पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९८७

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हृदय 1 हृदय ( न० ) १ हृदय दिल जीव रूह मन २ छाती | वक्षःस्थल प्रेम । प्यार ४ किसो वस्तु का सार या मर्म । गुप्त विज्ञान। -आत्मन्, ( पु० ) बगुला | बूटीमार । श्राविध्, ( वि० ) हृदय को बेधने वाला। ईशः, ईश्वरः, (पु०. ( go ) पति | स्वामी 1 - ईशा, - ईश्वरी, ( स्त्री० ) १ पत्नी । २ स्वामिनी । मलकिन 1 -कम्पः, (पु०) हृदय की धड़कन । -ग्राहिन्, (वि० ) हृदय को वश में करने वाला /-चौरः, ( पु० ) हृदय को चुराने वाला – चेधिन्, ( वि० ) हृदय को छेदने वाला । – स्थानं, (न०) छाती | वचःस्थल | हृदयंगम ( वि० ) १ हृदय को दहलाने चाला | २ प्रिय | सुन्दर मनोहर ३ मधुर | धाकर्षक । मनोश ४ उचित उपयुक्त २ प्रेमपात्र प्यारा माशूक । हृदयालु हृदयिक हृदयिन हृदिकः हृदोकः ( १८१ ) ऋभु से हृदयंगमः खा हेम हृष्ट ( व० कृ० ) हर्षित । श्रानन्दित । - चित, मानस, (वि.) मन में प्रसन्न । - रोमन् (वि रोमाञ्चित 1-वदन, ( वि० ) प्रसन्न मुख | - सङ्कल्प, ( वि० ) सन्तुष्ट । सुखी । हृदर ( वि० ) प्रसन्न आनन्दित । दृष्टिः ( स्त्री० ) १ प्रसन्नता | हर्ष | खुशी । आनन्द २ अभिमान | घमण्ड अहङ्कार। हे ( अव्यया० ) १ सम्बोधनात्मक अव्यय । हो, अरे २ दर्प, ईर्ष्या, द्वेष या शत्रुताथोतक अव्यय । हेक्का ( स्त्री० ) हिचकी । हेठः ( पु० ) १ विरक्ति । २ रुकावट 1 अड़चन विरोध अनिष्ट | चोट । कुमारसम्भव | ( वि० ) कोमल हृदय । मेकदिल । स्नेहयुक्त । हेडू (धा० श्रा० ) [ हेडते ] तिरस्कार करना तुच्छ समझना | [ प० - हेडति ] १ घेरना पोशाक धारण करना । हेड: ( पु० ) श्रमान्यकरण | उपेक्षा - अः, क्रोध लन्नता । नाखुशी । हेडाबुक: ( पु० ) घोड़े का व्यापारी । हेतिः ( पु० स्त्री० ) १ हथियार । अस्त्र "समरविजयी हेतिदलितः" । । 1 २ आघात। चोट ३ किरण ४ प्रकाश चमक शोला । अंगारा । हेतुः ( पु० ) १ कारण | सवय उद्देश्य | २ उद्भव- स्थल निकास उत्पत्ति (३ जरिया साधन । ( पु० ) } (पु॰ ) एक थादव राजकुमार का नाम । हृदिस्पृश ( वि० ) १ हृदय को छूने वाला | २ प्रिय । प्रेमपात्र | ३ मनोनुकूल | मनोहर । सुन्दर । हृद्य ( वि० ) १ हृदय का। हृदय से। सच्चा प्यारा | २ मनोहर । मनोनुकूल 1- गन्धः, (पु० ) बेल का पेड़-गन्धा, ( स्त्री० ) बेला या मोतिया का पौधा ४ तर्क | तर्क विज्ञान | न्यायदर्शन में वर्णित प्रमाणों में से कोई भी प्रमाण ६ चलकार। विशेष जिसकी परिभाषा यह है :- “हेते। तुमता सर्धमभेदो हेतुभ्यते ।” हेतुक ( वि० ) उत्पादक । हृष् ( धा० प० ) [ हर्षति, हृष्यति, हृष्ट या हृषित ] हेतुकः ( पु० ) १ कारण | हेतु | साधन | जुरिया । ३ तार्किक । १ हर्षित होना । प्रसन्न होना। खुश होना | २ ( बालों या रोंगटों का ) खड़ा होना । ३ (लिङ्ग का ) तंनाना या खड़ा होना । हृषित (व० कृ०) १ प्रसन्न । आनन्दित । २ रोमाञ्चित | ३ आश्चर्यान्वित । ४ भुका हुआ । नवा हुआ । १ हताश ६ ताज़ा टटका । हृषीकं ( न० ) ज्ञानेन्द्रिय । --- ईश:, ( पु० ) विष्णु या कृष्ण का नाम । हेतुता (स्त्री० ) | हेतु की विद्यमानता । कारण का हेतुत्वं ( न० ) [ होना। हेतुमत् ( वि० ) सकारण । सहेतुक । ( पु० ) कार्य । क्रिया उद्देश्य | हेमं ( न० ) सेना | सु हेमः ( पु० ) १ काले या भूरे रंग का घोड़ा । २ सोने की तौल विशेष । ३ बुध ग्रह ।