( ११९ ) श्रा श्रा वर्ष माला का दूसरा अक्षर तथा स्वर। यह "अ" का दीर्घ रूप है। आहाँ । अनुमति | सचमुच इसका प्रयोग अनुकंपा, दया, वाक्य, समुच्चय, थोड़ा, सीमा, व्याप्ति, अवधि से और तक के अर्थ में होता है। जब यह क्रिया अथवा संख्यावाचक शब्दों के पूर्व लगाया जाता है, तब यह समीप, सम्मुख, चारों ओर से आदि अर्थ को बतलाता है । वैदिक भाषा में "या" सप्तम्यन्त शब्द के पहले -- में और आदि का अर्थ बतलाता है। याः (पु० ) महादेव । ( स्त्री० ) लक्ष्मी । श्राकथनम् ( न० ) डींग शेखी। बडाई । कम्पः (०) १ थोड़ा हिलाना डुलाना। २ हिलाना 1 कापना । श्रा आकम्पित ) ( वि० ) कम्पयुक्त, काँपता हुआ | आंदो। [ किया। ष्प्राकम्प्र आकत्यं (न०) किसी वस्तु को अपवित्र कर ढालने की आकर: ( पु० ) १ खान । २ समूह | ३ सर्वोत्कृष्ट सर्वोत्तम । [ द्वारा नियुक्त राजपुरुष । आकरिकः ( पु० ) खान की निगरानी के लिये राजा आकरिन ( वि० ) 3 खान से निकला हुआ। खनिज पदार्थ | २ कुलीन | आकर्णनम् (न० ) सुनना। कान करना । आकर्ष: ( पु० ) १ खिचाव | २ तूर खींच ले जाना। ३ ( धनुष को ) तानना। ४ वशीकरण | ५ पाँसे का खेल । ६ पला । ७ चौपड़ की ज्ञानेन्द्रिय ६ कसौटी। [वाला। आकर्षक (वि० ) खींचने वाला । आकर्षण करने आकर्षक: (वि० ) चुम्बक पत्थर | आकर्षणम् ( न० ) १ खिंचाव | २ तंत्र शास्त्र का एक प्रयोग विशेष | आकर्षण (स्त्री० ) लग्गी ऊँचाई से फलफूल पत्ती तोड़ने की लंबी और नोंक पर मुड़ी हुई लकड़ी विशेष । आकर्षिक (वि० ) [स्त्री०आकर्षक] १ चुम्बक पत्थर का २ सींचने वाला। आकाश आकर्षिन (वि० ) खींचने वाला | कलनम् ( ० ) १ पकड़ | २ गणना | गिनती । ३ इच्छा | अभिलाषा | ४ पंछ । ५ समझ आकल्पः (पु० ) १ आभूषण | शृङ्गार 1 सजावट। २ पोशाक परिच्छेद ३ रोग । बीमारी । आकल्पक ( पु० ) १ खेद पूर्वक स्मरण | २ मूर्च्छा | ३ हर्ष या प्रसन्नता । ४ अन्धकार | २ गाँठ या जोड़ । प्राकषः (पु० ) कसौटी। आकषिक ( वि० ) जाँचना । परीक्षा करना आकस्मिक ( वि० ) [ स्त्री-आकस्मिकी ] १ अचानक अकस्मात् । सहसा धाशातीत | आकरण आकारण प्रकरणा आकारणा [ ( कसौटी पर ) २ अकारण | आकांक्षा ( स्त्री० ) १ अभिलाषा | इच्छा | बांछा चाह | २ अभिप्राय सात्पर्य । इरादा ३ अनुसन्धान । ४ अपेक्षा कायः (पु० ) १ चिता की अग्नि । २ चिता । आकार: (पु०) १शक्कु | स्वरूप आकृति । सूरत २ डीलडौल । क़द ३ बनावट संगठन | ४ चेष्टा | ५ सङ्केत १ आमंत्रण | २ ललकार । आकालः ( स० ) ठीक समय । आकालिक ( वि० ) [ स्त्री० - आकालिकी ] १ क्षणिक | शीघ्र नष्ट होने वाली । २ वेफसल की (वस्तु) । आकालिकी (स्त्री० ) बिजली । }} आकाश: ( पु० ) ) १ आसमान । गगन । व्योम | आकाश ( न० ) २ आकाश तत्व ३ शून्य स्थान शून्यता ४ स्थान ५ ब्रह्म । ६ प्रकाश | स्वच्छता - ईश:, (पु० ) १ इन्द्र | २ कोई भी अनाथ व्यक्ति जैसे स्त्री, बालक। जिसके पास आकाश को छोड़ अन्य कोई सम्पत्ति ही न हो। -- कक्षा (०) चकल्प(०)
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१२६
दिखावट