पृष्ठम्:Advaita Siddhi with Guru Chandrika vyakhya.djvu/११९०

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

पु. सं. 2 230 1 50 2 3 2 1 310 2 330 3 103 3 95 2 287 330 88 274 3 101 2 287 284 293 65 282 223 बिभेत्यल्पश्रुताद्वेदः - भा. आ. प. बौद्धैरभावस्य कल्पतरु. 2-2-26 ब्रह्म वा इदमप्रे - बृ ब्रह्मविदामोति परम् – तै. उ. 1-4-10 ब्रह्मवेद ब्रह्मैव भवति मु. उ. 91 21 ब्रह्मासृजत – ? ब्रह्मैव सन्ब्रह्माप्येति – बृ. 4-4-6 ब्राह्मणो न हन्तन्यः — ? ब्रह्मणोऽहं मनुष्योऽहम् - ? ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीत् – पुरुषसूक्त. ब्राह्मणो यजेत - ? ब्राह्मणो वै सर्वा देवताः – तै. (भ) भगवन्नाहमात्मावत् – मैत्रा. उ. 1-1 भवेतां यदि वृक्षस्य – तन्त्र. 306 भावे चोपलब्धे.. -ब. सू. 2-1-15 93 313 भिद्यते हृदयग्रन्थिः - मु. उ. 2-2-8 426 भूयश्चान्ते विश्वमायानिवृत्तिः– श्वे. 1-10 भूतग्रामः स एवायम्-गीता. 8-19 भूतानीन्द्रियाणि – नृ. उ. ता. ख. 9 2-1--7 भूतेभिर्व्यजायत कठ. · 1 अध्याय 2-1-1 3-2-9 ब्रा. 2 2 1 2 2 2 173 2 304 2 269 3 1 12-2-23 3 भूरित्येव प्रश्विसिति-ऐ. आ. 2-1-8 भेदव्यपदेशाच्च - ब्र. सु. 1-1-77 3 2 272 भेदाभेदनिवृत्त्यर्थम् – वि. पु. 2 - 12 - भूमा नारायणाख्यः स्यात् ? भूयोऽनुग्रह – शास्त्रदीपिका. 1-4-4