पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२३१

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( २२४ काम ( वि० ) कामुक । लंपट । अरयं, ( न० ) मनोहर उपवन या सुन्दर उद्यान |-अरिः ( = कामारिः) (पु०) शिवजी। -अर्थिन्, (वि०) कामुक १–अवतारः, ( पु० ) प्रद्युम्न का नाम । अवसाय: ( पु० ) दुःख सुख की थोर से उदासीनता । - प्रशनं, (न० ) १ इच्छानुसार खाने वाला । २ असंयत भोग विन्तास। आतुर, (वि० ) प्रेम के कारण बीमार | प्रेमरोगाकान्त । कामातुर । -आत्मजः, (पु०) प्रद्युम्न पुत्र अनिरुद्ध की उपाधि -आत्मन् (वि०) कामुक । कामा सक्त । आशिक । —प्रायुधं, (न० ) १ कामदेव के बाण | २ जननेन्द्रिय । -आयुधः, ( पु० ) श्राम का पेड़ । प्रायुस्, ( पु० ) १ गीध | गिद्ध | २ गरुड़ ।-आर्त, (पु० । कामपीड़ित । प्रेमविह्वल-आसक्त, (वि०) कामी । कामुक । प्रेम में बिह्वल । —ईप्सु, ( वि० ) अभीष्ट वस्तु आदि के लिये प्रयत्नवान् | -ईश्वरः, ( पु० ) १ कुबेर की उपाधि । २ परब्रह्म । - उदकं, ( न० ) १ स्वेच्छापूर्वक जलदान | २ सगोत्र या जो सर्पण के अधिकारी हैं, उनसे मिन किसी का जलतर्पण करना । -उपहृत, ( वि० ) कम पीड़ित /–कला, (स्त्री०) काम की स्त्री रति का नाम । -कूटः, ( पु० ) १ वेश्या का प्रेमी । २ वेश्यापना । केलि, (वि० ) कासरत । कामुक कामी । – केलिः, ( पु० ) १ आशिक | प्रेमी | २ मैथुन। चर, चार, (वि०) येरोकटोक | असंयत । वः, चारः, (पु०) १ वेरोक टोक गति । २ स्वेच्छाचारिता | ३ स्वेच्छाचार | ४ कामासक्तता । मैथुनेच्छा | ५ स्वार्थपरता । चारिन्, (वि०) १ असंयत गतिशील २ कामी कामुक ! ३ स्वेच्छाचारी ( पु० ) १ गरुड़ | २ गौरैया |- जित्, (वि०) काम को जीतने वाला। (पु०) १ शिव जी की उपाधि । २ स्कन्द की उपाधि । - तालः, (पु०) कोकिल । —द, (वि०) अभिलाषा पूर्ण करनेवाला । - दा. (स्त्री० ) कामधेनु । - दर्शन, (वि०) मनोहर रूप वाला । दुघा, दुहू, ( स्त्री० ) कामधेनु । —दूती, ( श्री० ) कोकिला 1-- देवः, ( पु० ) प्रेम के अधिष्ठाता ) कामतः देवता । -धेनुः, (स्त्री०) स्वर्ग की गौ विशेष - ध्वंसिन्, ( पु० ) शिव जी का नाम 1-पत्नी, (स्त्री०) रति । कामदेव की स्त्री ।~-पालः, (पु०) बलराम का नाम । प्रवेदनं, (न० ) अपनी इच्छा प्रकट करना प्रश्नः ( पु० ) मनमाना प्रश्न या सवाल। -फलः, ( पु० ) आम के पेड़ों की जाति विशेष । —भोगाः, (बहुवचन) मैथुनेच्छा की पूर्ति । -महः, (पु०) कामदेव सम्बन्धी उत्सव विशेष जो चैत्रमास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।~-मूढ, मोहित, (वि० ) प्रेम से बुद्धि गँवाये हुए | कामान्ध । – रसः, (पु०) वीर्यपात । -रसिक, ( वि० ) कामुक । कामी । –रूप, ( वि० ) १ इच्छानुसार रूप धारण करनेवाला । २ सुन्दर खूबसूरत । – रूपाः, (बहुवचन) गोहाटी का प्रांत कामरूप देश के नाम से प्रसिद्ध है- रेखा, ~लेखा, (स्त्री० ) वेश्या | रंडी | पतु- रिया 1-लोल, (वि० ) कामपीड़ित (~~ वरः ( पु०) मुँ हमाँगा वरदान |--वल्लभः, ( पु० ) १ वसन्तऋतु । २ ग्राम का पेड़ - वल्लभा ( स्त्री० ) जुन्हाई । चन्द्रमा की चाँदनी |---- वश, (वि०) प्रेमासक। -वशः, (पु० ) प्रेमा- सक्ति । -वादः ( पु० ) मनमाना कहना | जो जी में श्रावे सो कहना। -विहंतृ, (वि०) असफल मनोरथ । वृत्त, (वि०) कामुक | ऐयाश | - वृत्ति ( वि० ) स्वेच्छाचारी | स्वतंत्र । -वृत्ति, ( स्त्री० ) स्वतन्त्रता | स्वेच्छाचारिता वृद्धिः, ( स्त्री० ) कामेच्छा की वृद्धि । -शरः, ( पु० ) १ प्रेम का बाण । २ ग्राम का पेढ़ 1-शास्त्रः, (५०) प्रणयात्मक विज्ञान । - संयोगः, ( पु० ) अभीष्ट पदार्थ की उपलब्धि या प्राप्ति ।-सखः, ( पु० ) वसन्तऋतु । -सू. (वि० ) किसी भी अभिलाषा का पूरा करनेवाला ।-सूत्रम्, (न०) वात्स्यायन सूत्र जिसमें कामशास्त्र का प्रतिपादन है। -हैतुक, (वि० ) विना किसी कारण के । केवल इच्छामात्र से उत्पन्न । कमतः (अव्यया० ) १ स्वेच्छतः । मनमाना । रज़ामन्दी से जानबूझ कर । इरादतन । ३ कामुकवत् । रसिकता से | ४ स्वेच्छानुसार असंयत रूप से। बेरोकटोक | ▾