पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१२५

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

श्रहृल्य अहल्य (वि० ) अनजुसा हुआ। अहल्या (स्त्री० ) गौतम की पत्नी इसको इसके पति के शाप से भगवान् श्रीरामचन्द्र जी ने मुक्त किया था। - जारः, ( पु० ) इन्द्र -नन्दनः | अहितः (पु० ) शत्रु | वैरी | ( पु० ) सतानन्द ऋषि । अहोकः अहित (वि० ) १ जो रखा न गया हो। जो नियत न हो । २ अयोग्य | अनुचित | ३ हानिकारी | अहितकर | ४ प्रतिकूल ५ बैरी । विरोधी । अ ( अव्यया० ) विस्मय, एवं खेद व्यञ्जक | अहिम ( वि० ) जो ठंडा न हो । गर्म 1- अंशु, सम्बोधन । महार्यः (पु० ) पर्वत । पहाड़। - फरः, – तेजस्, द्युतिः,—रुचिः (पु०) सूर्यं । हीन (वि०) १ समूचा सम्पूर्ण धन्यून २ बड़ा | जो छोड़ा न हो । ३ अधिकार में रखने वाला। जो किसी वस्तु से वञ्चित न हो। ४ जो जातिच्युत या पतित न हो। २ सूर्य ३ राहुग्रह | दग़ावाज | ६ मेघ । ८ भोगी | नीव | हितम् (न० ) हानि । नुकसान । इति । अहिः (g० ) १ सर्प सांप ४ वृत्रासुर: ५ घोलेवाज़ बादल । ७ सीसक १० अश्लेषा नक्षत्र १३ दुष्ट मनुष्य १२ जल । १३ पृथिवी १४ दुधार गौ । १२ नाभि /- कान्त ( पु० ) पवन | हवा । कोषः, (पु०) सौंप की कैखुली।-इत्रकं, (न० ) कुकुरमुता| यहु ( वि० ) सङ्गी| व्यास | - जित्, ( पु०) १ श्री कृष्ण का नाम | २ इन्द्र | ध्रुवः (पु०) शत्रु | बैरी | का नाम :~~तुण्डिकः, (पु०) सांप पकड़ने वाला कालवेलिया ।। महुअर बजाने वाला जादूगर । बाजीगर 1-द्विषू, दुहू, मार, रिपु, विद्विष, (पु०) गरुड़ जी का नाम । २ न्योता । ३ मोर |~~नकुलिका, (स्त्री० ) सर्प और न्योले की स्वाभाविक शत्रुता -निर्माकः (50) - अद्भुत (वि० ) जो हवन न किया गया हो । अद्भुतः (पु० ) ध्यान | स्वव। स्वाध्याय । यहे ( अव्यथा० ) धिक्कार, खेद और वियोग सूचक धव्यय | साँप की कैचुली I~~पतिः, (पु० ) १ सर्पराज | | अहेतुः ( वि० ) अकारण । स्वेच्छापूर्वक । मनमाना । अहेतुक ) (वि. ) 8 बिना कारण के । २ फल की इच्छा से रहित । ३ विना किसी तात्पर्य के। पुत्रका, वासुकी । २ कोई भी बना सर्प | ( पु० ) नाव विशेष | जो सर्प के आकार की होती है । -फेनः ( पु० ) - फैनम् (न० ) अफीम (~-भयं, (न० ) १ किसी छिपे सर्व का भय । २ दग़ा या विश्वासघात का भय मित्र अ ( अभ्यया० ) एक अन्यय जो निम्न भावों का योतक है:- आश्चर्य, शोक, खेद प्रशंसा, स्पर्द्धा, ईर्ष्या, सन्तोष थकावट, सम्वोधन, तिरस्कार। अहिंसा ( स्त्री० ) मन, वच, कर्म से किसी प्राणी को पीड़ा न देना। अहिंस्र (वि०) अहिंसक। जो हिंसा न करे। निर्दोष अधिक (पु०) धंधा सर्प । हीः (पु०) | एक यज्ञ जो कई दिनों तक होता है। श्रहीनं ( न० ) अहीर: ( दु० ) ग्वाला | गौ चराने वाला । अहीर । श्रीराणे ( पु० ) कुचलेड़ | दुमुंहा सौंप से भय । भुज् (पु० ) १ गरुड़ का नाम । - २ मोर | ३ न्योला । नकुल (भृत् (५०) अन्हाय ( अन्यया० ) तुरन्त | तेजी से । फुर्ती से । शिव । अह्वय, ( वि०) निर्लज्ज । अभिमानी । प्राह्नि (वि० ) १ मोटा | २ विषयी | ३ बुद्धिमान ४ कवि । अहोक (वि० ) निर्लज्ज व्यहोकः (वि० ) बौद्ध भिक्षुक