पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६७

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अपराजिता अपराजिता (स्त्री० ) १ दुर्गा देवी जिनका पूजन दशहरा के दिन किया जाता है । २ ओषधि विशेष। यह औषधि कलाई में यंत्र की तरह बांधो जाती है। ३ ईशान कोण । अपराडि (सी० ) अपराध कर २ पाप । दुष्कर्म । अपराध: ( पु० / कसूर जुर्म | २ पाप । अपरा. धन् (वि० ) अपराध करने वाला। अपराधी । अपरिग्रह (वि० ) जिसके पास न तो कोई वस्तु हो और न कोई नौकर चाकर निपट मोहताज निपट रंक | अपरिग्रहः (पु० ) १ अस्वीकृति । नामंजूरी | २ अभाव | गरीबी | 1 अपरिच्छद ( वि० ) दरिद्र गरीब मोहताज | पर (वि० ) ३ सतत २ अभेय मिला हुआ ३ असीम | इयसारहित । । अपरायः (पु० ) अनूदावस्था अविवाहित अवस्था | चिर-कौमार्य । " अपर (स्त्री० ) अविवाहित लड़की । अपरिसंख्यानम् ( न० ) १ आनन्थ्य २ असीम ३ असंख्य | 0 ) अपचतनम् अपर्याप्तिः ( स्त्री० ) १ अपूर्णता कमी | २ अयोग्यता अक्षमता। अपाय ( वि० ) क्रमरहित । बेसिलसिले अपर्यायः (पु० ) क्रम या विधि का अभाव । जिसका कोई क्रम या सिलसिला न हो। पर्युषित (वि०) रात का रखा हुआ नहीं। वासी नहीं। ताज्ञा । टटका पर्वन (वि०) जिसमें गाँठ न हो । ( न०) १ बेजोड़ अथवा जिसमें जोड़ने की जगह न हो । २ ये समय अतु अप (वि० ) मांस का अपलम् (न० ) पिन या बोल् पलपनम् (न०) } 8 छपाव | दुराव | २ अपलापः (पु०) छिपाना किसी वस्तु 1 की जानकारी को छिपाना । निकास सत्य बात का, विचार का और भाव का छिपाना ( पु० ) मिथ्याभाषण के लिये सजा। अपलापिन् (वि० ) इंकार करने वाला। मुकरने वाला छिपाने वाला। [ प्यास | अपजाषिका (स्त्री०) अपलासिका ( स्त्री० ) बड़ी अपलाविन् १ (दि० ) १ प्यासा | २ प्यास या अपलापुक अभिलाषण से मुक्त । अपवन ( वि० ) विना आँधी बतास के पवन से रचित | व्यपवनम् ( ४० ) नगर के समीप का बाग। उपवन । लताकुआ। - दण्डः, - अपरीक्षित (वि० ) १ अनजांचा हुआ थसिद्ध । २ कुविचारित । मूर्खतापूर्ण । अविचारित । ३ जो | सब प्रकार से सिद्ध या स्थापित न हुआ हो। अपरुष (वि०) कोशून्य अपवरकः ( go )) भीतरी कमरा । २ अपवारका (स्त्री०) रोशनदान | झरोखा अपरूप (वि०) [ स्वी०-अपरूपा था अपरूपी ] | अपवरणं ( न० ) १ पर्दा | चिक | २ कपड़ा | बदशक । कुरूप बेडंग अंगभंग अपरेयुः (अव्यया० ) दूसरे दिन। अगले दिन । ध्यपरीक्ष (वि०) १ अस्य . 1 द्वारा जाना जाने वाला ४ भेंट। ना जो देख न पड़े इन्द्रियों २ समीप | अपरोध ( पु० ) वर्जन । मनाई। रोक । अपर्ण (वि० ) पत्तारहित । अपर्णा (स्त्री० ) पार्वती या दुर्गा देवी का एक नाम । | अपर्याप्त (वि० ) अयथेष्ट जो काफ़ी न हो। २ असीम सीमारहित ३ अशक्त असमर्थ अपवर्गः (पु०) १ पूर्णता । समाप्ति | किसी कार्य का पूर्ण होना या सुसम्पन्न होना। २ अपवाद | विशेष नियम ३ स्वर्गीय आनन्द | पुरस्कार | दैन। ५ त्याग | ६ का ( तीरों का ) । अपवर्जनम् (न० ) १ त्याग। (प्रतिज्ञा की) पूर्ति। उऋण होना। २ भेट दान | ३ स्वर्गीय आनन्द । अपवर्तनम् ( न० ) पलटाव उलटफेर । २ वञ्चित } अयोग्य । करना ।