पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८८६

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संगी, सङ्गी संगो ) (व० कृ०) १ स्वीकृत | मंजूर किया हुआ। सङ्ग ) २ प्रतिज्ञात | संग्रह ) ( पु०) १ ग्रहण पकड़ पकड़ना २पहुँचा समुह ) पकड़ना। ३ स्वागत प्रवेश करण । ४संरक्षण | २ अनुग्रह करना सहारा देना समर्थन करना | ६ एकत्रकरण | ढेर लगाना | ७ शासन करना । निग्रह करण | ८ राशि स्तूप | समानम । १० एक प्रकार का संयोग १४ सम्मिलित करना । १२ संग्रह करना । १३ सारसंग्रह | १४ योग | जोड़ | टोटल | १५ तालिका | सूची १६ भाण्डार ग्रह १७ उद्योग १८ हवाला। वर्णन ||६ बड़प्पन ऊँचापन | २० वेग | २१ शिवजी का नामान्तर } ४ संग्रहां | ( न० ) १ पकड़ | ग्रहण | २ समर्थन सङ्ग्रहां उत्साह प्रदान करना। ३ संग्रहकरण मिलाय। मेल मिलानी | ५ जड़ना | चौखटे में रखना | ६ मैथुन । स्त्रीसमागम । ७ व्यभिचार | ८ श्राशा करना ६ स्वीकार करना प्राप्त करना । संग्रहणी सङ्गृहणी संग्रहीत संग्रहीत } ( पु० ) रथवान | सारथी | ( ८५० ) .} ( पु० ) दस्तों का रोग विशेष । संग्रामः ( पु० ) लड़ाई | युद्ध । -- पहः, (पु०) सङ्ग्रामः ) युद्ध में बजाया जाने वाला एक बड़ा भारी ढोल । संग्राह: ( पु० ) १ हाथ मारना। ग्रहण करना । २ साहः । चीन लेना। बरजोरी ले लेना | ३ कलाई पकड़ना । ४ ढाल का बेट | संघः ( पु० ) १ समूह | समुदाय | २ कितने ही } सङ्घः ) लोग जो साथ रहते हों ।-~-चारिन (१०) | मछली 1- जीविन, (पु० ) कुली । मज़दूर | -वृत्तिः, ( स्त्री० ) धनिष्ट मेल । संघटना सङ्घटना } ( स्त्री० ) सयोग 1 मिलाप । संघट्ट ) ( पु० ) १ रगड़ रगड़न | २ टक्कर । सङ्घदः । [भिड़न्त | ३ लड़ाई | मुठभेड़ मेल योग भिडन्त या स्पर्दा (दो पतियों की) २ आलिङ्गन 1 संघटने सदनं संघटना संडूडना संघशस् सशस् ) सजाति, सजातीय

रगढ़ना | रगड़ | २ भिदन्त | टक्कर |

३ संसर्ग लगात्र । ४ संयोग मेल । २ पहलवानों की भिड़न्त । } ( अय्यया०) दल में । टोली में । संघर्षः ( पु० ) १ रगड़न रगढ़ | २ पसीना | सङ्घः । ३ टकर | सित | ४ स्पर्धा | प्रतिद्वन्द्वता । ५ डाट हसद ६ फिसलन | खसकन । संघाटिका सङ्घाि (स्त्री०) १ जोड़ा जोड़ी। २ कुटनी। ३ गन्ध । संघाण: (पु० ) सङ्घाणकः ( पु० ) संघाणकं ( न० ) सङ्घाणकं ( न० ) संघातः ) पु०) ऐक्य संयोग | २ जनसमुदाय संडातः ) समूह | ३ हत्या | हिंसन । ४ । २ समासान्स शब्दों की बनावंट | ६ नरक विशेष | सचकित (वि० ) भड़का हुधा | भीरु | डरपोंक। सचकितं (अव्यय० ) काँपते हुए । सचिः ( पु० ) १ मित्र | २ मित्रता | मैत्री | दोस्ती। ( स्त्री० ) इन्द्र की पत्नी | इन्द्राणी | सचिल्लक ( वि० ) भेंड़ा | ऐंचाताना । सचिवः (पु०) १ मित्र | साथी | २ मंत्री | मशीरकार | सलाहकार । दरबारी । नाक का मैल सची देखा गयी। सचेतन ( वि० ) जीवधारी | जीवित। जानदार। सचेतस् (वि०) १ बुद्धिमान । २ वह जो समवेदनापूर्ण या दयालु हो ऐकसत्य । सचेत (वि० ) वस्त्रों सहित । वस्त्र धारण किर हुए। सचेष्ट: (पु०) श्रम का वृक्ष । सज्जन ( वि० ) मनुष्यों या जीवधारियों वाला । सप्तनः ( पु० ) सजाति । जाति बिरादरी का श्रादमी । सतत ( ३० ) पनीला। गोला। तर सजाति ) (वि०: १ एक ही जाति का । २ एक ही सजातीय किस्म का ३ समान सदृश (पु०) एक ही जाति के माता और पिता से उत्पन्न पुत्र |