सामग्री पर जाएँ

पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८६७

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

अठारह भेदों में से एक भेद इसका दूसरा नाम श्रीरासिका भी है। गर्भः (०)विष्णु का नामान्तर २ तलवार -- (पु०) कुण्ड या कठोता, जिसमें पक्षियों के लिये यन्त्र भग जाय। - धनं ( न० ) बट्टा दही - धनः, ( 50 ) बी भिक-वर्क (न० ) भूगोल | २ इन्द्र के रथ का एक पहिया -जः, ( पु० ) कामदेव का नामान्तर दः ( पु०) कुबेर का नामान्तर । दयितः -चरा ( पु० ) विष्णु का नामान्तर 1-नगरं, (ज० एक नगर का नाम नन्दनः (g०) श्रीरामचन्द्र जी का नामान्तर । -निकेतनः, - निवास ( पु० विष्णु का नामान्तर ।-पतिः, ( 3 ) १ विष्णु का नामा- नंतर २ राजा महाराज-पथः, (पु० ) राज- मार्ग -- { न० ) फमल 1--पर्वतः, ( पु० ) एक पहाड़ का नाम - • पिट: (पु० ) तारपीन /--पुष्पं (न०) लवंग ) -फलः (पु०) वेल का पेड़-फलं, (न० ) बेल का फल । • फला, - फलो, ( स्त्री० ) १ नील का पौधा | २ आँवला - भ्रातृ १ चन्द्रमा । २ घोड़ा /मक लहसन | २ लान आालू | - मुद्रा ( श्री० ) मस्तक पर लगाया जाने वाला वैष्णवों का तिलक- विशेष |~मूर्तिः, (स्त्री० ) 1 श्रीमी जी की मूर्ति । २ किसी की भी मूर्तियुक, युत, (वि०) १ भाग्यवान ( श्रादित २ धनवान | समृद्धशाली रङ्ग ( पु० ) विष्णु भगवान का नामान्तर | - रसः, ( पु० ) 1 तारपीन । २ राजघन्सः (पु०) : विष्णु का नामान्तर २ विष्णु के वक्षःस्थल का चिह्न विशेष | यह - "> अंगुष्ठ प्रमाण श्वेत बालों का दक्षिणावर्त भौंरी कासा चिह्न | इसे भृगु के चरण प्रहार का ! चिह्न बतलाते हैं ।-वत्सकिन्, (पु० ) वह घोड़ा जिसकी छाती पर भौंरी होवर:- वहजमः, ( पु० ) विष्णु का नामान्तर | वल्लभः ( पु० ) भाग्यवान पुरुप | सौभाग्य- शाली पुरुष-वासः, ( पु० ) विषणुका नामान्तर २ शिव ३ कमल | ४ तारपीन ( पु० ) ( धनि आससू, (पु० ) तारपीन/तः (पु) १ बेलका २ अथरथका २ के साथै और छाती को मौरी-वे ( ० ) तारपीन २ गज संज्ञ, (२०) लवंग - महोदरः (०) चन्द्रमा - सूक्त ( न० ) एक वैदिक सूक्त -हरिः पु०) विका नामान्तर 1-हस्तिनी ( स० ) सूर्यमुखी का फूल | श्रीमत् ( वि० ) १ धनवान | धनी । २ हर्षित | भाग्यवान | ३ सुन्दर मनोहर | ४ प्रसिद्ध | ( 50 ) १ विष्णु का नामान्तर कुवेर ३ शिव ४ तिलक च । अत्य श्री (वि०) धनी २ भाग्यवान समृद्धिशाली । ३ सुन्दर खूबसूरत ४ प्रसिद्ध । विख्यात । श्रु (०] [ अवनि ] जाना | चलना । [] सुनना सीखना | पढ़ना। ३ ध्यान देना । श्राज्ञा का पालन करना। धन ( ० ० ) १ सुना हुआ । २ जाना हुआ। सीखा हुआ। ३ प्रसिद्ध | प्रख्यात ७ नामक | श्रुतं (न०) : सुनने की वस्तु २ वेद | ३ विद्या | अध्ययनं, (न०) वेदों का अध्ययन -अन्वित, (वि० ) वेदों का जानकार 1-अर्थः, (पु० ) कोई बात जिसकी सूचना मौखिक दो गयी है कोर्ति (वि० ) प्रसिद्ध (30) उदार पुरुष । २ ब्रह्मर्षि (स्त्री० ) शत्रुझ की स्त्री का नाम - देवी (स्त्री०) सरस्वती का नाम :-धर. (बि०) जो पड़ा हो उसे याद रखने वाला। धुतवन् ( वि० ) वेदश | ● श्रुतिः (स्त्री०) १ सुनने की क्रिया | २ कान । ३ अफ- वाह | ४ ध्वनि आवाज् ५ वेद६ वेद- संहिता । ७ श्रवण नक्षत्र | संगीत में किसी सप्तक के वाईस भागों में से एक भाग अथवा किसी स्वर का एक श स्वर का आरम्भ और धन्त इसी से होता है ।उक्त-उदित, ( वि० ) वेदों द्वारा आस-कट. ( पु० ) सर्प । २ तप । प्रायश्चित्त / कटु (वि०) सुनने में कठोर !- क ( पु० ) काव्यरचना का एक दोष कठोर }