पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/८८०

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कथा महे कथा महे रुद्रियाय ५,४१,११ कथा राधाम सखायः १,४१,७ कथा शय महतामृताय ४,३,८ कथा शृणोति हूयमानमिन्द्र ४२३,३ कथा सवाध शशमानो भस्य ४,२३,४ कथा ६ ठहरणाय त्मने ४,३,५ कयो नु ते परिचराणि विद्वान् ५०९१३ कद्रविपन्न सूरय ८,९४.७ कदा क्षत्रश्रिय नर १२५५ कडा गच्छाथ मरुत ८७.३० कदा घन प्र युच्छस्युमे ८,५२,७ कदा चन स्तरीरसि ८ ५१,७ कड़ात इन्द्र गिर्वण ८,१३, २२ कदा भुवन् रथक्षयाणि ६६३५,१ कदा मर्तमराधस १८४, कदा दसो स्तोत्र इयंत १०, १०५, १ कड़ा बा तौड़यो विधत् ८,५,२२ कदा सुनु पितर जात इछात् १०,९५१२ कदित्था में पान दवयता १.१२१,१ कडु घुम्नमित्र त्यात १०, २१,४ कडुप्रियायघाने ५,४८,१ कटु मेशविया रयीणा १,१८१, १ कर स्तुवन्त मृतपन्त ८, ३, १४ वास ८,६६, कटू महरष्टष्टा अस्य ८६६.१० कद्र नून कप्रिय १,३८,१ कद्र नून फघप्रियो यद् ८,५,३१ कण्यासु वृधसानो भग्न ४,३,१ कडुद्राय प्रचेतसं १,४३, १ ऋतस्य धर्णसि १,१५, ६ कद्रो का महान ८,९४, कनिकश्मनु प्रभुराम २४२६१ कनिकको गोभिरज्य ९८५५ कनिवडनु पन्थामृतस्प ९,९७, ३२ कनिन्ति हरिस सूपमा ९९५६१ कनीनकैद विद्रये ४,३२,२३ के वे दाना क्षत ८०६४,९ कमप्यतीनां ८३.१३ मन्त्रानुक्रमणिका के नचित्रमिपण्यास १०,९९,१ कन्या इव वहत्तुमेसवा उ ४,५८९ कन्या वारवायती ८,९११ कन्येव तम्वाइ शाशदाना १,१२३,१० कटझर कष्टयमुद्धातम १०,११,१२ कमु विदस्य सेनया०८,०५७ कमेव स्व युवते कुमार ५२२ कवा तच्छृण्ये शया ४२०९ कया ते अङ्गिर ८,८४,४ कया त्वं न ऊत्याभि ८,९३,१९ कथा नश्चिन सा भुवदूती ४,३१,१ कया जो वान ऋवयन्नृतेन ५ क्या नो अग्ने विवस ७,८,३ कथा शुभा सदयस १,१६५, १ करम्भ ओषधे भव १,१८७,१ कणगृह्या मघवा शौरदेव्य ८,७०,१५ काई स्वित्तदिन्द्र यज्जरित्रे ६,३५,३ क िस्विसदिन्द्र यन्तुमिर्जून ६,३५२ कईि स्वित् सास इन्द्र १०,८९,१४ कविं शशासु कवयो ४,१, १२ कवि कवित्वा दिवि १०, १२४,७ कविं केतुं ७,६२ कविमझिमुप स्तुहि १,१२,७ कविमिव प्रचेतस ८,८४,२ कवि सृजन्तयं ९,६३, कविनं निषय ४, १६, २ करिनृचक्षा अभि३,५४,६ कविध ४८२,२ की दो मिश्रावणा १, २,९ कन्दसा योगमा १०,११४, १ कप्त उप कधप्रिये १,३०,२० काठमिन्द्र त्वावसु ७,३२,१४ १६७५३ कस्ते मद इन्द्र रस्त्यो १०, २५, २ बस्ते मातर विधयाचित् ४,१८,१० कस्वा सरया मदानां ४,३१,२ स्मर सुजावाद ५५३१२ कस्य तूने कमवावा २,२४, १ [ ३९४३ ] स्य नूनं