पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८८७

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मञ्जुषू, सञ्जुस् सजुस् । (पु०)[कर्ता-सजूः,सजुषौ, मित्र | दोस्त । मखा । ( अव्यया० ) सहित मञ्जुषा | साथ | सज्ज (वि०) ६ तैयार | तैयार किया या कराया हुआ २ सम्हारा हुआ | ठीक किया हुआ | ३ सय प्रकार से लैस हथियारधारी ४ किलाबंदी किया हुआ सजनं ( न० ) १ बाँधना | कसना । २ पोशाक धारण करना | सजाना | ३ तैयार करना | हथियार धारण करना | हरया हथियार से लैस करना। ४ चौकीदार संतरी २ घाट उतारा | मज्जनः ( पु० ) भला मनुष्य | सज्जना (स्त्री०) १ सजावट। २ वस्त्राभूषण से सुसज्जित करने की क्रिया । संच सञ्चः ( ८८१ ) संचत् सञ्चत् सचिन्तन सञ्चिन्तन कौंपना ! सबल } (दि० ) काँपता हुआ . थरथगता हुआ । संचलनं ) ( न० ) हिलना होलमा मञ्चलनं ) थरथराना । ! संत्राय्यः ) संञ्चाव्यः । ( ४० ) यज्ञ विशेष । संचारः (०) १ गमन चलन सञ्चार. १२ गुजरना ३ मार्ग पथ ४ कठिन मार्ग ६ चलाने की चलना फिरना । कठिन यात्रा | २ कठिनाई क क्रिया । ७ भड़काने की क्रिया म मार्गप्रदर्शन | रास्ता दिलाने की क्रिया | S पर्श द्वारा संक्रामक प्रेरण चालन | १० मॉफ के फन में मिली हुई मणि । मज्जा (स्त्री० ) १ परिच्छद्र | सजावट | २ सज्ञाकरण | साज | सामान ३ सैनिक साज सामान कवच | मजत (वि०) सजाया हुआ । २ शृङ्गार किया हुआ || तैयार किया हुआ | साजसामान से लैस । ४ शस्त्रधारण किये हुए | सज्य ( वि० ) १ डोरी या रोदा लगा हुआ । सज्योत्स्ना ( बी० ) चाँदनी रात । संचारिन् ? ( वि० ) [ बी० - संचारियो ] १ } जाता है। ( न० ) १ ऐले पत्तों का ढेर जिन पर लिखा सञ्चारिन् । गमनशील १२ घूमने फिरने वाला ३ परिवर्तन शील । चंचल अदृढ़ ४ दुर्गम | दुरधिगम्य | ५ भाव विशेष | ६ प्रभावित | प्रभावान्वित । ७ वंशपरम्परा गत | पुश्तैनी । पैतृक ( जैसे कोई बीमारी) म छुआछूत वाला | (पु०) १ पवन हवा २ धूप | ३ संचारी भाव | 1 संचर: सञ्चः } ( पु० ) धूनँ । गुंडा । जादूगर | संचयः ) ( पु० ) १ ढेर करना। जमा करना । ढेर | सञ्चयः ऽ राशि | ३ एकत्र या राशि करने की क्रिया । संचयनं } ( न० ) १ एकत्र करने का किया एकत्र संचाली } (खी० ) धुँचची का पौधा । ३ ) होने के पीछे अस्थि बीनने की क्रिया । मंत्ररां सञ्चरणं ( वि० ) १ संचार करने वाला फैलाने वाला चलाने वाले । संचारकः । ( पु० ) १ दुलपति नायक नेता | सञ्चारकः । २ साजिश करने वाला । षडयंत्रकारी । संचारिका । ( स्त्री० ) १ दूती | २ कुटनी । ३ सञ्चारिका जोड़ी जोड़ ४ गंध बास | संचारणं ) ( न० ) १ प्रोदित करने की क्रिया । सञ्चारणं ) उत्तेजित करने की क्रिया | २ पहुँचाने की क्रिया। मार्गप्रदर्शन की क्रिया । 1 संचारक सञ्जारक ( go ) 1 गमन | चलन : एक राशि से दूसरी राशि में गमन २ मार्ग पथ । 1 रास्ता | ३ सङ्कीर्ण पथ कष्ट साध्य मार्ग | } द्वार । प्रवेशद्वार । ५ शरीर । हनन्द | हिंसन 1 ६ समितिः, }( स्त्री॰ ) संग्रह | बुद्धि । } ( न० ) गमन ! चलन । यात्रा करना । 1 संचित ) ( ३० कृ० ) १ जमा किया हुआ | एकन सञ्चित किया हुआ । २ गणना किया हुआ । मिना हुआ ३ परिपूर्ण भरा हुआ। ४ बाधा डाला हुआ २ घना | घनीभूत संचिन्तनं । सञ्चिन्तनं } ( म० ) मोचना | विचारना | स० श० कौ० १०