पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९९

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1 प्रयं. ( ३२ ) श्रलक्ष्य अर्थः (g० ) १ मालिक | प्रभु । २ वैश्य ।चर्यः | अर्हः (पु० ) १ इन्द्र का नाम | विष्णु का नाम। ( पु० ) प्रतिष्ठित वैश्य । [ की स्त्री । पर्या (स्त्री० ) १ मलकिन । २ वैश्या । वैश्य जाति अर्थमन् ( पु० ) १ सूर्य । २ पितरों के मुखिया । ३मदार ऑफा ४ द्वादश आदित्यों में से एक । ५ उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी देवत। ६ परम प्रियमित्र | साथ खेलने वाला। यः (g० ) सूर्य | खोपम मित्र पर्याणी (श्री० ) वैश्य जाति की स्त्री । वैश्या बनीनी । 1 अर्धन् (पु० ) १ घोड़ा । २ चन्द्रमा के १० घोड़ों में से एक ३ इन्द्र | ४ माप विशेष जो गाय के कान के बराबर का होता है। -ती (स्त्री० ) | १ घोड़ी | २ कुटनी। श्रवच् (वि० ) इस ओर आते हुए । २ (किसी ) | ओर घूमा हुआ। किसी से मिलने को ता हुआ। ३ इस थोर को ४ (समय या स्थान में) नीचे या पीछे| ५ बाद का। पीछे का पिछला। ~~, (अव्यया० ) 1 इस घोर इस तरफ। २ किसी विन्दु विशेष से किसी स्थान विशेष से ३ पूर्व का पहला ( समय सम्बन्धी या स्थान सम्बन्धी ) ४ नीचे की ओर निचला | पश्चात् । पीछे से | ६ 1 पिछाड़ी अन्तर्गत । [ विरुद्ध | समीप अर्वाचीन (वि० ) १ आधुनिक | हालका । २ उल् अर्वाचीनम् (अव्यया० ) १ इस ओर का | २ थपेक्षा कृr पीछे का । [सीर रोग नाशक । अर्शस ( न० ) बवासीर रोग (-म, ( वि० ) बवा- अर्शस (बि० ) बवासीर रोग से पीड़ित ई ( धा० पर० ) [ अर्हति, अहंतु, आनई, आर्हित ] चार्थ प्रयोग गथा। रायो भाईते पूर्वा J रामायण | १ योग्य होना । २ अधिकारी होना १२ कोई काम करने के योग्य होना। ३ सदश या समान होना। आई ( वि० ) १ प्रतिष्ठित मान्य २ योग्य | ३ भव्य उपयुक्त ४ मूल्यवान् । ३ मूल्य | अर्हा ( श्री० ) पूजन धाराधन उपासना ( न० ) ) ( वि० ) पूजन । उपासना | महंगा (स्त्री०) ) सम्मान प्रतिष्ठापूर्ण व्यवहार । अत् ( वि० ) १ उपयुक्त । योग्य | आराधनीय । उपास्य । ( पु० ) १ बौद्धों में सर्वोच्चद | २ जैनियों के एक पूज्य देवता । अर्हन्त ( वि० ) उपयुक्त | योग्य | अर्हन्तः (पु० ) १ बौद्ध २ बौद्धभिक्षुक । अर्हन्ती (स्त्री० ) पूजने, उपासना या सम्मान किये आने के लिये अपेक्षित गुण । अ ( स० का० कृ० ) १ उपयुक्त । माननीय प्रतिष्ठित | २ स्तुति योग्य आलू (धा० उभ० ) [ अलति-चलते, अलितुं, अलिव ] १ सजाना । २ योग्य होना । ३ रोकना | बचाना | 1 ध्थलं ( न० ) : वि की पूंछ का डंक २ पीला- हरताल । ( अव्यया० ) काफी | अलकः ( पु० ) घुघराले बाल २ जुल्फें |३ केसर का शरीर पर उपटन ४ उम्मत कुत्ता। अलकम् (न०) व्यर्थ । निरर्थक अलका ( स्त्री० ) (१) ८ और १० बरस के भीतर उम्र की लड़की २ कुबेर की राजधानी का नाम । अतः ) ( पु० ) कतिपय वृक्षों की लाल छाल अलककः 5 या वकला। लाचारस लाख का रंग। महावर ( जो स्त्रियाँ पैरों में लगाती हैं ) । अलक्षण ( वि० ) १ जिसमें कोई चिन्ह या निशान न हो । २ अप्रसिद्ध । जिसके तहण निर्दिष्ट न हों। ३ अशुभ | अलक्षणम् ( न० ) १ अशुभ शकुन या चिन्ह | २ जिसकी परिभाषा न हो, या दुरी परिभाषा हो। अलक्षित (बि० ) अदृष्ट अप्रकट गायव | अलक्ष्मी: (स्त्री० ) दरिद्रता । अभागायन। दुर्दिष्ट अलक्ष्य (वि० ) १ अरष्ट | अप्रकट अज्ञात २ श्रचिन्हित | ३ विशेष चिन्हरहित ४ देखने में तुच्छ ५ जिसका कोई गहाना न हो। धोखे से वर्जित । गति ( दि० ) ऐसे चलना कि