पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९०६

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( १०० ) समूढ समुद्वेगः (पु० ) महा भय डर भीति । समुंदनं ) ( न० ) १ नमी | तरी | २ गीलापन। म्मुन्दनं ) भोदापन समुन्न (वि० ) गोला । नमसर । समुशत (व० ० ) 9 ऊपर उठाया हुआ । २ ऊँचा। अभिमानी । अहंकारी | ५ ३ गंभीर श्रेष्ठ निकला हुआ। ६ ईमानदार न्यायी । समुन्नतिः ( स्त्री० ) १ उठान | २ ऊँचाई ३ उच्चपद | मुख्यता प्रधानता | समृद्धि | २ अभिमान अहंकार । समुद्देश उठाया हुआ ऊपर किया समुद्देशः (४० ) १ पुरीया बतलाना २ पूर्ण पर्यन | समुद्रत (व० ० ) हुआ। २ उत्तेजित उभाड़ा हुआ ४ अभिमान में चूर अकड़ा हुआ। ४ डरे तौर तरीके का। दुष्ट | व्यवहार करने वाला ५ अहहारी। अशिष्ट | समुद्रणं ( न० ) १ उठान ऊपर करना १२ उठा लेना। ३ ऊपर खींच लेना। ४ मुक्ति | छुटकारा २ मूलच्छेदन | ६ (समुद्र तट से) निकाल लेना । ७ भोजन जो वसन द्वारा निकल पड़ा हो । समुदर्तृ ( पु० ) छुटाने गला | छुटकारा देने वाला। समुद्भवः ( पु० ) निकास उद्भवस्थान | समुयमः ( पु० ) १ उठान १२ महान् उद्योग । ३ उद्योगारम्भ आक्रमण चढ़ाई। समुयोगः (५०) यात्मक उद्योग उत्साह | } समुद्र (वि० ) मोहर से बंद मोहर वाला मोहर लगा हुआ (~अन्तं, (न० ) १ समुद्रतट | २ आयफा-~-प्रता, (खी०) २ पृथिवी (-~अंबरा, (स्त्री०) बस्ती | २ कपास का पौधा । | समुन्मूलनं ( म० ) जड़ से उखाड़ना । नाश । पृथिवी-रूः | समुपगमः ( पु० ) लगाव | संस्पर्श | ध्यारुः, ( पु० ) १ मगर । नम । २ बृहदा- | समुपजोषम् (अन्यथा० ) नितान्त इच्छानुसार कार मस्स्य विशेष ३ श्रीराम जी का बाँधा हुआ | समुपभोगः (g० ) मैथुन । समुद्र । –कफः, --फेनः, ( पु० ) समुद्रफेन । समुधवेशनं ( न० ) 1 इमारत । भवन -गः (पु० ) समुद्री देशों में व्यापार करने बाला(~गा, (स्त्री० ) नदी। - गृहं, (न०) जल के भीतर बनाया हुआ ग्रीष्मभवन - खुल्लुकः, ( पु० ) अगस्य जी का नामान्तर - नवनीतं, (न० ) चन्द्रमा मेखला -रसना, (खी० ) पृथिवी :- यानं, (म० ) १ समुद्रयाचा बैठना। समुपस्था ( सी० ) | १ समीपता । २ नैकव्य | समुपस्थानं ( न० ) | होना। घटना। समुपार्जनं ( न० ) एक साथ एक समय में प्राप्ति समुपेत (च० ऋ० ) १ सह श्रागमन । २ थापा हुआ ३ अम्वित | सम्पन्न । २ जहान | पोव-यात्रा, ( श्री० ) समुद्री सफर | - योषित् (स्त्री० ) | समुपोढ ( व० कृ० ) १ ऊंचा उठा हुआ । २ उच्चत नदी बहिः, ( पु० ) बड़वानल। - सुभगा, ( स्त्री० ) गङ्गा नदी । बढ़ा हुआ ३ समीप लाया हुआ रोका हुआ। संयत । समुद्रः ( ५० ) १ सागर २ शिव ३ चार की संख्या। समुद्रहः ( ५० ) १ ढोने वाला २ उठाने वाला। समुद्राहः (पु० ) वहन ढुलाई विवाह | शादी। ऊँचान | अभ्युदय उन्नत । २ समुझजू (व० कृ० ) १ उठा हुआ । सूजा हुआ ३ भरा हुआ ४ अभिमानी ५ परिवर्तन्य ६ बिना बेड़ियों का मुक्त खुला हुआ। समुनयः ( पु० ) १ प्राप्ति उपलब्धि २ घटना | 1 हादसा। समुल्लासः (go ) अत्यधिक धमकीला । २ महान् हर्ष । समूड (व० ० ) एकत्र किया हुआ जमा किया हुआ। २ एकत्रित किया हुआ । खपेटा हुआ । ४ सहित |