पुटमेतत् सुपुष्टितम्
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सर्गसङ्ख्या | विषयः | पुटसङ्ख्या |
३ | काव्यार्थसङ्क्षेपः | .... .... ६७ |
४ | रामायणरचनम् | .... .... ७६ |
५ | कथाऽवतारः | .... .... ८७ |
६ | दशरथवर्णनम् | .... .... ९४ |
५ | अमात्यादिवर्णनम् | .... .... १०१ |
क्रमसङ्ख्या | ३ | ||
१ | वाल्मीकेः कृत्स्नरामचरितसाक्षात्कारः | .... | ६७ |
२ | वाल्मीकिसक्षात्कृतार्थानुवादः | .... | ७० |
४ | |||
१ | रामायणरचनम् | .... | ७६ |
२ | कुशलवाभ्यां रामायणगानम् ॥ | .... | ८० |
२ | श्रीरामेणा रामायणश्रवणम् ॥ | .... | ८४ |
५ | |||
कथावतारः,अयोध्यावर्णनं च। | .... | ८७ | |
श्लोकसङ्ख्या | |||
१ | आसीदयोध्यानगरी देशे कोसलनामनि । | .... | ८९ |
सर्वारत्नसमाकीर्णा नरोत्तमसमावृता ॥ | .... | ९१ | |
२ | महारथैश्च संपूर्णा विद्वद्भिरुपशोभिता । | .... | ९३ |
६ | |||
तस्यां पुर्यामयोध्यायं राजा दशरथेऽवसत् ॥ | .... | ९५ | |
३ | तस्य प्रजा धर्मरताः शूरास्तुष्टाः सदाऽभवत् । | .... | ९७ |
तादृशैराश्रिताऽयोध्या सत्यनामाऽभवत्तदा॥ | .... | १२३ | |
७ | |||
४ | तस्य राज्ञः सुमन्त्राद्या अमात्या अभवन् बुधाः । | .... | १०१ |
मन्त्रिणश्चाभवंस्तस्य वसिष्ठाद्या महर्षयः ॥ | .... | १०३ | |
५ | सर्वशास्त्रार्थतत्त्वज्ञाः स्मितपूर्वाभिभाषिणः । | .... | १०५ |
तैर्युक्तः स बभौ राजा दिवि देवपतिर्यथा ॥ | .... | १०७ |