पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८८०

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सेक परिवार में रहने की क्रिया । शिरकत खान्दान। २ संग्रह | ६ जमावड़ा । समुदाय । ७ दो या अधिक काव्यालंकारों का एक ऐसा मेल जिसमें सव परस्पर निरपेक्ष हों, अर्थात् एक दूसरे के आश्रित, अन्तर्भूत आदि न हो [+] संसेक (०) अच्छी तरह पानी आदि का छिड़काव संस्कर्तृ (50) १ वह जो राँधता है, तैयार करता है। रसोइया । २ संस्कार कराने वाला संस्कार कारक | संस्कारः (५० ) १ ठीक करना | सुधारना | २ शुद्धि ३ सजावट ४ परिष्कार बश्न 1 } की सफाई शौच ६ मनोवृत्ति या स्वभाव का शोधन मानसिक शिक्षा ७ शिक्षा उपदेश । ८ पूर्वजन्म की वासना ६ पवित्र करना । १० वे कृत्य जो जन्म से लेकर मरणकाल तक द्विजा- तियों के संबंध में आवश्यक हैं। ( ८७४ ) संस्कृतः ( पु० ) १ वह शब्द जो संस्कृत भाषा के व्याकरणानुसार बना हो । २ वह पुरुष जिसके उपनयनादि संस्कार हुए हों। ३ विद्वान | संस्क्रिया ( श्री० ) १ प्रायश्चित्त कर्म २ संस्कार | ३ अन्त्येष्टि क्रिया | नाश | अलय । १० समानता | सादृश्य । ११ संस्कृत ( ३० कृ० ) १ साफ किया हुआ शुद्ध किया हुआ। २ परिमार्जित परिष्कृत ३ घो मांज कर शुद्ध किया हुआ । निखारा हुआ | ४ पकाया राजाज्ञा राजशासन । १२ सोमयज्ञ का विधान विश्लेष | 1 हुआ | २ सिजाया हुआ | सुधारा हुआ । ठीक संस्थान ( न० ) १ संग्रह | ढेर | २ रूप | आकृति । किया हुआ दुरुस्त किया हुआ ६ अच्छे रूप में लाया हुआ। सजाया हुआ। ७ विवाहित | संस्कृतं (न० ) संस्कृत भाषा | ३ बनावट | रचना | ४ सामीप्य | २ परिस्थिति | हालत ६ स्थान ठहरने का स्थान । ७ चौराहा चिह्न निशान लक्षण १२ मृत्यु । मौव । संस्तरः ( पु० ) संस्तंभः ) ( पु० ) सहारा २ दवा | घोरता । । संस्तम्भः ३ रोक। मान | ४ लकवा | स्तंभन | विस्तर । २ वह खाट पहल ३ यज्ञ | चारपाई शय्या | सस्थिति संस्तुत ( च० कृ० ) १ जिसकी खूब स्तुति या प्रशंसा की गयी हो। २ एक साथ ऐकमत्य | ४ घनिष्ट। परिचित | संस्थायः ( पु० ) १ ढेर संग्रह | समुदाय | २ 1 पड़ोस । नैकथ्य फैलाव व्याप्ति ४ सामोप्य ३ विस्तार | घरआवासस्थल । २ परिचय रतजप्त की बातचीत घरेलू | संस्थ ( वि० ) १ ठहराऊ । २ पालतू । चल स्थिर ३ समाप्त | मरा हुआ। |संस्थः ( पु० ) रहने वाला अधिवासी | २ पड़ोसी । देशवासी | ३ भेदिया। आसूस सभा | मजलिस समूह २ स्थिति | दशा | हालत ३ रूप आकृति ४ ऐशा | धंथा। आजीविका ५ ठीक ठीक आचरण । ६ समाप्ति | पूर्णता । ७ रोक- थाम | सहारा ८ हानि नारा ३ संसार का संस्था (स्त्री० ) १ चाकार संस्तवः ( ५० ) तारीफ | २ प्रशंसा | स्तुति | परिचय | जान पहचान | संस्तावः (०) प्रशंसा प्रख्याति २ एक स्वर से मिल कर गान। ३ यज्ञ में स्तुति करने वाले बाह्मणों की अवस्थान भूमि संस्थापनं ( ३० ) 1 संग्रह | २ निश्चय | निर्णय । २ जमाना बैठाना स्थित करना | ३ रोकना। थामना । संस्थापना ( स्त्री० ) शान्त करने का साधन | संस्थित ( च० कृ० ) 1 खड़ा उठाया हुआ। 1 २ ठहरा हुआ। टिका हुआ । ३ बैठा हुआ। जमा हुआ। दड़ता से अड़ा हुआ। पड़ोस का | पास का मिलता जुलता हुआ। समान १५ एकत्रित किया हुआ । ढेर लगाया हुआ | ६ स्थिर | अचल ७ मृत मरा हुआ। संस्थितिः (स्त्री० ) साथ साथ होना। साथ ठहरना २ सामीप्य | नैव्य | ३ श्रावासस्थान रहने का