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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२३०

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कांतम् कांतम् । }( न० ) केसर । जाफ्रान् । कान्तम् ) ( २२३ ) कापथ ( पु० ) खराव सड़क । कापालः कांता ) ( स्त्री० ) १ माशूका या प्रेमपात्री सुन्दरी कान्ता ) स्त्री । २ पत्नी भार्या । ३ प्रियङ्गु बेल । ४ वड़ी इलायची । ५ पृथिवी । - [अंधिदोहदः ( पु० ) अशोकवृक्ष | कांतारः कान्तारः ( पु०) १ १ विशाल वियावान । कांतारं, कान्तारं (न०) ) निर्जन वन | २ खराब सड़क ३ रन्ध्र खुखाल | छेद | सन्धि | ( पु०) लाल रङ्ग के गन्नों की अनेक जातियां | तिन्दुक । ) (५०) १ शैव सम्प्रदाय के अन्तर्गत कापालिका | एक उपसम्प्रदाय । इस सम्प्रदाय के लोग अपने पास खोपड़ी रखते हैं और उसी में रीध कर या रख कर खाते हैं। वामाचारी | २ एक प्रकार की कोढ़ । कापालिन् ( पु० ) शिवजी का नाम । का पिक ( वि० ) [ स्त्री० - कापिकी ] वानर जैसी शक्ल का या वानर की तरह आचरण करने वाला। कापिल (बि० ) [ स्त्री० -- कापिली ] १ कपिल का पहाड़ी आबनूस । कांतिः । (स्त्री०) १ मनोहरता | सौन्दर्य | २ आभा | कान्तिः । दीप्ति । थाव । ६ व्यक्तिगत शृङ्गार । ४ कामना | इच्छा | चाह । ५ अलङ्कार शास्त्र में प्रेम से बढ़ी हुई सुन्दरता साहित्यदर्पणकार ने, या कपिल सम्बन्धी २ कपिल द्वारा पढ़ाया हुआ या कपिल से निकला हुआ। कापिलः (पु०) १ कपिल के सांख्यदर्शन को मानने वाला या उसका अनुयायी । २ भूरा रंग । “कान्ति” 'शोभा' और 'दीप्ति' में इस प्रकार | कापुरुष: ( पु० ) नीच या ओंड़ा जन । ढरपोंक या अन्तर बतलाया है :- दुष्ट जन "रूपयोषन लालित्यं भोगादौरभूषणम् | शोभामोक्ता चैव कान्तिन्मयाच्यायिता सुतिः | कान्तिरेवातिथिस्तीर्णा दीष्टिरित्यभिधीयते ॥” ६ मनोहर मनोनीत स्त्री । ७ दुर्गा की उपाधि । --कर, (वि० ) सौन्दर्य लानेवाला । शोभा बढ़ानेवाला ।–दु, ( वि० ) सौन्दर्यप्रद । शोभा- जनक ।-दूं, (न० ) १ पित्त । २ घी ।- दायक,–दायिन, (वि०) शोभा देनेवाला |-- भृत्. (पु०) चन्द्रमा | कांतिमत् ) ( वि० ) मनोहर । सुन्दर । सर्वोत्तम । कान्तिसत् ) ( पु०) चन्द्रमा । कांदवम् ) (न०) लोहे की कढ़ाई या चूल्हे में सुनी कान्दवम् ' हुई कोई वस्तु । कांदविक कान्दविकः । ( पु० ) नानबाई । हलवाई। काल कांदिशीक ) (वि०) १ भगोड़ा भाग जानेवाला । कान्दिशीक । २ भयभीत। डरा हुआ। कान्यकुब्जः ( पु० ) एक देश का नाम | कन्नौज । २ कापटिक (वि०) [स्त्री कापटिकी] १ धोखेबाज़ | जालसाज़ | बेईमान | २ दुष्ट । कापटिकः ( पु० ) चापलूस | खुशामदी । कापट्यं ( न०) दुष्टता। जालसाजी धोखा | छल । कपट । कापेयं ( न० ) १ वानर की जाति का | २ वानर जैसी चेष्टा करने वाला । ३ वानरी हथकंड़े । कापोत (वि०) स्त्री० कापोती] भूरे धुमैले सफेद रंग का । कापोतं ( न० ) १ कबूतरों का गिरोह | २ सुर्मा | -अञ्जनम् ( न० ) आँख में लगाने का सुर्मा कापोतः ( पु० ) भूरा रंग । काम् ( अव्यया० ) किसी को बुलाने में प्रयोग होने वाला अन्यय । । कामः (पु० ) १ कामना । अभिलाषा । २ अभिलषित वस्तु । ३ स्नेह | प्रेम ४ पुरुषार्थ विशेष स्त्री- सम्भोग की कामना या स्त्रीसम्भोग का अनुराग ५ कामुकता | मैथुनेच्छा | ६ कामदेव । ७ प्रद्युम्न का नाम |८ बलराम का नाम । ६ एक प्रकार का आम का पेड़ | [ब्राह्मण । | कामं (न०) १ इष्टवस्तु | अभीष्ट पदार्थ । २ वीर्य । धातु । -अग्निः, ( पु० ) प्रेम की धाग या सरगर्मी -अङ्कशः, ( पु० ) १ नख | नाखून | २ जनने- न्द्रिय । लिङ्ग-ध्यङ्गः ( पु० ) आम का पेड़ | - अन्धः, (पु० ) कोकिल । --अन्धा (स्त्री० ) कस्तूरी । –अन्निन् ( वि० ) मनोभिलषित भोजन जब चाहे तब पाने वाला।-अभिकाम,