पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८९२

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सहत, सदृश, सट्ट दानः ( पु० ) १ इन्द्र का ऐरावत हाथी । २ गन्धद्विप नामक रूखरी । ३ गणेश जी । नर्तः, ( पु० ) खंजन पक्षी-फल., ( पु० ) १ चिल्व वृक्ष । २ कटहल का पेड़ | ३ सघन वट वृक्ष ४ नारियल का पेड़। --योगिन, (पु० ) कृष्ण का नामान्तर – शिवः, ( पु० ) शिव जी का नाम । सदत (वि०) [स्त्री०–सद्क्षी सदृश (वि० ) [स्त्री०- सदृशी] अनुरूप तुल्य | सदश (वि० ) युक्त योग्य ! समान । बराबर । २ उप- संदेश ( वि० ) १ देश रखने वाला। २ एक ही स्थान या देश का ३ समीपी पड़ोसी । सझन् (न० ) १ घर मकान २ स्थान टिकने की जगह । ३ मन्दिर । ४ वेदी । ५ जल । सद्यस् ( अभ्यया० ) १ आज ही ।२ तुरन्त ही। अभी । ३ हाल ही में कुछ ही समय पीछे। -काल, ( पु० ) वर्तमान काल / -- कालीन, ( वि० ) हाल ही का ।—जात, (वि० ) [ = सद्योजात] हाल का उत्पन्न । --जातः ( पु० ) १ बछड़ा | २ शिव जी का नामान्तर ।~~-पातिन् (वि०) शीघ्र नष्ट होने वाला नश्वर ।- शुद्धिः (स्त्री० ) - शौघं ( न० ) तुरन्स की हुई शुचता। सद्यक ( वि० ) १ नया | टटका । हाल का । २ तुरन्त का। सनु (वि०) १ टिका हुआ अवलम्बित प्रस्थानित । जाता हुआ। गमनकारी। सद्व ( वि० ) झगड़ालू । कलहप्रिय | लड़ाकू । सनिः सत्रीची (स्त्री० ) सखी सहेली । सधीचीन (वि० ) सहित अन्त्रित सध्यंच ( पु० ) पति | साथी । सन् ( घा० उ० ) [ सनति, –सनाति, सनुते, -सात, ] प्यार करना पसंद करना । २ पूजन करना। अर्चा करना। सम्मान करना ३ प्राप्त करना उपलब्ध करना । ४ सम्मान था गौरव के साथ प्राप्त करना । २ भेंट पुरस्कार आदि भेद का सम्मान करना देना। बाँटना । सनः ( पु० ) हाथी के कानों की फड़फड़ाहट । सनत् ( पु० ) ब्रह्मा का नामान्तर। (अव्यय०) सदैव । निरन्तर 1-कुमारः, ( पु० ) अह्मा के चार मानस पुत्रों में से एक का नाम । सनसूत्र देखो 'सणसूत्र”। सना (अव्यया० ) सदैव । निरन्तर । सनात् ( श्रव्यया० ) सदैव । सनातन (वि० ) [ स्त्री० – सनातनी ] निरन्तर । बराबर । अनादि । स्थायी २ हड़। निश्चित | निर्धारित | ३ प्राचीन । आदि काल का । सनातनः ( पु० ) : विष्णु भगवान् का नामान्तर । २ शिव । ३ ब्रह्मा | लक्ष्मी | २ दुर्गा या पार्वती । सनातनी ( स्त्री० ) १ ३ सरस्वती । सनाथ ( वि० ) स्वामी हो । २ जिसकी रक्षा करने वाला कोई जिसका कोई रक्षक या पति हो । ३ अधिकार में किया हुआ । ४ रोका हुआ । अन्वित | पूरित सम्पन्न | सद्वसथ: ( पु० ) ग्राम गाँव । सधर्मन् ( वि० ) एक ही गुणों वाला | समान गुणों | सनाभि ( वि० ) १ एक ही गर्म का | सहोदर । २ सजातीय सम्बन्धी । ३ अनुरूप | सदृश | ४ स्नेहान्वित | वाला । २ समान कर्त्तव्यों वाला। ३ एक ही जाति या सम्प्रदाय वाला ४ सदश अनुरूप । चारिणी, ( स्त्री० ) वह स्त्री जिसके साथ शास्त्र- रीत्या विवाह हुआ हो। सनाभि ( पु० ) १ सहोदर भाई । २ नज़दीक का रिश्तेदार। सात पीढ़ी का नातेदार । सधर्मिणी देखो "सधर्मचारिणी”, । सनाभ्यः ( पु०) सात पीढ़ियों के भीतर एक ही वंश का मनुष्य । सपिण्ड । सघर्मिन् (वि०)[स्त्री०–सघमिणी] देखो“सधर्मन्” सनिः ( पु० ) १ अर्चा | पूजन । २ नैवेद्य | भेंट | ३ सघिस (१०) मैन वृषम सौंद याचना