्री० ) नाक | नासिका - निलया, ( स्त्री० ) एक प्रकार को चमेली । - पः, ( 30 ) पितृगण विशेष ।- पलाशिका, ( स्त्री० ) हल्दी 1-पाषाणः ( पु० ) गन्धक 1- पुष्पा (स्त्री० ) नील का पौधा | - पूतना, ( श्री० ) बालग्रह विशेष - फली, (स्त्री०) १ प्रियङ्गुलता | २ चम्पा के वृक्ष की फली । बन्धुः, ( पु० ) आम का पेड़ - मादनः, (पु०) भौरा । २ गन्धक ।-मादनम्, ( न० ) मेरु पर्वत के पूर्व एक पर्वत जिसमें महक - दार अनेक वन हैं। - मादनी, (स्त्री०) शराव | -मादिनी, १ ( स्त्री० ) लाख । चपड़ा - माजीरः ( पु० ) मुश्कबिलाई 1- मुखा, मूषिक:, (पु०) -सूषी, ( स्त्री० ) छछूंदर | - मृगः, (पु०) १ मुश्कबिलाई | २ मुश्कहिरन | ) गन्धार कस्तूरीमृग –मैथुनः, ( 3० ) साँड़ | बैल | -मोदनः, (पु०) गन्धक । - मोहिनी, (स्त्री०) चंपा की कली । -राजः, ( पु० ) चमेली - राजमू, ( न० ) चन्दन 1 --लता, ( स्त्री० ) प्रियङ्गु की बेल 1-लोलुपा, ( स्त्री० ) अमर | मधुमक्षिका । -वहः, ( पु० ) पवन | हवा - वहा, ( स्त्री० ) नासिका । नाक | वाहक, ( पु० ) १ पवन हया २ कस्तुरीमृग - वाही, ( स्त्री० ) नाक /-विह्वलः, ( पु० ) गेहूँ।--वृत्तः, (पु०) साल का पेड़।-चयाकुलं. (न०) कङ्कोल । - शुण्डिनी, (स्त्री०) छछूंदरी । - शेखरः, ( पु० ) मुश्क । कस्तुरी । - सामं, ( न० ) सफेद कमोदिनी । गंधकः गन्धकः ) गंधनम् ) ( न० ) १ अध्यवसाय | सततचेष्टा । गन्धनम् )२ चोट | घाव | ३ प्राकट्य । प्रकाशन । ४ सूचना सङ्केत इशारा | गंधवती ? ( स्त्री० ) १ भूमि | पृथिवी । २ शराव । ३ गन्धवती व्यास माता सत्यवती । ४ चमेली की जातियाँ ।

} (पु० )गन्धक ।

गंधर्वः ? (पु०) : देवताओं के गवैया । २ गवैया । गन्धर्वः ) ३ घोड़ा ४ मुश्कहिरन । कस्तूरी मृग ५ मृत्यु के बाद और जन्म के पूर्व की जीव की दशा ।'६ काली कोयल । -नगरं, पुरं, (न०) गन्धवों की पुरी । -राजः, ( पु० ) गन्धर्वो के राजा चित्ररथ -विद्या, ( स्त्री० ) सङ्गीत विद्या ।—विवाहः, (पु०) आठ प्रकार के विवाहों में से एक । इस प्रकार का विवाह युवक और युवती के पारस्परिक प्रेमबंधन पर ही निर्भय है। युवक युवती को न तो अपने किसी सगे सम्बन्धी से अनुमति लेने की आवश्यकता पड़ती है और न कोई रीतिरस्म अदा करने की ज़रूरत ही होती है। -वेद ( पु० ) चार उपवेदों में से एक यह सामवेद का उपवेद है। - हस्तः, ( पु० ) - हस्तकः ( पु० ) अंडी या रेड़ी का रूख । गंधारः ) ( पु० ) [ बहुवचन ] १ देश विशेष >[ गन्धारः ) और उसके अधिवासी । २ राग विशेष | ३ सिन्दूर |