पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol2.djvu/८९

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848 19 वर्ष हामि ॥ २२ ॥ वन गा। जानामि कनिदिने । जमाये टिचकन्याम्बीयन मनाइव सोम गयो मार्ग म॑मानन्द॒भि यु॑ध्य । ● मन॑मात्र मोघ यः | भागम | सड़माज्जन | अभि | पृष्य | | आदि | | उ॒भम्पः ॥ | चकत्स॒ | गोड्श ॥ २३ ॥ 1 1 इत्याउलाई: वेम' दामामिल ● I भाग एकसम् गमावन् ! नाम पुष्ण अभियुष्यनिय (२.१४) सामो निवासी मयतो कृय प्रतिस्त्वं मा उपवने काम सि इत्येष ोये॑भ्यः॒ प्र चकत्यागी ॥ २३ ॥ [**** मशः अभिनय न्यः अपि अनुम्यो भवान्यपहरण | बच्चा उमस योजन द्विती। यानि चा म्यः |ः19 कि किसा मुल० हे देव रामः भाग्य चम् I व ० मनरा || 1 1 1 | ग्राम इयत्र प्राप्णुं मा विटिविहि इन्वयः ॥२३॥ हिम्मद इति ॥ ५॥ पोवा मन्दिरोमि । मा २३ ॥ आगते बचन' नाम कृष्ण का हिंउमवेन्यवां इति माह बने। प्रमि 1. २..... ९. बान्ति. ६.नं. ● पे