पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२८५

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गति लम्बित ६ गिरा हुआ। कम किया हुआ । ७ सम्बन्धी विषय का | अक्ष, ( वि० ) अन्धा | नेत्रहीन | - अध्वस्, १ वह जिसने अपनी यात्रा पूरी कर डाली हो । २ अभिन्न अत। ( स्त्री० ) चतुर्दशी युक्त अमावस्या । - अनुगतं, ( न० ) किसी रीति या रस्म का अनुयायी या माननेवाला ।-अनुगतिक, ( वि० ) अँधअनुयायी । अन्तः, ( वि० ) वह जिसकी समाप्ति या पहुँची हो। -अर्थ, (वि०) १ निर्धन । गरीब २ अर्थहीन । असु, - जीवित, प्राण, (वि०) भृत | मरा हुआ | ( २७८ )

(स्त्री० ) १ चाल | हरकत | गमन | २ प्रवेश ।

३समाई। जगह । बिस्तार । ४ पथ मार्ग | रास्ता ५ गमन | पहुँचना । प्राप्ति | ७ फल | परिणाम | ८ हालत | दशा । परिस्थिति । ६ उपाय । ज़रिया । १० पहुँच। शरण स्थान | बचाव | ११ उत्पत्ति स्थान निकास १२ मार्ग पथ गद्य १३ जलूस यात्रा १४ कर्मफल । नतीजा । १५ भाग्य । प्रारब्ध १६ नक्षत्र पथ | १७ नक्षत्र की चाल विशेष १८ नासूर | घाव | भगंदर । १६ ज्ञान | बुद्धि | २० पुनर्जन्म २१ थायु को भिन्न दशाएँ । यथा--शैशव, यौवन, बुढ़ापा आदि ।-अनुसरः, ( पु०) दूसरे के पीछे चलना । दूसरे के मार्ग पर गमन करना । -भङ्गः, (पु० ) निवृत्ति निवारण । प्रतिवन्ध । -हीन, (वि०) बेबस असहाय अनाथ गत्वर (वि०) [स्त्री० गत्वरी] श्चर। जङ्गम। चलने- वाला । २ नश्वर नाशवान | -आधि (वि०) निश्चिन्त । प्रसन्न ।~-आयुस, | गद् ( धा० परस्मै० ) [गति, गदित] १ ऐसे बोलना जिससे समझ पड़े। २ गणना करना । गढ़ (न०) एक प्रकार का रोग गदः (पु० ) १ भाषण | वक्तृता । २ वाक्य | ३ रोग । ४ गर्ज गड़गड़ाहट -अगदौ, ( द्विवचन) अश्विनीकुमार । --अग्रणी (स्त्री०) सव रोगों का सरदार अर्थात् क्षय रोग । –अम्बरः, ( पु०) बादल :- प्ररातिः, (पु०) दवा | गदयित्नु (वि०) १ बातुनिया । बकवादी | २ कामी । ( वि० ) बुढा । अपाहज । अशक्त । -प्रार्तवा, ( स्त्री० ) जच्चा। - उत्साह, (वि०) शिथिल । उदास । उत्साहहीन |– कल्मष, (चि० ) पाप | या दोष से मुक्त । पवित्र 1-क्कम, ( वि० ) तरोताज्ञा । चेतन, (वि०) मूर्छित । बेहोश /-- दिनं (अव्यया०) बीता हुआ कल्ल । - प्रत्यागत, (वि०) जाकर लौटा हुआ | - प्रभ, (वि०) मंदा | धुंधला। कुम्हलाया हुआ। —प्राण, (वि०) मृत । मरा हुआ ।--प्राय, (वि०) लगभग गुजरा हुआ | सरा हुआ ।--भर्तृका, (स्त्री०) विधवा । रौंड़ | | भोषित भतृका । वह स्त्री जिसका पति विदेश गया हो। लक्ष्मीक, ( वि०) प्रभाहीन | धमक रहित । धुंधला । कुम्हलाया हुआ । – वयस्कं, ( वि० ) चूड़ा 1-वर्षः, (९० ) वर्ष ( न० ) बीता हुआ वर्ष । –बैर, (वि० ) मेल मिलाप किये हुए । सन्धि किये हुए व्यथ, (वि०) पीड़ा रहित। - सत्व, (वि०) मृत | मरा हुआ। २ नीच । धोछा | सन्नकः, (वि० ) हाथी } जिसके मद न चूता हो /- स्पृह, ( वि० ) सौंसारिक अनुराग से रहित । लम्पट | गदयित्नुः (पु०) कामदेव का नाम । गदा ( स्त्री० ) काठ था लोहे का अस्त्र विशेष - अग्रजः, ( पु० ) श्रीकृष्ण का नाम । - अग्र- पाणि, (वि०) दहिने हाथ में गदा लेनेवाला । -घरः, (पु०) विष्णु भगवान की उपाधि - भृत्, (५०) गदा से युद्ध करने वाला । ( पु०) विष्णु भगवान की उपाधि । - युद्धं, (न०) गदा की लड़ाई । - हरुन, (वि०) गदास्त्र से सज्जित | गदिन (वि०) [स्त्री० -गदिनों,] १ गदा लिये हुए। २ रोगी । बीमार । ( पु० ) विष्णु की उपाधि | गद्गद (वि०) हकला | एक रुक कर बोलने वाला । - स्वरः, (पु०) १ हकलाने की बोली । २ भैसा । गदः (पु०) हकलाना | तुतलाना । गद्दं (न०) हकला कर बोलना । गद्य ( स० का कृ०) बोलने को कहने को गद्यं (न०) पय नहीं। बार्तिक । वह रचना जिसमें कविता या पद्य न हो।