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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६६

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प्रपपान अपपानं (न०) अपेय । न पीने योग्य पीने की वस्तु । अपप्रजाता (स्त्री०) स्त्री, जिसका गर्भपात हो गया हो। अपप्रदानम् ( न० ) घूँस | रिश्वत । अपभय ( वि० ) डर से रहित । निर्भय । ( ५३ अपराजित -- जनः, ( पू० ) पाश्चात्य जन पश्चिमी देशों के रहने वाले। दक्षिणं, (श्रव्यया०) दक्षिण पश्चिम में। -पतः, (पु०) १ कृष्णपक्ष २ दूसरी थोर । उल्टी श्रोर । ३ प्रतिवादी । –पर, (वि०) कई एक भिन्न भिन्न तरह तरह के। - पाणि- नीयाः, (५०) पाणिनी के शिष्य जो पश्चिम में रहते हैं। —प्रणेय, (चि० ) सहज में दूसरे द्वारा प्रभा- चान्वित होने वाला। – रात्रः, (पु०) रात का पिछला पहर:-परलोकः, ( पु० ) स्वर्गं । - स्वस्तिकं ( न० ) श्राकाश का पश्चिमी अन्तिम विन्दु । - हैमन (वि० ) शीतकाल का पिछला भाग । अपर (पु० ) १ हाथी का पिछला पैर । २ शत्रु | (स्त्री० ) अन्तिम तारावृक्ष या नक्षत्र । अपभाषणम् ( न० ) गालियाँ | मानहानि । शः (पु) पतन । गिराव २ बिगाड़ | विकृति | ३ बिगड़ा हुआ। अपमः ( पु० ) ग्राहणिक ग्रहण या अयनमण्डल सम्बन्धी । क्रान्ति । अान्त । अपमई (पु० ) धूल गर्यो । जो बुहारा जाय। अपमर्श: (पु० ) छूना चराना | अपमानः ( पु० ) निरादार | बेइज्जती बदनामी । अपमार्गः (पु०) पगडंडी वगली रास्ता | बुरी राखा अपमुख (वि० ) बदशक्ल । बदसूरत । कुरूप | अपमूर्धन ( वि ) लापरवाह अपमार्जनम् ( न० ) १ घो कर साफ करना | पवित्र करना । २ हजामत बनवाना | अपमृत्युः ( पु० ) कुमृत्यु | कुसमय को मौत । बिजली गिरने से, विष खाने से, साँप आदि के काटने से मरना । अषित (वि० ) १ जो बोधगम्य न हो। जो सम न पड़े। अस्पष्ट । २ । नापसंद । अपयशः (०} } बदनामी । अपकीर्ति । अपयानम् ( न० ) भाग जाना। पीछे लौट जाना। अपर ( वि. ) १ जो पर या दूसरा न । पहिला पूर्व का | २ पिछला। जिससे कोई पर न हो ३ । : दूसरा | अन्य और भिन ४ अपकृष्ट | नीचा | -- अनि, ( 50 ) दक्षिण और गार्हपत्यानि ।। अपराः, अपरे, अपराग, दूसरे दूसरे । कई एक | भिन्न भिन्न -अहः, ( पु० ) तीसरे पहर । -इतरा, ( स्त्री० ) पूर्व दिशा । - कालः, ( पु० ) पीछे का काल। पिछला समय । ) अपरम् ( न० ) १ भविष्य | २ हाथी का पिछला पैर । ( श्रव्यया० ) पुनः । आगे। अपरता (स्त्री० ) | दूसरापन अनगैरीपन | २४ गुणों में अपरत्वं ( न० )[ से एक गुण | अन्तर सम्बन्ध | अपरत्र (थव्य० ) अन्यत्र | दूसरी जगह | अपरक्त (वि०) १ विना रंग का खूनरहित । पोला । २ असन्तुष्ट | परतः (स्त्री) १२ असन्तोष। अपरवः (पु० ) झगड़ा। विवाद ( किसी सम्पत्ति के उपभोग के सम्बन्ध में ) २ अपकीर्ति । बदनामी । अपरस्पर (चि० ) एक के बाद दूसरा अवाधित लगातार । अपरा (स्त्री०) पश्चिम को ओर। हाथी के पीछे का धड़ | ३ गशय झिल्ली | ४ गर्भावस्था में रुका हुआ रजोधर्म। अपराग ( वि० ) विना रंग का। गः (०) सन्तोष २ शत्रुता | दुश्मनी रांच (वि) सम्मुख सामने। -राक् (अपराकू) ( श्रव्यया० ) सम्मुख | सामने ।-मुख, (वि०) -मुखी, ( स्त्री० ) २ मुंह न मोड़ना | ३ साहस के साथ सामना करना । मोर्चा लेना अपराजित (वि० ) जो हारा न हो। अजेय । अपराजितः (पु०) १ एक प्रकार का ज़हरीला कीड़ा | २ विष्णु । ३ शिव ।