पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८५७

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( ८५० ) शुभ्र वृक्ष ६ देवताओं की सभा ७ दूर्वा दूब प्रियंगुलता । शुभ्र ( बि० ) ४ कान्तिमान् । सुन्दर । ९ सफेद । शुल्वा } ( स्त्री० ) देखो शुल्व | उज्ज्वल ।-अंशुः कर. ( पु० ) १ चन्द्रमा शुल्वी २ कपूर । -रश्मिः, ( पु० ) चन्द्रमा । शुभं (न० ) 1 चाँदी २ अवरक | ३ सेंधानिमक | ४ तूतिया । शुभ्रः ( पु० ) १ सफेद रंग | २ चन्द्रन | शुभ्रा (स्त्री० ) १ गंगा र स्फटिक | ३ वंशलोचन | शुभिः (पु० ) ब्रह्मा शुंभू ( धा० प० ) [ शंभति ] १ चमकना । २ बोलना ३ अनिष्ट करना। घायल करना। शुंभ ( पु० ) एक दैत्य जिसका वध दुर्गा देवी ने शुम्भः ) किया था। -घातिनी, -मर्दिनी (स्त्री० ) दुर्गा का नाम : - शुर् ) (धा० श्रा० ) [ सूर्यते ]१ घायल करना। शूरे) वध करना।२ करना रोकना थामना शुल्क ( धा० उ० ) [ शुल्कयति शुल्कयते ] पाना २ देना था करना ३ उत्पन्न करना ४ कहना वर्णन करना ५ त्यागना | छोड़ देना -- शुष्क 1 स्थान जो जल के समीप हो। १ नियम विधि | आदेश | शुल्लं ( न० ) रस्सी कमानी २ ताँबा । शुब्ध् ] ( धा० उ० ) [ शुल्वयात शुल्वयति, शुल्व यते, शुल्बयते] देना। दान करना | २ भेजना। पढाना विसर्जन करना विदा करना। शुल्बू नापना । शुल्यं ) ( ५० ) ३ रस्सा | डोरी २ वाँबा। यज्ञीय शुल्वं कर्म विशेष ४ जल का सामीप्य या वह शुश्रू ( श्री० ) माता | शुश्रूषक ( वि० ) आज्ञाकारी शुश्रूषक: ( पु० ) नोकर सेवक । । शुश्रूपणं ( १० ) ) | शुश्रूषा (स्त्री० ) ) १ सुनने का अभिलाष २ सेवा । परिचर्या । ३ कर्त्तव्य- परायणता । आज्ञापालन करने की किया। शुश्रूषा (स्त्री० ) १ श्रवण करने का अभिलाष २ "सेवा चाफरी ३ आशावर्तित्व आज्ञापालन कर्तव्यपरायणता ४ सम्मान प्रतिष्ठा २ कथन | उक्ति । [1] शुश्रूष (वि० ) १ सुनने का अभिलाषी । २ सेवा करने को कामना रखने वाला ३ आज्ञाकारी : शुष् (धा०प० ) [ शुष्यति, शुष्क ] सूख जाना। २ कुम्हला जाना मुरका जाना। 9 शुल्कं ( न० ) } १ कर । महसूल । चुंगी । (विशेष) | शुषिः ( श्री०) १ सुखाने की क्रिया ।छेद।३ सर्प के विपदन्त का खोखला भाग। शुल्कः ( पु० ) १ कर। ( घाट की उतराई का 2 महसूल । २ लाभ । मुनाफ़ा | ३ साई | ४ वह | शुषिर ( वि० ) सुराखों से पूर्ण विश्दार | मूल्य जो कन्या को खरीदने के लिये उसके पिता को दिया जाय। २ विवाह के समय की भेंट ६ विवाह का दैनदायजा ७ वह भेंट जो वर अपनी दुलहिन को दे-ग्राहक -ग्राहिन् (वि० ) | शुषिरः ( पु० ) कर उगाहने वाला । –दः, ( g० ) विवाहोपलक्ष्य | शुषिरा ( श्री० ) अग्नि | २ चुदा। मूस | १ नदी | २ गन्धद्रव्य विशेष । २ में भेंट देने वाला | लौंग 1 शुष: ( पु० ). शुषी ( खी० ) सुखाने की क्रिया २ भूमि रन्ध्र । 9 शुषिरं ( न० ) सुराख । २ अन्तरिक्ष ३ वह बाजा ओ फूंक से या हवा देकर बजाया जाय। शुषिलः ( पु० ) पवन | हवा ! शुष्क (चि० ) : सूखा । २ भुना हुआ। ३ कृश दुबला बनावटी झूठा ५ रीता व्यर्थ निकम्मा ६ धकारण कारण रहित आधार- शून्य ७ कटु । बुरा लगने वाला। ( श्री० ) दिपकली विसतुझ्या-कलंह, ( पु० ) निरर्थक कंगड़ा-वैरं, (२० ) अका-