पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८६५

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

श्मीलन इमीलन ( न० ) आँख पाना : श्यान (३० कृ०) १ गया हुआ। प्रस्थानित २ जमा हुआ । जमौचा ३ गाड़ा । लिबलिबा | ४ सिकुड़ा हुआ। कुरींदार सूखा श्यानं न० ) भूम श्याम ( वि० ) १ कृष्ण | काला २ भूरा ३ काही । ( sks ) 4 श्यानं न० ) समुद्री निसक २ काली मिर्च | श्यामः (पु०) ऽ काला रंग । २ बादल | ३ कोमल । ४ प्रयोग का अक्षयवट - -अङ्ग (वि० ) काला -प्रङ्गः ( 5 ) बुधग्रह 1 ( इनका वर्ष दूर्वा | श्याम माना गया है।) कठः (पु० ) १ महादेव जी २ मयूर -पत्रः (पु० ) तमाख वृक्ष/--भासू, रुचि, (वि०) चमकदार काला । -सुन्दर, (पु० ) श्रीकृष्ण का नामान्तर | श्यामल ( वि० ) सविता | कलौहाँ । श्यामलः ( पु० ) १ काला रंग | २ काली मिर्च । ३ भौंरा ४ पीपल अश्यस्थ बृह श्यामलिका ( स्त्री० ) मील का पौधा । श्यामलिमन् ( पु० ) फालापन | कृष्णव । श्यामा (स्त्री०) रात (विशेषतः) कृष्ण पक्ष की रात २ साया। छाई । ३ काले रंग की थी। सेोलह वर्ष की तरुणी श्री २ वह स्त्री जिसके सन्तान न हुई हो। ३ गौ ७ हवदी ८ मादा कोयल ३ | प्रियंगु जता १० नील का पौधा ११ श्यामा तुलसी १२ पद्मवीज १३ यमुना नदी १४ अनेक पौधों का नाम श्यामाकः ( पु० ) साँमा नाम का अनाज श्यामिका ( स्त्री० ) वित्रता मिलावट 1 . कालापन | कृष्यत्व | २ अप टाँका श्यामित (वि० ) काता। कलूटा। श्यालः (पु.) साला जोरू का भाई । 1 श्यालकः ( पु० ) 1 साला । जोह का माई २ अभागा बहनोई | श्यालको श्यालिका श्यालो 4 श्रद्धा A ( स्त्री० ) पीकी बहिन साजी। सर । श्याव ( वि० ) [ श्री०~-श्यावा. या श्यावी, ] धुमैला धूम्र । २ भूरा-तैलः, (पु० ) आम का पेड़ | श्यावः ( पु० ) भूरा रंग श्येत (वि० )[ श्री० - श्येता - श्येना ] सफेद | कुम्हखाना । श्यैनंपाता ( स्त्री० ) शिकार | रूपट | खदेवन । श्यांणाकः श्योनाकः उज्जत । श्येतंः ( पु० ) सफेद रंग । f श्येनः ( पु० ) सफेद रंग | २ सफेदी । ३ वाज पक्षी ४ प्रचण्डता उग्रता करणं, (न० ) करणिका ( श्री० ) दूसरी चिता पर भस्म करने की क्रिया | २ किसी काम को उतनी ही तेज़ी या फुर्सी से करना जितनी तेज़ी या फुर्सी से बाज एसी अपने शिकार पर झपटता है। श्यै (धा० था०) [ श्यायते, श्यान, शीत या शीन ] १ जाना । २ जमाने के ज़मने को ३ सूखना। 1 } { पु० ) एक वृक्ष का नाम । अंकू (धा० आ० ) [ धंकते ] आमा । रँगना । अंग ( घा०प० [ अंगति ] जाना । अणू (धा०प० ) [ अगति, श्रागायति श्राणयते ] देना। दे डालना। के श्रत् ( अध्यया० ) एक उपसर्ग जो "घा" धातु साथ व्यवहृत की जाती है। अथ् ( अयति, अध्नाति ) घाटित करना । हत्या करना अनिष्ट करना । अधनं ( न० ) १ हिंसन। हत्या २ खोजना चुट- कारा देना । मुक्त करना | यंघन खोलना | ३ उद्योग प्रयन बंधन करण | बाँधना | श्रद्धा (स्त्री० ) १ एक प्रकार की मनोवृत्ति, जिसमें किसी बड़े या पूज्य व्यक्ति के प्रति भक्तिपूर्वक विश्वास के साथ उच्च औौर पूज्य भाव उत्पक्ष होता