पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२२९

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कांडः ( २२२ १ भाग | अंश । २ एक पोहए से दूसरे पोरुए तक का किसी पोरुgदार पौधे का भाग | ३ तना | डंडुल । डाली । शाखा | ४ किसी ग्रंथ का एक भाग ५ पृथक् विभाग ६ गुच्छा | समूह । गट्ठा। ७ तीर । ८ लंबी हड्डी । ६ वेत । नरकुल १० छुड़ी डंडा ११ जल । पानी । १२ अवसर । मौका । १३ खास जगह | रहस्य स्थान | १४ दुष्ट । पापी । -कार, ( पु० ) तीर बनाने वाला 1-गोचरः, (पु०) लोहे का तीर । - पटः, -पटकः, (पु०) | कनात | पढ़र्दा । —पातः, ( पु० ) तीर का उड़ान या वह स्थान जहाँ तक तीर जा सके। - पृष्ठः, ( पु० ) १ सैनिकवृत्ति विशेष | सिपाही । २ वैश्या स्त्री का पति । ३ दत्तकपुत्र या औरसपुत्र से मिन कोई पुत्र ( यह गाली देने में प्रयुक्त होता है। ) कमीना । निमकहराम | महावीर चरित्र में जामदग्न्य को शतानन्द ने काण्वपृष्ठ कांडः, काण्डः ( पु० "स्वकुलं पृष्ठतः कृत्वा यो वै परकुलं व्रजेत् । तेन दुश्चरितैनासौ कापडपृष्ठ इति स्मृतः ॥ --भङ्गः, (पु०) हड्डी का टूटना या किसी शरीरा- वयव का भङ्ग होना । --वाणी, (स्त्री०) चाण्डाल की दीणा। सन्धि, (स्त्री० ) गाँठ | -स्पृष्टः (पु० ) योद्धा | सिपाही । काण्डवत् } (१०) धनुषधारी । कांडीरः काण्डीरः ( पु०) धनुषधारी । कांडोलः नरकुल की बनी डलिया या टोकरी । कात् (अव्यया० ) गाली, तिरस्कार व्यञ्जक अव्यय । कातर (वि० ) १ भीरु । डरपोंक | उत्साहहीन । २ दुःखित । शोकान्वित । भीत। ३ घबड़ाया हुआ । विकल । व्याकुल । ४ भय से विह्वल या भय के कारण थरथराता हुआ । कातर्य (न०) भीरुता । ढरपकपना । कात्यायनः ( पु० ) १ प्रसिद्ध व्याकरणी जिन्होंने पाणिनी के सूत्रों को पूर्ण करने के लिये वार्तिक ) कान्तः की रचना की । वररुचि नामक व्याकरण का वार्तिक बनानेवाले। २ कात्यायनसूत्र नामफ एक धर्मशास्त्र के निर्माता । कात्यायनी (स्त्री०) १ एक बूढ़ी या अधेड़ स्त्री ( जो लाल वस्त्र पहिनती हो ) । २ पार्वती का नाम । --पुत्रः सुतः (पु०) कार्तिकेय का नाम । कार्यचित्क ) ( वि० ) [ स्त्री०- काथंचिकी] काथञ्चिक ) कठिनाई से पूर्ण हुआ हो। काथिकः (न०) कहानी कहनेवाला । कादंबः ) ( पु० ११ कलहंस | २ तीर | ३ गन्ना काद्दः ) ४ कदम्ब का पेड़ | काम } ( न० ) कदम्ब के फूल। कादम्बम् कादंबरम् कादम्बरम् ) कादंबरी ) (स्वी०) १ कदम्ब के फूलों से खींची हुई कादम्बरी) मदिरा । २ मदिरा। शराय। ३ हाथी की कनपुटी से चूनेवाला मद ।४ सरस्वती देवी की उपाधि | २ मादा कोकिल ( न० ) कदम्य के फूलों की शराब । कादंबिनी } ( स्त्री० ) मेघमाला । कादम्बिनी, कादाचिन्क (वि० ) इत्तिफाकिया । काद्रवेयः ( पु० ) सर्प विशेष | काननम् (न० ) १ जङ्गल | वन | २ घर | मकान । - अग्निः, ( पु०) दावानल /-ओकस, (पु०) १ वनवासी । २ वानर कानिष्ठिकम् ( न० ) छगुनिया | सब से छोटी हाथ की उँगुली । कानिष्टियः ( पु० ) ) सब से छोटे बच्चे की कानिष्ठिनेयी (स्त्री० ) । सन्तान । कानीन: ( पु० ) १ अविवाहिता स्त्री से उत्पन्न पुत्र | २ व्यास | ३ कर्ण | कांत ३ (वि०) १ प्रियः । इष्ट | प्यारा | २ मनोहर | कान्त ) अनुकूल | सुन्दर-पतिन् ( पु० ) मोर | मयूर । – लोहं ( न० ) चुम्बक पत्थर | कांतः ) (५०) १ प्रेमी। याशिक | २ पति । ३ प्रेम- 'कारतः पात्र माशूक ४ चन्द्रमा ५ वसन्तऋतु । ६ एक प्रकार का लोहा । ७ रत्नविशेष | ८ कार्ति- केथ की उपाधि |